इन 5 किताबों में पढ़िए Kargil War में दिलेरी से लड़ने वाले रणबांकुरों की अनसुनी शौर्य-गाथा
साल 1999 में भारत ने लद्दाख में उत्तरी कारगिल जिले की पर्वत चोटियों पर पाकिस्तानी सेना को उनके कब्जे वाले स्थानों से सफलतापूर्वक खदेड़ दिया था। कारगिल युद्ध (Kargil War) में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए जबकि करीब 1363 जवान घायल हुए थे। वहीं पाकिस्तान के करीब 4000 सैनिक मारे गए थे। यहां इससे संबंधित Books के बारे में जानने वाले हैं।
कारगिल दिवस को कारगिल विजय दिवस के नाम से भी जाना जाता है। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है। कारगिल दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को याद किया और उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दिन साल 1999 में भारत ने लद्दाख में उत्तरी कारगिल जिले की पर्वत चोटियों पर पाकिस्तानी सेना को उनके कब्जे वाले स्थानों से सफलतापूर्वक खदेड़ दिया था। कारगिल युद्ध (Kargil War) में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जबकि करीब 1363 जवान घायल हुए थे। वहीं पाकिस्तान के करीब 4000 सैनिक मारे गए थे।
शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने युद्ध में अपनी संलिप्तता के आरोपों से इनकार किया था और उसका कहना था कि यह कश्मीरी उग्रवादियों के कारण है। हालाँकि, हताहतों द्वारा छोड़े गए डॉक्यूमेंट और युद्धबंदियों की गवाही ने दावों का खंडन किया। बाद में पाकिस्तानी प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ और सेना स्टाफ़ परवेज़ मुशर्रफ़ के पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने पाकिस्तानी अर्धसैनिक बलों की संलिप्तता का उल्लेख किया था। इन बलों का नेतृत्व जनरल अशरफ़ रशीद कर रहे थे।
कारगिल वार की किताबें (Books On Kargil War): कीमत और डिटेल
वास्तविकता देखी जाए तो करगिल वार में बलिदान देने वाले और उस लड़ाई को जीतने वाले मां भारती के वीर सूपतों के कारनामे सभी को रोमांचित कर देते हैं। ये ऐसे फौलादी सूरमा थे, जिन्होंने देह जमा देनेवाली ठंड और नुकीली-पथरीली जमीन पर भी जबरदस्त पराक्रम दिखाया। हम इस लेख में आपको कुछ ऐसी Books के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जो आपको रोमांचित कर देगा।
1. Kargil: Untold Stories from the War
करगिल नाम की यह Books To Read आपको उन खतरनाक पहाड़ों में लेकर जाता है, जहां भारतीय सेनासे सबसे खूनी लड़ाइयां लड़ी थीं। इस युद्ध में जीवित बचे लोगों और शहीदों के परिवारों का साक्षात्कार लेते हुए रचना बिष्ट रावत असाधारण मानवीय साहस की कहानियाँ सुनाती हैं। न केवल वर्दीधारी पुरुषों की बल्कि उन लोगों की भी जो देश को सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।
अतुलनीय बहादुरी की अपनी गंभीर कहानियों के साथ कारगिल उन 527 युवा बहादुरों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान दे दी। इस किताब के माध्यम से जवानों को सलाम किया गया है। इस किताब को आप हिंदी में भी परचेज कर सकते हैं। Book Price: 225.
2. Kargil Ki Ankahi Kahani
साल 1999 में कारगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की पूरी-की-पूरी दो ब्रिगेड भारतीय इलाके में घुस आई और भारतीय सेना को कानो-कान खबर मिलने तक मोर्चाबंदी कर ली थी, जहां भारतीय सेना ने अपने अतुलनीय पराक्रम से उसे बाहर खदेड़ दिया। मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति देनेवाले जाँबाज भारतीय सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
यह पुस्तक और यह वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार, परमवीर चक्र विजेता, कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता श्री जी.एल. बत्रा के लिखे पूर्वकथन के साथ कारगिल की सच्ची कहानी है। इसे लिखने का काम हरिंदर बवेजा ने किया था, जो कि हिंदुस्तान टाइम्स की एडिटर रही हैं। Book Price: 150 रुपए.
