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स्वाद नहीं-जिंदगी की डोर खत्म कर रहे मसाले; आगरा में 15 मसालों निकले असुरक्षित, नामी कंपनियों के है सभी नमूने

Spice Samples Found Unsafe In Agra मानकों से कहीं अधिक मिला कवकनाशी दवाएं। जल्द दर्ज होगा मुकदमा सात नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार। 42 मसालों के नमूने मई में टीम ने लिए थे। सात नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी रह गया है। वहीं असुरक्षित और अधोमानक मसालों की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। नियमानुसार छह माह की जेल का भी प्रावधान है।

By amit dixit Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 22 Jun 2024 08:48 AM (IST)
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Agra News: विभिन्न मसालों की प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। अगर आप आंख मूंदकर गरमा मसाला या फिर कश्मीरी मसाला, दाल मसाला खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। स्वाद के लिए जिन मसालों का प्रयोग दाल, सब्जी या फिर अन्य व्यंजनों में किया जा रहा है। ऐसे मसाले सेहत के लिए खतरनाक हैं। इससे आपकी जिंदगी की डोर खत्म हो रही है।

यह पर्दाफाश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में हुआ है। 35 में 15 मसालों के नमूने असुरक्षित और एक नमूना अधोमानक निकला है। यह सभी नामचीन कंपनियों के मसाले हैं। 

मसालों के नमूनों के लिए चलाया था विशेष अभियान

प्रदेश सरकार के आदेश पर एफएसडीए टीम ने मई में गरमा मसाला, कश्मीरी मिर्च, धनिया पाउडर सहित अन्य मसालों के नमूने लेने का विशेष अभियान चलाया था। पहली बार टीम ने निजी लैब में 265 पैरामीटर पर जांच कराई थी। इसकी रिपोर्ट शुक्रवार को एफएसडीए कार्यालय में मिली।

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सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड-2 अमित सिंह ने बताया कि पहली बार इस तरीके से मसालों के नमूने लिए गए थे। निजी लैब में जांच में सामने आया कि कवकों को खत्म करने के लिए मात्रा से कहीं अधिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया है। सेहत के लिए अधिक दवा का प्रयोग किसी भी रूप में उचित नहीं है। ऐसी सभी कंपनियों को नोटिस जारी किया जा रहा है।

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इन कंपनियों के असुरक्षित निकले मसाले

धनिया पाउडर : शिल्पा मसाले में सबसे अधिक मात्रा में क्लाथियानिडीन पाया गया है। इस कीटनाशक दवा का प्रयोग कीटों को दूर रखने के लिए किया जाता है। इसी तरह से फ्लूओपाइरम भी मिला है। फंगल रोगों को नियंत्रित करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

कश्मीरी मिर्च : चौबे जी ब्रांड के कश्मीरी मिर्च में एथियन, फ्लूओपाइरम, मेटाबोलाइट्स मिले हैं। यह सभी जितनी मात्रा होनी चाहिए। उसे कहीं अधिक है।

दाल मसाला : चौबे जी मसाला के दाल मसाला की सबसे अधिक बिक्री होती है। इसमें बिफेन्थ्रिन और फिप्रोनिल की मात्रा अधिक मिली है।

बिफेन्थ्रिन का प्रयोग चींटियों को दूर रखने के लिए किया जाता है।

गरमा मसाला व कश्मीरी मिर्च : जीत ब्रांड का गरमा मसाला में एथियन, मेटाबोलाइट्स, कश्मीरी मिर्च में बिफेन्थ्रिन, फिप्रोनिल की मात्रा अधिक मिली है।

लाल मिर्च पाउडर : अग्रवाल मसाले के लाल मिर्च पाउडर में एथियन, क्लाथियानिडिन की मात्रा निर्धारित मात्रा से कहीं अधिक मिली है। वहीं लाल मिर्च पाउडर का हर्षवर्धन मसाले का नमूना भी असुरक्षित मिला है। बिफेन्थ्रिन और फिप्रोनिल की मात्रा अधिक मिली है।

गरम मसाला, साम्भर मसाला व पाव भाजी मसाला : आशीष मसाले के तीन नमूने असुरक्षित निकले हैं। इसमें गरमा मसाला, साम्भर मसाला और पाव भाजी मसाला शामिल है। इसमें सबसे अधिक फ्लूओपाइरम, क्लाथियानिडिन, फिप्रोनिल की मात्रा निकली है।

किचन किंग, सब्जी और गरमा मसाला : विश्वास मसाले के तीन मसालों के नमूने फेल हुए हैं। इसमें किचन किंग, सब्जी मसाला और गरम मसाला शामिल है। तीनों मसालों में एथियन, क्लाथियानिडिन की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक निकली है।

लाल मिर्च पाउडर : दया मसाला उद्योग का लाल मिर्च पाउडर का नमूना असुरक्षित निकला है। बिफेन्थ्रिन और फिप्रोनिल की मात्रा अधिक निकली है।

गरम मसाला : अंधा पंसारी मसाले का गरमा मसाला का नमूना फेल हुआ है। इसमें फिप्रोनिल, फ्लूओपाइरम की मात्रा निर्धारित मात्रा से अधिक मिली है।

सब्जी मसाला : अग्रवाल इंडस्ट्रीज का सब्जी मसाला अधोमानक मिला है। इसमें स्पाइस कटेंट की मात्रा कम मिली है।

40 सब्जियों के पहली बार लिए गए नमूने

एफएसडीए टीम ने हाल ही में 40 सब्जियों के नमूने 40 ठेल से लिए हैं। इसमें शिमला मिर्च, टमाटर, आलू, बैंगन, कटहल, कद्दू, तुरोई सहित अन्य शामिल हैं। इन सभी सब्जियों में कहीं कीटनाशकों का प्रयोग तो नहीं किया गया है। इसकी जांच निजी लैब में कराई जा रही है। यह पहला मौका है जब शासन ने इतने अधिक पैमाने में सब्जियों के नमूने लेने के आदेश दिए थे।

असुरिक्षत में छह माह की जेल और तीन लाख का जुर्माना

असुरक्षित नमूनों की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट में होती है। छह माह की जेल से लेकर तीन लाख रुपये तक अधिकतम जुर्माना का प्राविधान है। इसी तरह से अधोमानक नमूनों की सुनवाई एडीएम सिटी कोर्ट में होती है। अधिकतम पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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