Move to Jagran APP

Agra News: पुलिस दबिश के दौरान आठवीं मंजिल से गिरकर अधिवक्ता की मौत, रिश्तेदार ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी मामला

अपार्टमेंट के गार्ड राकेश ने बताया कि रात में अधिवक्ता और उनकी पत्नी फ्लैट में थे। सादा कपड़ों में पहुंचे लोगों ने रजिस्टर में एंट्री कराई। कुछ पुलिसकर्मी सीधे अधिवक्ता के फ्लैट में पहुंच गए। अधिवक्ता पुलिस से बचने के लिए खाली फ्लैट नंबर 802 में घुसे। इसके कुछ मिनट बाद ही वे नीचे गिर पड़े। दबिश में शामिल पुलिसकर्मी भागने लगे।

By Jagran News Edited By: Vivek ShuklaUpdated: Sat, 02 Mar 2024 08:53 AM (IST)
Hero Image
घटना के बाद मौके से पुलिस कर्मी भाग गए।
 जागरण संवाददाता, आगरा। पुलिस की दबिश के दौरान देर रात वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा की अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई। उनके शव को गाड़ी में डालकर पुलिस ले गई। देर रात स्वजन और परिचित एसएन इमरजेंसी पहुंच गए। हंगामे की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी भी पहुंच गए।

सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित मंगलम आधार अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट नंबर 801 में सुनील शर्मा रहते थे। उनके खिलाफ दो फरवरी को न्यू आगरा थाने में रिश्तेदार मनोज शर्मा ने धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। अधिवक्ता और उनके पक्ष के लोगों ने अधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखा था। वे खुद को बेगुनाह बता रहे थे।

धोखाधड़ी के मामले में न्यू आगरा पुलिस ने शुक्रवार रात 10.45 बजे उनके अपार्टमेंट में दबिश दी। सात से आठ पुलिसकर्मियों में दो महिला पुलिसकर्मी थीं। इनके अलावा दो लोग सादा कपड़ों में थे। अपार्टमेंट के गार्ड राकेश ने बताया कि रात में अधिवक्ता और उनकी पत्नी फ्लैट में थे। सादा कपड़ों में पहुंचे लोगों ने रजिस्टर में एंट्री कराई। कुछ पुलिसकर्मी सीधे अधिवक्ता के फ्लैट में पहुंच गए।

इसे भी पढ़ें- योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का अब होगा विस्तार, ओम प्रकाश राजभर सहित इन बड़े नेताओं को मिल सकती है सरकार में जगह

अधिवक्ता पुलिस से बचने के लिए खाली फ्लैट नंबर 802 में घुसे। इसके कुछ मिनट बाद ही वे नीचे गिर पड़े। दबिश में शामिल पुलिसकर्मी भागने लगे। अपार्टमेंट के नीचे स्थानीय निवासी टहल रहे थे। उन्होंने अधिवक्ता को नीचे पड़े देखा तो गार्ड को बुला लिए। पुलिसकर्मी अपार्टमेंट से गाड़ी में बैठकर जाने लगे।

स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिसकर्मी सुनील शर्मा को गाड़ी से एसएन इमजरेंसी ले गए। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होते ही कई थानों के फोर्स के साथ डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय एसएन इमरजेंसी पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने अपार्टमेंट में नमूने लिए।

सीसीटीवी कैमरे भी देखे गए। इसमें पुलिसकर्मी 10.45 बजे अंदर जाते हुए दिख रहे हैं। अधिवक्ता फ्लैट नंबर 802 से 11.10 बजे नीचे गिरते दिखे हैं।डीसीपी का कहना है कि अधिवक्ता की फ्लैट से गिरने के कारण मृत्यु हुई है। सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग चेक की जा रही है।

इसे भी पढ़ें- बिजली विभाग का बड़ा फैसला, काम न करने वाले संविदाकर्मी 15 दिन के अंदर हो जाएंगे बेरोजगार

देर रात तक चलती रही बैठकें

पुलिस दबिश के दौरान अधिवक्ता की मौत हुई है। बवाल की आशंका के चलते शहर भर का फोर्स देर रात अधिकारियों ने एसएन इमरजेंसी पर बुला लिया। देर रात तक बैठकों का दौर चला। इमरजेंसी, पोस्टमार्टम हाउस और दीवानी पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा।

भूमि के विवाद में दर्ज हुआ था मुकदमा

अपहरण करके करोड़ों की जमीन नाम कराने के आरोप में न्यू अगारा थाने में दो फरवरी को मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक सुनील शर्मा और मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा सहित पांच नामजद हैं। मुकदमे में 20-25 अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। केके नगर निवासी मनोज कुमार शर्मा ने दर्ज कराया था।

उन्होंने मुकदमे में आरोप लगाया था कि 31 जनवरी की सुबह वह दीवानी आए थे। दीवानी के बाहर से उनका अपहरण कर लिया गया। उन्हें लायर्स कालोनी स्थित एक तीन मंजिला फ्लैट में ले जाया गया। आरोप है कि उमेश जोशी ने उन पर रिवाल्वर तान दी। बिजली के तार से उनका गला घोंटने का प्रयास किया गया।

दस्तावेज लेखक राम उपाध्याय और उनका बेटा भी वहां मौजूद थे। उनसे लिखित स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराए गए। अंगूठे की निशानी ली गई। कागजों पर उनका फोटो विक्रेता के रूप में लगा हुआ था। राम उपाध्याय और उनका बेटा वहां से चले गए। करीब डेढ़ घंटे बाद वापस लौटकर आए।

कुछ कागजों पर उनसे फिर से हस्ताक्षर कराए। उन पर सुनील शर्मा और उनका फोटो लगा था। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि कूटरचित दस्तावेज बनाकर उनकी भावना एस्टेट के पास स्थित 1107 गज जमीन अपने नाम कराई गई है। इसी मुकदमे में पुलिस सुनील शर्मा की तलाश में पहुंची थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।