Agra News: भीषण हादसे में खाेया जिगर का टुकड़ा, बेटे का आखिरी बार चेहरा नहीं देख सकी मां, दादी के साथ हुआ लाडले नाती का अंतिम संस्कार
Agra Road Accident Inside Story योगेंद्र शर्मा और कुमकुम शर्मा का अथर्व इकलौता बेटा था। दादी रेखा शर्मा के बिना वह एक पल भी नहीं रहता था। मां से ज्यादा दादी से प्यार करता था। एक वर्ष पहले ही उसका प्रवेश रामबाग के स्कूल में कराया था। शनिवार को स्कूल की ओर से पिकनिक गई थी। इसके लिए उसने दादी से जिद करके नया बैग लिया था।
जागरण संवाददाता, आगरा। मां कुमकुम शर्मा आखिरी बार बेटे अथर्व का चेहरा तक नहीं देख सकीं। पिता योगेंद्र शर्मा भी मां और बेटे का चेहरा नहीं देख सके। दुर्घटना में शव इतने क्षत-विक्षत हो चुके थे कि स्वजन अंतिम संस्कार से पहले उनका चेहरा नहीं देख सके। रविवार दोपहर दादी और नाती की अर्थी एक साथ उठी तो कालोनी वालों की आंख नम हो गईं।
आवास विकास कालोनी सेक्टर पांच की रहने वाले रेखा शर्मा और उनके नाती अथर्व शर्मा समेत छह लोगों की शनिवार दोपहर गुरु का ताल कट ब्लैक स्पाट पर मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने शनिवार रात को ही सभी शव का पोस्टमार्टम करा दिया था। कई के स्वजन ने रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया था। रेखा और नौ वर्षीय नाती अथर्व के सगे संबंधी रविवार सुबह पहुंचे।
बेटे का चेहरा नहीं देख सकी मां
मां कुमकुम शर्मा का रो-राेकर बुरा हाल था। वह बेटे का चेहरा देखना चाहती थीं। वह बिलखती रहीं, लेकिन परिवार के लोग जानते थे कि लाडले का चेहरा दिखाते मां इसे सहन नहीं कर पातीं। रविवार दोपहर दादी और नाती की अर्थी एक साथ उठी तो लोगों की आंख नम हो गईं।
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स्वजन ने बताया कि रामबाग पर नया घर बनवाया है। वहां रहने की तैयारी थी। इसके चलते अथर्व का प्रवेश रामबाग इलाके के एक स्कूल मे करा दिया था। इससे पहले वह आवास विकास कालोनी के एक स्कूल में पढ़ रहा था।
12 नवंबर को छोटी बहन का धूमधाम से मनाया था जन्मदिन
अथर्व ने छोटी बहन का पहला जन्मदिन 12 नवंबर को धूमधाम से मनाया था। उसका अपना जन्मदिन नौ अप्रैल को पड़ता था। इस बार जन्मदिन पर पिता से बैडमिंटन रैकेट लेने फरमाइश पहले से कर रखी थी। छोटी बहन नचिता एक वर्ष की है।
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पुलिसकर्मियों के आंखों के सामने तैरता रहा दृश्य
दो कंटेनर के बीच फंसने से आटो के परखच्चे उड़ गए थे। आटो में फंसे शवों को निकालने वाले पुलिसकर्मी भी पूरी रात नहीं सो सके। वह जब भी सोने का प्रयास करते, खौफनाक दृश्य आंखों के सामने तैर जाता। बचाव करने वाले कई पुलिसकर्मियों का कहना था कि दुर्घटना में ऐसा दृश्य उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। क्षत-विक्षत शवों को निकालने के दौरान वह खुद सहम गए थे।