Navratri First Day: मां दुर्गा का पहला रूप है शैल पुत्री, जानें घर के मंदिर को कैसे सजाएं
Navratri First Day हिंदू धर्म मे शारदिय नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत Shailputri Mata की अर्चना की जाती है। इस दौरान अपने घर के मंदिर को कैसे सजाएं? क्या-क्या जरूरी सामान है? इन सब सवालों का पाने के लिए यह लेख पढ़ें।
Navratri First Day: नवरात्रि का त्योहार पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि का अर्थ होता है ‘नौ विशेष रातें’ इन नौ रातों में देवी शक्ती और उनके नौ रूपों की अराधना की जाती है। यह पर्व अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है और दसवें दिन दशहरे के साथ इसका समापन होता है। नौ दिनों के इस पर्व पर पहले कलश स्थापना ( घट स्थापना ) की जाती है और मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का पर्व साल में चार बार आता है जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती हैं। चलिए जानते हैं कैसे सजाएं माता के मंदिर को।
Shardiya Navratri Day One: 15 अक्टूबर से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि को समाप्त हो रही है। इसके बाद दसवीं को दशहरा मनाया जाएगा। प्रतिपदा के पहले दिन घट की स्थापना ( कलश स्थापना ) की जाती है, जिसमें नौ दिन तक अखंड ज्योत जलाई जाती है। इस साल नवरात्रि रविवार 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रही है, जिसके चलते Navratri First Day इसी दिन पड़ रहा है और मंगलवार 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी। वहीं 24 अक्टूबर विजयादशमी (दशहरा) का पर्व मनाया जाएगा। आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात्रि 11:24 मिनट से शुरू होगी और 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होगी।
Navratri First Day: ऐसे सजाएं माता के मंदिर को
नवरात्री के पहले दिन से लेकर नौवें दिन तक त्योहार होता है तो जाहिर सी बात है उसके लिए खास तरह से तैयारियां की जाती हैं। जैसे घर की सफाई, नए कपड़ों की खरीदारी और विशेष रूप से मंदिर की सजावट। कहते हैं कि यदि मंदिर को अच्छी तरह से सजाया जाए तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं। ऐसे में यहां आपको मंदिर की सजावट के लिए बेहतरीन विकल्प के बारे में बताया जा रहा है, जिसके साथ इस Navratri 2023 पर मंदिर की सजावट के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
1. Handicrafts puja chowki
इस Shardiya Navratri Day One को विशेष बनाने के लिए इस डिजाइनर चौकी का चुनाव कर सकते हैं। इसमें काफी बड़ा साइज दिया गया है, जो हर साइज की देवी की मूर्ती के लिए एकदम सही रहेगा।
इसमें चौकी को रोकोमो के कुशल कारीगरों ने बनाया है और एक ट्रेडिशनल लुक दिया है। यह डिजाइनर चौकी नवरात्रि के अवसर पर माता की स्थापना के लिए ऑनलाइन खरीद सकते हैं। Handicrafts puja chowki Price: Rs 699.
2. DIVINITI Shailputri Mata Photo
मां शैलपुत्री का यह फोट फ्रेम इस Navratri First Day के लिए खरीद सकती हैं। इसमें 24K गोल्ड प्लेटेड मां का फोटो मिल जाता है, जो काफी आकर्षक लगता है।
इस फोटो फ्रेम के नोब पर भी 24 केरेट गोल्ड का पॉलिश किया गया है। यह Shailputri Mata का फोटो फ्रेम ड्यूरेबल स्टेंड के साथ आता है जिसके साथ इसे चौकी पर रखा जा सकता है। Shailputri Mata Photo Price: Rs 4,369.