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3. Jo Laut ke Ghar na Aaye
इस किताब में अपने पाँवों चलकर कारगिल, द्रास, बटालिक, मश्कोह, टाइगर हिल्स, तुरतुक की दुर्गम, ऊबड़-खाबड़ लगभग 11000 से 19000 फीट ऊँची बर्फीली चोटियों पर पहुँचे और पाकिस्तानी सैनिकों और भाड़े के घुसपैठियों के खिलाफ दिलेरी से लड़े उन तमाम रणबांकुरों की शौर्य-गाथा दर्ज है, जो शहीद हो गए थे। इस Books On Kargil War शहीदों की शौर्य-गाथा को इस तरह क़थात्मक अंदाज में शब्दों में पिरोया गया है कि पाठक उससे एकदम बंध जाता है।
उसे एक खूबसूरत कहानी पढ़ने जैसा आनंद मिलता है। वह उसमें डूबता-उतराता और रोमांचित होता है। मोर्चे पर घटी घटनाएँ शब्द-चित्र की तरह उसके आस-पास सजीव हो उठती हैं और पाठक उनसे गहरा तादात्म स्थापित कर लेता है। Book Price: 245 रुपए.
4. Tiger Hill Ka Hero
इस किताब को लिखने का काम सूबेदार मेजर (माननीय कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव ने किया है और इसके माध्यम से कारगिल युद्ध की वीरतापूर्ण कहानी का अन्वेषण किया सकता है। इस परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता की प्रेरक आत्मकथा में डूब जाइए, जो भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, वीरता और अदम्य भावना का प्रत्यक्ष विवरण प्रस्तुत करती है।
जैसे-जैसे आप इस Book To read में गहराई से उतरते हैं, सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव द्वारा बताई गई बहादुरी और बलिदान का अनुभव करते हैं। यह कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि है और विपरीत परिस्थितियों में मानवीय भावना के लचीलेपन की खोज है। Book Price: 288 रुपए.
5. Letters From Kargil
गहरे बर्फ में अपनी बंदूकों के साथ सतर्क हमारे सैनिक दुश्मन की हर धमकी का दोगुनी तीव्रता और जोश के साथ जवाब दे रहे हैं, लेकिन मेरा दिल कहीं और है। मई 1999 में भारत पर पाकिस्तान ने कारगिल में हमला कर दिया था। एक आश्चर्यजनक हमले में लद्दाख क्षेत्र में। इस Book On Kargil War को लिखने वाली दीक्षा द्विवेदी के पिता उस युद्ध के शहीदों में से एक थे।
इस खूबसूरत, बेहद मार्मिक पुस्तक में वह अपने पिता और वहां लड़ने वाले अन्य सैनिकों के पत्रों और डायरियों के माध्यम से कारगिल युद्ध की कहानी को बताया है। यह भावनात्मक लेटर्स फ़्रॉम कारगिल युद्ध का अब तक लिखा गया सबसे मानवीय और व्यक्तिगत पिक्चर है।
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FAQ
1. करगिल वॉर के समय प्रधानमंत्री कौन था?
करगिल वॉर के समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे।
2. अब कारगिल किसके पास है?
कारगिल कश्मीर क्षेत्र में भारतीय प्रशासित लद्दाख का एक हिस्सा है। यह भारत प्रशासित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की संयुक्त राजधानी है। यह कारगिल जिले का मुख्यालय भी है। यह लेह के बाद लद्दाख का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
3. कारगिल युद्ध में सबसे बहादुर व्यक्ति कौन थे?
करगिल वॉर में कैप्टन विक्रम बत्रा (9 सितंबर 1974-7 जुलाई 1999) सबसे बहादुर व्यक्तयों में से एक थे। इन्हें मरणोपरांत वीरता के लिए भारत के सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बत्रा पर एक फिल्म भी बनी है, जिसका नाम शेरशाह है।
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