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Agra Fort: अंगूरी बाग में अंगूर के गुच्छों की रौनक, जहांगीर के सुरा प्रेम को देख नूरजहां ने बनवाया था खास महल

Agra Fort मुगल काल में अंगूर की बेल बाग में लगी हुई थीं जिसके चलते इसका नाम अंगूरी बाग पड़ा। यहां रेड सैंड स्टोन की बनी हुई जालियां लगी हुई थीं। कश्मीर से मंगाई गई मिट्टी में लगवाई थी अंगूर की बेल। जहांगीर आगरा किला में बिताता था समय।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 12 Apr 2023 03:04 PM (IST)
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Agra Fort: आगरा किला स्थित अंगूरी बाग में अंगूर की बेल में लगा गुच्छा। सौजन्य एएसआइ
आगरा, जागरण संवाददाता। Agra Fort आगरा फोर्ट में अंगूरी बाग की रौनक एक बार फिर लौट आई है। यहां अंगूर की बेलों में कई वर्ष बाद अंगूर के बड़े-बड़े गुच्छे पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने पिछले वर्ष यहां उद्यान में मुगल पैटर्न पर आधारित रेड सैंड स्टोन की जाली लगवाई थी। इस काम पर करीब 30 लाख रुपये खर्च हुए थे। मुगल शहंशाह जहांगीर अधिकांश समय लाहौर और कश्मीर में बिताता था। जब वह यहां आता था तो आगरा किला में ठहरता था। उसके सुरा प्रेम को देखते हुए नूरजहां ने आगरा किला में खास-महल के सामने बाग बनवाया था।

कश्मीर से खास मिट्टी मंगवाकर लगवाई थी अंगूर की बेल

इसके लिए कश्मीर से मिट्टी मंगवाई गई थी। यहां अंगूर की बेल लगवाई गई थी। अंगूरी बाग में रेड सैंड स्टोन से षटकोण के डिजाइन बने हुए हैं। वर्ष 2003 में यहां पद्मश्री केके मोहम्मद (तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद्) ने यहां ट्रेंच लगवाकर देखा था, जिसमें बाग की मूल संरचना मिली थी। एएसआइ ने डेढ़ दशक पूर्व यहां रेड सैंड स्टोन की चार जाली लगाकर उनके ऊपर अंगूर की बेल को चढ़ाया था।

रेड सैंड स्टोन जालियां लगवाई

पिछले वर्ष अंगूरी बाग को मुगलकालीन रंगत प्रदान करने को रेड सैंड स्टोन 40 जालियां लगवाई गई थीं। उनके सहारे अंगूर की बेलों को चढ़ा दिया गया था। अब इन बेलों में जगह-जगह खिले हुए अंगूर के गुच्छे पर्यटकों को लुभा रहे हैं। अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष तक अंगूरी बाग में अंगूर के गुच्छे इतने बड़े नहीं लगते थे। इस बार अंगूरी बाग में पिछले वर्षों की अपेक्षा अंगूर के बड़े गुच्छे लगे हैं।

अंगूरों की बेल लगी होने से पड़ा नाम अंगूरी बाग

गाइड शमसुद्दीन बताते हैं कि मुगल शहंशाह जहांगीर अधिकांश समय कश्मीर व लाहौर में रहा, लेकिन आगरा की नियमित यात्राओं के दौरान वह आगरा किला में रुकता था। उसकी बेगम नूरजहां ने आगरा किला में खास महल के सामने बाग बनवाया था। जहांगीर सुरा प्रेमी था। नूरजहां ने आगरा किला में जहांगीर के लिए बाग बनवाकर अंगूर की बेल लगवाई थीं। अंगूरों की बेल लगी होने से ही यह अंगूरी बाग के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

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