यूपी के कई जिलों से लेकर दिल्ली तक नकली-नशीली दवाइयां खपा रहा था सिंडिकेट, डमी फर्मों के नाम पर हो रहा था बड़ा खेल
आगरा में दवा माफिया के बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यह सिंडिकेट आसपास के जिलों और राज्यों में नकली-नशीली दवाओं की तस्करी के लिए डमी फर्मों का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस और एएनटीएफ ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें दवा माफिया विजय गोयल भी शामिल है। माफिया ने बताया नकली-नशीली दवाओं का प्रयोग सूखे नशे के रूप मे पार्टियों में किया जाता है।
जागरण संवाददाता, आगरा। दवा माफिया के सिंडिकेट ने आसपास जिलों और राज्यों में नकली-नशीली दवाओं को खपाने के लिए डमी फर्मों की चेन बना रखी है। इस चेन के माध्यम से फर्जी बिलिंग से वह दवाओं को खपा रहा था। एल्प्राजोरम टेबलेट और प्राक्सिविन स्पाश कैप्सूल को दवा माफिया दिल्ली, अजमेर के अलावा बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर भेजते थे।
दवा माफिया विजय गोयल ने पूछताछ में पुलिस और एएनटीएफ को बताया कि नकली-नशीली दवाइयां आगरा के आगरा के कुछ दवा व्यापारी खरीदने के बाद उन्हें डमी फर्म की बिलिंग पर बाहर भेजते थे। ऐसा इसलिए किया जाता कि एक साथ एक ही फर्म द्वारा इतनी बड़ी संख्या में नशीली दवाओं की खेप भेजने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अलावा पुलिस की नजर में मामला आने का डर रहता है। फर्म की छानबीन शुरू होने लगती है।
वहीं, आगरा और बाहर के जिलों के नाम पर बनी डमी फर्म से माल भेजने पर शक नहीं होता है। पुलिस या खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन यदि डमी फर्म का माल पकडने के बाद उसमें दर्ज पते पर पहुंच भी जाए तो वह नहीं मिलती है। सिंडिकेट से जुड़े लोग छानबीन के बारे में बता देते हैं। जिससे इस खेल में शामिल पुलिस के पहुंचने से पहले गायब हो जाते हैं।
दवा माफिया ने बताया कि नकली-नशीली दवाओं का प्रयोग सूखे नशे के रूप मे पार्टियों में किया जाता है। खपत के मामले में पंजाब पहले, दिल्ली दूसरे, हरियाणा तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में भी खपत होती है। नकली-नशीली दवाइयां दुकान या अस्पतालों में बेचने में दिक्कत आती, वहां असली बिल मांगते हैं। पुलिस और एएनटीएफ की पूछताछ में दिल्ली, अजमेर और प्रदेश के कई जिलों में सिंडिकेट से जुड़े लोगों के नाम सामने आए हैं।
दवा माफिया ने बताया कि एल्प्राजोरम टेबलेट और प्राक्सिविन स्पाश कैप्सूल की खेप दिल्ली में मनोज रस्तोगी, अजमेर में हेमंत कुमार, बिजनौर में धर्मेंद्र, सहारनपुर में विभोर विपिन बंसल और अमित, मुरादाबाद में जतिन कुमार, मुरादाबाद में जतिन कुमार को देते थे। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि सिंडिकेट से जुड़े जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके बारे में जानकारी की जा रही है।
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