3. Spillbox Traditional Handcrafted Brass Puja Thali Set
यह पूजा थाली सेट इस Shardiya Navratri Day One के लिए बेस्ट च्वाइस है। इसमें ओरिजनल ब्रास से बनाया गया है। यह हैंडमेंड पूजा थाली एक कंप्लीट सेट के रूप में आपको मिल रहा है।
इस सेट में आरती की थाली, दीया, घंटी, धूप, अगरबत्ती होल्डर, पंचामृत सेट, चम्मच और कलश आदि पूजा में काम आने वाली सभी सामग्री दी गई है। पहले दिन से लेकर नवरात्रि के नौ दिन तक आपके काफी काम आने वाली है। Spillbox Puja Thali Set Price: Rs 1,199.
4. Indian Art Villa Pure Copper Pooja Kalash
पूजा के समय कलश बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आप इस डिजाइनर कलश को इस Shardiya Navratri के लिए खरीद सकती हैं। इस कलश पर स्वास्तिक और श्री का डिजाइन मिल रहा है, जो बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस डिजाइनर कलश में प्योर कॉपर का मेटेरियल इस्तेमाल किया गया है। Navratri 2023 में पूजा अनुष्ठान के समय घर में सकारात्मक उर्जा व शांती के लिए भी यह कलश काफी महत्वपूर्ण है। इस पर जो कच्चा सूत बांधा जाता है वह ऊर्जा को बांधे रखकर एक अंगूठी बनाता है, जो घर में सकारात्मक उर्जा का प्रवाह करता है। Indian Art Pooja Kalash Price: Rs 815.
5. Rajasthan Art and Craft Wooden Chowki
इस साल Navratri First Day पर माता की स्थापना के लिए डिजाइनर चौकी लेने की सोच रही हैं, तो इस चौकी का चुनाव कर सकती हैं। राजस्थानी कला और शिल्प लकड़ी की यह चौका काफी आकर्षक लगती है।
इसमें 15 x 15 इंच का काफी अच्छा साइज दिया गया है और राजस्थानी पेटर्न पर डिजाइन किया गया है। इस ट्रेडिशनल लुक की चौकी में बेस्ट क्वालिटी की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है और बहुत ही बारीक डिजाइन में फूलों को बनाया गया है। Shardiya Navratri के खास उत्सव के लिए इस कलश का चुनाव कर सकती हैं। Rajasthan Art Chowki Price: Rs 1,499.
FAQ: Navratri First Day
1. शारदिय नवरात्री कब से शुरू हो रही है?
इस साल Shardiya Navratri Day One की शुरूआत रविवार 15 अक्टूबर से होगी और मंगलवार 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्री समाप्त होगी।
2. नवरात्री पर पहले किस देवी के रूप की पूजा की जाती है?
मां को नौ रूप में से Navratri First Day पर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
3. मां शैलपुत्री की पूजा करते समय किस तरह की विधि करना चाहिए?
मां शैलपूत्री की तस्वीर स्थापित करें और उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। उसके उपर केसर से “शं” लिखें और उसके उपर मनोकामना पूर्ती गुटिका रखें। इसके बाद Shailputri Mata के पैरों में कुमकुम और अक्षत लगाएं। मां शैलदेवी को श्वेत रंग बहुत पसंद है इसीलिए सफेद रंग के पुष्प लेकर शैल देवी का ध्यान करें और शैलपुत्री मंत्र का उच्चारण करें।
4. Navratri First Day: नवरात्री में कलश स्थापना की विधि क्या है?
मां दुर्गा को लाल रंग बहुत प्रिय था। इसीलिए कोशिश करें की लाल रंग की चौकी खरीदें। इसके साथ कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी आदि सामग्री भी जरूरी है।
1. प्रात: स्नान करके मंदिर की साफ सफाई करके गणेश जी का नाम लें और मां दुर्गा का नाम लेते हुए अखंड ज्योत जलाएं।
2. कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें। अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें गंगाजल की बूंदे मिलाएं।
3. फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें। इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं। अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें।फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें।
4. अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें आपने जौ बोएं हैं। घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प लिया जाता है। आप चाहें तो कलश स्थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योति भी जला सकते हैं।
