Agra Crime: क्रेडिट कार्ड यूजर्स को बना रहे थे ठगी का शिकार; विदेशों में डोमेन सर्वर में पंजीकरण कराकर ठगने वाले आठ एजेंट गिरफ्तार
Agra Crime News In Hindi विदेशों में डोमेन सर्वर में पंजीकरण करा ठगी करने वाले आठ एजेंट गिरफ्तार। साइबर अपराधियों ने आगरा में बना रखे थे आठ एजेंट। शाहगंज पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरोह के आठ एजेंट गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने फर्म बनाकर बैंक खाते खुलवाए थे। इनका प्रयोग आनलाइन बैटिंग और गेमिंग वेबसाइट की रकम के लिए भी किया गया।
जागरण संवाददाता, आगरा। साइबर शातिरों ने एजेंटों के माध्यमों से आगरा में आनलाइन कंपनी खोल रखी थी। पुलिस से बचने के लिए कंपनी को अमेरिका, इंग्लैंड, वियतनाम आदि देशों के डोमेन सर्वर में पंजीकरण करा रखा था।
शातिर डीबीएस बजाज के क्रेडिट कार्ड यूजर्स को ठगी का शिकार बना रहे थे। उनसे ओटीपी पूछकर तो कभी गेटवे भुगतान का लिंक भेजकर खाते से रकम निकालते थे। इस रकम को एजेंट के खातों की मदद से आनलाइन क्रिप्टो करेंसी में अपने खाते में लेते थे।
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कंपनी ने की थी शिकायत
डीसीपी सूरज कुमार राय ने बताया, डीबीएस-बजाज कंपनी की ओर से शिकायत की गई थी। कंपनी के यूजर्स को ओटीपी ओर लिंक भेजकर साइबर ठगी करने की जानकारी दी थी। पुलिस ने छानबीन कर जिन खातों में रकम जमा कराई गई, उनकी जानकारी निकाली। पता चला कि दयालबाग और संजय प्लेस के पते पर दो फर्म स्टार डिलाइट और डिलाइट एचके बनाई गई थी।
इन फर्म के नाम पर खोले गए खातों से रकम भेजी जाती थी। इन खातों में एक वर्ष के दौरान करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ था। साइबर अपराधी नेट बैंकिंग की मदद से क्रिप्टो करेंसी में रकम लेते थे।
ये हुए गिरफ्तार
डीसीपी के गिरफ्तार आठ एजेंट के नाम पुष्पेंद्र, हेमंत, चंद्रेश,आदेश, संजय खान, असीन, सुनील और अनीत हैं। आरोपितों दो कार पांच डेबिट कार्ड, सात चेकबुक, फर्जी कंपनी के प्रपत्र और आठ मोबाइल बरामद किए हैं। पूछताछ में आदेश ने बताया, सदर के रहने वाले मित्र संतोष ने डीबीएस-बजाज के क्रेडिट कार्ड से आनलाइन खाते में रकम आने और लाखों रुपये कमीशन का लालच देकर एजेंट बनाया था। साइबर अपराधियाें को वह ठगी की रकम क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर भेजते थे।
बिचपुरी का रहने वाला कपिल है सरगना
पूछताछ में आरोपित चंद्रेश और हेमंत ने बताया कि बिचपुरी का रहने वाला कपिल मुख्य सरगना है। कपिल ने ही उन्हें बतााय था कि आनलाइन बैटिंग और गेमिंग वेबसाइट का एजेंट बनकर लाखों रुपये कमा सकते हैं। खाते में आने वाली ठगी की रकम का 25 प्रतिशत कमीशन मिलने का लालच दिया था। इस पर दोनों ने पुष्पेंद्र, आदेश, असीन, संजय खान के साथ मिलकर फर्म बना उसके नाम से बैंक खाते खुलवाए थे।