Banke Bihari Mandir भगदड़ प्रकरण: 16 दिन की जांच में तैयार हुई 160 पन्नों की रिपोर्ट, शासन तक पहुंची
Banke Bihari Mandir शासन को भेजी 150 पन्नों की जांच रिपोर्ट। जांच समिति के अध्यक्ष व सदस्य ने मथुरा-वृंदावन पहुंचकर फाइनल की रिपोर्ट। पब्लिक मंदिर प्रबंधन और प्रशासन का पक्ष भी बना जांच रिपोर्ट का हिस्सा। भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 04:00 AM (IST)
जागरण, आगरा टीम। वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट बुधवार को फाइनल हो गई। 150 पेज की जांच रिपोर्ट देर शाम शासन को भेज दी गई।
जांच कमेटी के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह व अलीगढ़ मंडलायुक्त गौरव दयाल ने इससे पहले हर पहलू को जोड़ते हुए रिपोर्ट तैयार की थी। बुधवार को लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। रिपोर्ट में भविष्य में इस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति रोकने पर अधिक जोर दिया गया है।
दो श्रद्धालुओं की मौत हुई थी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान भीड़ अधिक होने पर हादसा हो गया है। इसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। कई घायल हो गए थे। हादसे के बाद शासन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इसमें पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह व मंडलायुक्त गौरव दयाल को शामिल किया गया।घटना के बाद समिति ने पहले गोपनीय रूप से हर पहलू की जांच की, इसके बाद सार्वजनिक रूप से दो बार आकर जांच की। कमेटी के समक्ष करीब तीन सौ लोगों ने लिखित सुझाव दिए। जबकि निरीक्षण के दौरान भी करीब दो सौ लोगों ने अपनी बात रखी। मंदिर प्रबंधन ने भी अपना पक्ष रखा।
सीसीटीवी फुटेज और सभी पक्ष लेकर सुझाव भी भेजेकमेटी ने मंदिर के आसपास गलियों का भी भ्रमण किया। पहली बार 23 अगस्त को जांच कमेटी पहुंची। करीब 16 दिन तक मंथन के बाद टीम ने रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज, पुलिस और प्रशासन का पक्ष, मंदिर प्रबंधन के साथ ही करीब दो सौ लोगों के मौखिक और करीब तीन सौ लोगों के लिखित सुझावों को भी शामिल किया गया है।
मंदिर में दोबारा ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो, इस पर जोर दिया गया है। पूर्व में भी हुए हादसों को भी रिपोर्ट का हिस्सा बनाया गया है। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। सभी तरह के सुझाव शामिल किए गए हैं। इनमें समस्याओं को भी इंगित किया गया है, तात्कालिक सुधार संबंधी सुझाव भी भेजे गए हैं।
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