156 दवाओं पर प्रतिबंध: डॉक्टर अलग-अलग देंगे बुखार-दर्द और एलर्जी की दवा, आगरा के मेडिकल स्टोरों पर करोड़ों का माल अटका
सरकार द्वारा प्रतिबंधित 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) की दवाओं में पैरासिटामोल ट्रॉमाडोल टारिन और कैफीन का संयोजन होता है। इनके इस्तेमाल से कई तरह के दुष्परिणाम हो सकते हैं जैसे कि गुर्दा लिवर और अन्य अंगों को नुकसान। प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट में कई लोकप्रिय दवाइयां शामिल हैं। जैसे कॉम्बिफ्लेम पैनाडोल एक्स्ट्रा और वोलिनी। जिन दवाओं को प्रतिबंधित किया है उनका करोड़ों का स्टाक उपलब्ध है।
जागरण संवाददाता, आगरा। सर्दी जुकाम, बुखार और दर्द के लिए तीन की जगह एक टैबलेट, दवा कंपनियों द्वारा दो से तीन तरह की दवाओं के साल्ट की काकलेट से तैयार की गई एक टैबलेट घातक हो रही है। कई तरह से साल्ट को एक साथ मिलाने से असर के साथ ही साइड इफेक्ट (दुष्परिणाम) भी बढ़े हैं।
इनसे गुर्दा, लिवर सहित अन्य अंगों पर असर पड़ रहा है, सरकार ने ऐसी 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन (एफडीसी) पर प्रतिबंध लगा दिया है।11 राज्यों में दवाओं की सप्लाई करने वाले फव्वारा थोक दवा बाजार के कारोबारी और मेडिकल स्टोर संचालक के होश उड़े हुए हैं। जिन दवाओं को प्रतिबंधित किया है उनका करोड़ों का स्टॉक उपलब्ध है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दर्द की दवाओं के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले पैरासिटामोल, ट्रॉमाडोल, टारिन और कैफीन के संयोजन सहित 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन (एफडीसी) पर प्रतिबंध लगा दिया है। वायरल संक्रमण से होने वाले सर्दी जुकाम, बुखार, घुटने के दर्द, पीठ के दर्द में डाक्टरों के साथ ही मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा मरीजों को एफडीसी टैबलेट दी जा रही हैं।
प्रतिबंध के बाद डाक्टरों द्वारा बुखार, एलर्जी, दर्द के लिए अलग−अलग टैबलेट देनी होगी। इससे टैबलेट की संख्या बढ़ जाएगी लेकिन दुष्परिणाम ज्यादा नहीं होंगे। इन 156 एफडीसी की अलग अलग कंपनियों के करीब 5000 ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं। थोक दवा बाजार के साथ ही मेडिकल स्टोरों पर करोड़ों की दवाओं का स्टाक है।
सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि 156 दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, इन दवाओं की बिक्री नहीं की जाएगी। दवा कंपनियों को दवाएं वापस करनी होगी। इस पर नजर रखी जाएगी।
दवाओं के साल्ट मिलाने से बढ़ रहे दुष्परिणाम
एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रो प्रभात अग्रवाल ने बताया कि हर दवा का दुष्परिणाम होता है। जब एक तरह की दवा को दूसरी के साथ मिला दिया जाता है तो उसके दुष्परिणाम भी बढ़ जाते हैं। इस तरह के काम्बीनेशन तैयार करने से पहले बड़े स्तर पर स्टडी की जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इन दवाओं के दुष्परिणाम के बारे में ज्यादा पता नहीं है। दवा कंपनियों ने मरीज और डाक्टर की सहूलियत के लिए कॉम्बीनेशन ड्रग तैयार कर दीं। इससे पहले बच्चों में दिए जाने वाले निमेसुलाइड और पैरासिटामोल सिरप के लिवर पर दुष्परिणाम सामने आने के बाद रोक लगा दी गई थी।
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