Move to Jagran APP

Agra Air Pollution News: ताज के शहर में फूटा 'प्रदूषण का बम', हर जगह धूल का गुबार; ताजमहल के पास भी दिखा असर

Agra Air Quality Update News वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। संजय प्लेस शहर का सबसे प्रदूषित क्षेत्र रहा जहां हवा में घुले अति सूक्ष्म कणों की मात्रा 380 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई। यह स्थिति बुजुर्गों बच्चों रोगियों और स्वस्थ लोगों के लिए भी हानिकारक है। शहर के अन्य क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 24 Oct 2024 02:36 PM (IST)
Hero Image
Agra News: प्रदूषण की खबर का फाइल फोटो इस्तेमाल किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। दीपावली से पूर्व ही शहर में वायु प्रदूषण का बम फूट गया है। बुधवार को शहर में हर तरफ धूल का गुबार छाया नजर आया। संजय प्लेस सर्वाधिक प्रदूषित रहा। यहां हवा में घुली अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 380 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई, जो बहुत खराब स्थिति है।

हवा में घुले अति सूक्ष्म कण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्धारित मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के नौ गुणा से अधिक रहे। इससे बुजुर्गों, बच्चों, रोगियों के साथ ही स्वस्थ लोगों को भी दिक्कत हुई।

ऐसी रही शहर में हवा

शहर में बुधवार को संजय प्लेस, सेक्टर तीन-बी आवास विकास कॉलोनी, रोहता में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक बहुत खराब स्थिति में दर्ज की गई। मनोहरपुर और शाहजहां गार्डन में हवा में घुले अति सूक्ष्म कण 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहे, जो खराब स्थिति है। हवा में सर्वाधिक धूल कण शाहजहां गार्डन में 285 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किए गए। संजय प्लेस, सेक्टर तीन-बी आवास विकास कालोनी, शाहजहां गार्डन में धूल कण खराब स्थिति, मनोहरपुर व रोहता में मध्यम स्थिति में रहे।

ताजमहल के पास ऐसा रहा प्रदूषण

शाहजहां गार्डन में बढ़ गए धूल कण शाहजहां गार्डन में मंगलवार को धूल कणों की अधिकतम मात्रा 249 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही थी, जो बुधवार को बढ़कर 285 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई। अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा मंगलवार को 332 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, यह बुधवार को घटकर 247 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गई।

प्रदूषण की खबर का फाइल फोटो।

नगर निगम को भेजा है पत्र

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉक्टर विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि आगरा और उसके आसपास के क्षेत्र में हवा के बहाव की गति कम होने से हवा में घुले धूल कण व अति सूक्ष्म कण स्थिर हो गए हैं। इसकी वजह से बुधवार को धूप भी हल्की रही। नगर निगम को पानी का छिड़काव बढ़ाने और सड़कों के किनारे पर जमा धूल को हटाने को पत्र भेजा गया है।

खतरनाक स्थिति में पहुंची हवा तो रोके जाएंगे निर्माण कार्य

संजय प्लेस में वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में रही है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम शहर में लागू है। इसमें वायु गुणवत्ता के खराब स्थिति में पहुंचने पर कांप्रिहेंसिव एक्शन प्लान फॉर रिड्यूसिंग एयर पॉल्यूशन (कैप) और ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लॉन (ग्रैप) के अनुसार कदम उठाने को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने संबंधित विभागों को पत्र भेजा है। खतरनाक स्थिति में एक्यूआइ पहुंचने पर ट्रकों (जरूरी सुविधाओं में प्रयुक्त) को शहर से बाहर रोके जाने, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने समेत अन्य सख्त कदम उठाने होंगे।

ये रहे कारण

दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में अक्टूबर से मार्च तक कम तापमान, अत्यधिक आर्द्रता, हवा की गति कम होने, कूड़ा व कृषि अपशिष्ट जलाए जाने से वायु गुणवत्ता खराब होती है। टीटीजेड अथारिटी की 25 जुलाई को हुई 62वीं बैठक में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने आगरा में पूरे साल ग्रैप को लागू करने के निर्देश दिए थे। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके बाद संबंधित विभागाें को इसके कैप और ग्रैप के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति के अनुसार आवश्यक कदम उठाने को पत्र भेजा था। सितंबर में पुन: पत्र भेजा गया था।

ये भी पढ़ेंः Kundarki By Election: सपा ने हाजी मोहम्मद रिजवान को बनाया प्रत्याशी, 2002 से समाजवादी पार्टी का इस सीट पर है कब्जा

ये भी पढ़ेंः Ahoi Ashtami Mela 2024: अहोई अष्टमी मेला, संतान प्राप्ति के वरदान को राधाकुंड में स्नान आज, ये है मान्यता

आवश्यक कदम नहीं उठाए

नगर निगम को छाेड़ दें तो अन्य विभागों ने अक्टूबर में वायु गुणवत्ता खराब होने के बावजूद आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं।।  

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।