Agra News : दवा माफिया ने AI की मदद से तोड़ा QR कोड, और बाजार में खपा दी लाखों रुपये की नकली दवा
आगरा में नकली दवाओं के कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। दवा माफिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सेनोफी कंपनी के क्यूआर कोड की सुरक्षा तोड़कर नकली दवाएं बाजार में खपा दीं। जांच में पाया गया कि 29 हजार स्ट्रिप पर एक जैसा क्यूआर कोड है। टीम ने पांच कंपनियों की 14 दवाओं के नमूने लिए हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा। नकली दवाओं पर रोक के लिए दो वर्ष पहले 300 तरह की दवाओं के लिए क्विक रेस्पोंस (क्यूआर) कोड अनिवार्य किया गया था। दवा के हर पत्ते (स्ट्रिप) के लिए क्यूआर कोड अलग होता है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर दवा निर्माता कंपनी, उसका पता साल्ट, निर्माण की तिथि से लेकर एक्सपायर तिथि का पता चल जाता है।
ये कंपनी की वेबसाइट से जुड़ा होता है, इसे नकली बनाना मुश्किल है। मगर, दवा माफिया ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआइ) की मदद से मल्टी नेशनल कंपनी सेनोफी के क्यूआर कोड की सुरक्षा को तोड़ दिया। एक ही क्यूआर कोड से लाखों की नकली दवाएं तैयार कर बाजार में खपा दीं।
29 हजार स्ट्रिप के क्यूआर कोड की कंपनी ने की जांच
औषधि विभाग और एसटीएफ की टीम ने 2.97 लाख ऐलेग्रा टैबलेट जब्त की गईं, एक स्ट्रिप में 10 टैबलेट होती हैं। 29 हजार स्ट्रिप के क्यूआर कोड की कंपनी ने जांच की। सहायक औषधि आयुक्त नरेह मोहन दीपक ने बताया कि सेनोफी कंपनी के अधिकारियों की जांच में 29 हजार स्ट्रिप पर एक जैसा क्यूआर कोड मिला, इसे स्कैन करने पर सीधे कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से निर्माण की तिथि से लेकर अन्य ब्योरा एक जैसा ही मिला।
पूछताछ में हुआ खुलासा
पूछताछ में एआइ की मदद से क्यूआर कोड ब्रेक करने के बारे में पता चला है, क्यूआर कोड को आसानी से कापी नहीं किया जा सकता है। जबकि हर स्ट्रिप पर अलग अलग ब्योरा होता है। इसी तरह से अन्य कंपनियों की दवाओं पर भी क्यूआर कोड स्कैन करने पर एक जैसा ब्योरा मिल रहा है।
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल के जीएम ब्रांड प्रोटेक्शन विवेक गौड़ ने बताया कि जिस तरह से क्यूआर कोड स्कैन करने पर कंपनी का ब्योरा मिल रहा है उससे सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
असली और नकली दवा की पहचान के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य किया गया था लेकिन जब एक जैसा क्यूआर कोड लाखों दवाओं पर मिल रहा है तो अब होलोग्राम सहित अन्य विकल्पों पर दवा कंपनियां विचार करेंगी, जिससे असली और नकली दवा को पकड़ा जा सके। टीम ने जाइडस, सन फार्मा, यूएसवी, ग्लेनमार्क और सेनोफी कंपनी की दवाओं के नमूने जांच करने काे लिए हैं, 214 कार्टन दवाएं जब्त की हैं।
पांच कंपनियों की 14 दवाओं के लिए गए नमूने
क्लोप पी क्रीम, काम्प्लेमिना रिटायर 500 एमजी, डेरोनेम ईआर, डेरोबिन टैबलेट, ऐलेग्रा 120, ऐलेग्रा एम, ओसिड कैप्सूल, रोसावास 20, रोसावास 40, माक्स किड, माक्स सीवी 625, माक्स 250, कैंडिड एक्टिव क्रीम।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।