5. Navratri 2023: मां शैलपुत्री की तिथि और पूजा की विधि क्या है?
मां दुर्गा के रूपों में सबसे पहले मां शैल पुत्री की पूजा की जाती है। मां शैल पुत्री हिमालया की पुत्री हैं इसी वजह से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। मान्यता है कि शैल पुत्री की अराधना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सबसे पहले Navratri First Day पर मां शैल पूत्री की तस्वीर स्थापित करें और उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। उसके उपर केसर से “शं” लिखें और उसके उपर मनोकामना पूर्ती गुटिका रखें। इसके बाद मां शैल पुत्री के पैरों में कुमकुम और अक्षत लगाएं। मां शैल देवी को श्वेत रंग बहुत पसंद है इसीलिए सफेद रंग के पुष्प लेकर शैल देवी का ध्यान करें।
और शैलपुत्री मंत्र का उच्चारण करें
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
मंत्र संख्या पूरी होने के बाद मां से अपनी मनोकामना पूरी करते हुए प्राथना करना चाहिए और पुष्प अर्पित करना चाहिए। इसके बाद भोग अर्पित करें और मां शैल पुत्री के मंत्रों का जाप करें। जप कम से कम 108 होना चाहिए। मां शैलपुत्री को सफेद दिखने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि खीर, चावल, सफेद मिष्ठान आदि का भोग लगाना चाहिए।
6. Shardiya Navratri: मां शैलपुत्री की कथा क्या है?
नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा बहुत विधि विधान से की जाती है। मां दुर्गा को सबसे पहले Shailputri Mata के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां जन्म लेने के कारण इनका नाम शैल देवी पड़ा। इनका वाहन वृषभ है। इसलिए यह वृषारूणा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कनल सुशोभित है। यह देवी दुर्गा का पहला रूप हैं।
मां शैलपुत्री के रूप को लेकर यह पौराणिक कथा प्रचलित है कि जब मां ने माता पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया था तब वह मनुष्य अवतार में थी। भगवान शिव के समान देविय अवतार धारण करने और भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता ने घोर तप किया था। जिसके बाद भगवान शिव नें उन्हें अपनी अर्धांगिनी माना था। माता का यही तपस्विनी रूप मां शैलपुत्री के रूप में जाना जाता है। नवरात्री की शुरूआत इसी देवी की पूजा से की जाती है।
7. Navratri First Day: किन चीजों को करने से बचें?
Navratri First Day: इन चीजों को करने से बचें
1. घर को बिल्कुल भी अकेला न छोड़ें।
2. जिन लोगों का व्रत होता है, उन्हें चावल, गेहूं का आटा, मशरूम, बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए।
3. व्रत के दौरान चाय-कॉफी पीने से बचना चाहिए।
4. कन्याओं का दिल न दुखाएं।
5. लहसुन-प्याज का सेवन करने से बचें।
6. मांसाहारी खाने का सेवन बिल्कुल न करें।
7. मदिरा सेवन से दूर रहें।
8. Navratri 2023: कलश स्थापना की तिथि और मुहूर्त कब है?
15 अक्टूूबर से शुरू हो रही Shardiya Navratri Day One की शुरूआत कलश स्थापना के साथ होती है, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि पर कलश स्थापना का खास महत्व है कलश स्थापना देवी का आह्वान होता है। नवरात्रि पर्व की शुरूआत घट स्थापना के साथ ही होती है जिसके लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किया जाता है। अगर किसी कारण से मुहूर्त पर कलश की स्थापना ना हो सके तो अभिजित मुहूर्त पर धट स्थापना की जा सकती है। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है, जो कि सामान्यत 40 मिनट का होता है। इस साल Shardiya Navratri 2023 में शारदीय नवरात्री 15 अक्टूबर को शुरू होगी। कलश स्थापना का मुहूर्त 15 अक्टूबर रविवार को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है। ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेगा। घटना स्थापना का अभिजित मुहूर्त सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक होगा।
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