ये हैं सनातन धर्म के आधारभूत ग्रंथ Veda Books के हिंदी वर्जन, यहां से करिए अभी ऑर्डर, सीधे पहुंचेगा घर
बहुत सारे लोग वेद धर्म के मूल को जानने के लिए इन्हें Veda Books Set पढ़ना चाहते हैं लेकिन बहुत सारे लोगों को संस्कृत नहीं आती है और न ये मालूम होता है कि यह कहां मिलेगा? यही कारण है कि Top Deals पर बुक सेट के बारे में बताने जा रहे हैं जो हिंदी अनुवाद के साथ आते हैं।
वेदों को सनातन या हिंदू धर्म का आधारभूत ग्रंथ माना जाता है और यह प्राचीन भारत वर्ष का पवित्र और प्राचीनतम साहित्य भी हैं। वेद विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य भी हैं और ये भारतीय दर्शन के जनक, प्रेरक और मानक भूमिकाओं में केंद्रीय स्थान प्राप्त शब्दप्रमाण हैं। वेद का अर्थ जानना भी होता है और यह इसका शाब्दिक अर्थ ज्ञान है। वेदों को देववाणी के रूप में माना गया है और यही कारण है कि ये श्रुति भी कहलाते हैं। इनको परम सत्य माना गया है और इनमें लौकिक अलौकिक सभी विषयों का ज्ञान भरा पड़ा है। वेदों की संख्या ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद है। बहुत सारे लोग इन्हें पढ़ना चाहते हैं, लेकिन उनके बहुत सारे लोगों को संस्कृत नहीं आती है और ये Book कहां मिलेगा? इसका भी नॉलेज नहीं है।
हिंदी अनुवाद के साथ वेद बुक (Veda Books Set In Hindi): डिटेल और विषयवस्तु
जैसा कि पहले ही कहा है कि बहुत सारे लोग इन्हें पढ़ना चाहते हैं, लेकिन बहुत सारे लोगों को संस्कृत पढनी नहीं आती है और न ही ये मालूम होता है कि यह कहां मिलेगा? यही कारण है कि Top Deals पर बुक सेट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हिंदी अनुवाद के साथ आते हैं।
1. Complete 4 Volume Set of Veda In Hindi
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद का यह सम्पूर्ण वेद भाष्य वेदों के प्रकाण्ड विद्वान् महर्षि देव दयानंद सरस्वती और दामोदर सातवलेकर एवं सायनण टीका पर आधारित है। इसका संपादन करने का काम सत्यवीर शास्त्री जी ने किया है।
इस सम्पूर्ण भाष्य में कुल मिलाकर 3644 पेज है और यह भाष्य साधारण हिन्दी जानने वाला भी आसानी से पढ़ सकता है। यह पूरा सेच पूरी तरह से सही है। इस सेट के अक्षर काफी बोल्ड है, जिसके कारण आप इन्हें आसानी से पढ़ सकते हैं। Book Price: 3,700 रुपए.
2. Vedas in Sanskrit & Hindi
इन Boo to Read को मनोज प्रकाशन ने छापा है और इसका लेखन चार्य वेदांत तीर्थ ने किया दगया हैं। इस कागज, आकार और बाइंडिंग काफी अच्छी है और प्रिंट की गुणवत्ता बहुत शानदार है। इसका टाइपफेस/फ़ॉन्ट बड़ा है और पढ़ने में आसान है।
प्रत्येक श्लोक/वाक्य संस्कृत में है और उसके बाद उसका हिंदी अनुवाद दिया गया है। प्रत्येक पुस्तक में एक इंट्रोडक्शन है जो उपयोगी है। इसमें पढ़ने के लिए लगभग 4500 पेज हैं। Book Price: 2,350 रुपए.
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3. VED Books Set
इस वेद सेट को बड़े प्रारूप और बोल्ड अक्षरों के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे सभी उम्र के पाठकों के लिए इन पवित्र ग्रंथों की गहन शिक्षाओं में खुद को डुबोना आसान हो जाता है। यह क्लीयर, पठनीय पाठ बेहतर पढ़ने के एक्सपीरिएंस को सुनिश्चित करता है।
इस सेट में ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद शामिल हैं, जो आपको वैदिक ज्ञान की समग्र समझ प्रदान करते हैं। इनके माध्यम से प्रत्येक वेद की अद्वितीय अंतर्दृष्टि और शिक्षाओं का पता लगाने के लिए उसकी गहराई में उतरने का वक्त आ गया है। Book Price: 999 रुपए.
4. Complete 8 volume set of veda
इन किताबों में वेद-मन्त्रों की सबसे विस्तृत व्याख्या की गई है और वेद ज्ञान व प्राचीन ज्ञान की कई धाराओं को समाहित करते हैं। कुछ लोग मंत्रों के एक सेट से जुड़ेंगे, जबकि अन्य लोगों को मंत्रों का एक अलग सेट तार्किक और विश्वसनीय लगेगा। यह किसी की ज्ञान की प्यास पर निर्भर करता है कि आप इससे क्या हासिल करने जा रहे हैं।
इनमें आपको वैदिक-गणित, भारतीय दर्शन और इतिहास जैसे विभिन्न विषयों में उधार लिए गए वेद-मंत्र मिलेंगे। इस Book To Read को लिखने का काम आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने किया है। Book Price: 7,100 रुपए.
5. VED set
अमर ज्ञान के सोर्स चारों वेद का हिंदू धर्म में बहुत ज्याद महत्व है और ये हिन्दू धर्म की आधारशिला माने जाते हैं। ऋग्वेद (Rigveda), सामवेद (Samaveda), यजुर्वेद (Yajurveda) और अथर्ववेद (Atharvaveda) धार्मिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक ज्ञान के सोर्स हैं और मानव जीवन को एक नेतृत्व देते हैं। उसको समृद्धि की ओर ले जाता हैं।
हर वेद का विशिष्ट और अद्वितीय ज्ञान और उसका महत्व व्याख्यात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही यह सेट आपको अपने आध्यात्मिक सफर में गहराई से जाने के लिए प्रेरित करती है।
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FAQ
1. मुझको सबसे पहले कौन सा वेद पढ़ना चाहिए?
वेदों को पढ़ने का कोई निर्दिष्ट क्रम नहीं है, लेकिन चूँकि ऋग्वेद चारों वेदों में सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए ऋग्वेद को सबसे पहले पढ़ा जा सकता है।
2. वेद-पुराणों को किसने लिखा?
सबसे पहले वेद पुराणों से भी पुराने हैं, जो लगभग 1500-500 ईसा पूर्व संकलित किए थे। माना जाता है कि इन्हें वेदव्यास द्वारा संकलित किया गया था। वहीं पुराणों का संकलन संभवतः तीसरी और दसवीं शताब्दी के बीच हुई थ।
3. वेद पुराण में क्या लिखा है?
वेद वैदिक संस्कृत में रचित धार्मिक ग्रंथों का एक बड़ा समूह हैं और व्यापक रूप से हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ माने जाते हैं। पुराण भारतीय साहित्य का एक विशाल संग्रह है जो किंवदंतियों और पारंपरिक लोककथाओं जैसे विषयों की एक बड़ी सीरीज को कवर करता है।
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