Agra Central Jail: आगरा सेंट्रल जेल के सौ बंदियों को जागी रिहाई की उम्मीद, शासन को भेजा जा रहा प्रस्ताव
Agra Central Jail रिहाई में उम्र की बाधा हटने के बाद सेंट्रल जेल प्रशासन ने तैयार की बंदियों की सूची। शासन को भेजा जा रहा है बंदियों की रिहाई का प्रस्ताव एक माह में हो सकती है रिहाई।
आगरा, जागरण संवाददाता। सेंट्रल जेल में बंद आजीवन कारावास से दंडित सौ बंदियों को रिहाई की उम्मीद जाग गई है। ये बंदी 16 वर्ष या उससे अधिक की सजा पूरी कर चुके हैं।इन सभी बंदियों की सूची सूची शासन को भेजी जा रही है। शासन स्तर पर बनाई गई कमेटी के निर्णय के बाद बंदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो सकेगा।
केंद्रीय जेल में वर्तमान में 1678 बंदी हैं। इनमें सौ से अधिक बाहरी जेलों से आए बंदी हैं। जेल की क्षमता 1590 की है। 90 प्रतिशत बंदी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पहले ही अपराध में सजा पाई है। पिछले दो साल में केंद्रीय जेल से 700 बंदियों की रिहाई हो गई है। इनमें कई को अंतरिम जमानत भी मिली है।केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि आजीवन कारावास से दंडित सिद्ध दोष बंदियों की समय पूर्व रिहाई के लिए एक अगस्त 2018 के शासनादेश में 28 जुलाई 2021 को संशोधन किया गया था। इसमें सिद्ध दोष बंदियों की समय पूर्व रिहाई के लिए 60 वर्ष की उम्र पूरी करने की बाध्यता थी।
इस कारण 16 वर्ष और उससे अधिक की सजा पूरी करने के बावजूद बंदी रिहा नहीं हो पा रहे थे। इस आदेश में भी 27 मई को संशोधन कर दिया गया है। इसके मुताबिक, 60 वर्ष की उम्र की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसके बाद 16 वर्ष की अपरिहार और 20 वर्ष सपरिहार सजा भोग लेने वाले बंदी रिहा हो सकेंगे।
जेल प्रशासन की तरफ से सौ बंदियों की सूची तैयार की गई है। इसमें 16 और 20 साल की सजा पूरी करने वाले बंदी शामिल हैं। यह सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। अब सूची को शासन के पास भेजा जाएगा। इसके बाद शासन की ओर से गठित कमेटी बंदियों की रिहाई पर निर्णय लेगी। बंदियों की रिहाई योगा दिवस (21 जून), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), शिक्षक दिवस (पांच सितंबर), गांधी जयंती (दो अक्टृबर), अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस (16 नवंबर) और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (दस दिसंबर) पर होगी।