Agra Fort: मीना बाजार का रोचक इतिहास, खरीदारी करते थे शाही परिवार, मुगल शहंशाह शाहजहां-मुमताज से जुड़ा है किस्सा
Agra Fort आगरा किला में दिल्ली गेट (सेना के अधिकार क्षेत्र में स्थित) से मोती मस्जिद की तरफ जाने वाले मार्ग पर मीना बाजार है। यह एएसआइ के अधिकार क्षेत्र में है लेकिन सैलानियों के लिए बंद है। गाइड इसकी जानकारी देते हैं।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Fri, 30 Sep 2022 06:16 PM (IST)
आगरा, जागरण टीम। आगरा का किला अपने अंदर कई रहस्य समेटे है। यहां कभी मीना बाजार हुआ करता था। मीना बाजार तीन कांप्लेक्स में बंटा हुआ है। मुगल काल में यहां मनसबदारों और अधिकारियों के परिवार की महिलाएं बाजार लगाया करती थीं। शाही परिवार के सदस्य ही इसमें खरीदारी करते थे।
मीना बाजार में हुई थी शाहजहां और मुमताज की मुलाकात
आगरा किला में मीना बाजार बना हुआ है। सेना के अधिकार क्षेत्र में स्थित दिल्ली गेट से मोती मस्जिद की तरफ जाने वाले मार्ग पर यह स्थित है। तीन कांप्लेक्स में बंटे बाजार में दोनों ओर कोठरियां बनी हुई हैं। मुगल दरबारियों के परिवार की महिलाएं यहां बाजार लगाया करती थीं। शाही परिवार के सदस्य बाजार में खरीदारी करते थे। शहंशाह शाहजहां और मुमताज की पहली मुलाकात मीना बाजार में ही हुई थी।
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एएसआइ को संरक्षण के दौरान मिला था मुगलकालीन फर्श
एएसआइ ने वर्ष 2015-16 में बाजार के दूसरे कांप्लेक्स और पिछले वर्ष तीसरे कांप्लेक्स में फर्श के संरक्षण का कार्य कराया था। तीसरे कांप्लेक्स में मलबा हटाने पर बाजार के एक किनारे से दूसरे किनारे तक मुगलकालीन पत्थरों का फर्श मिला था। दूसरे कांप्लेस में वर्ष 2015-16 में जब संरक्षण किया गया था, तो केवल मार्ग में ही पत्थरों का फर्श मिला था। जिसे मूल रूप में सहेजकर मार्ग और कोठरियों के बीच का हिस्सा कच्चा छोड़ दिया गया था।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मीना बाजार अस्पताल में हुआ था तब्दील
आगरा किला में वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों ने पनाह ली थी। उस दौरान मीना बाजार की कोठरियों को अस्पताल में बदल दिया गया था। पाथवे के कोठरियों से काफी नीचा होने के कारण मलबा डालकर उसका लेवल एक कर दिया गया था। मलबा हटाने पर मुगलकालीन फर्श निकला था।