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    Agra News: एक करोड़ की रिश्वत में जेल गया दवा करोबारी, लखनऊ के दो व्यापारियों सहित 6 पर मुकदमा

    चेन्नई से आई नकली दवाइयों के मामले में छह लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है जिनमें लखनऊ के व्यापारी और आगरा के लॉजिस्टिक्स कंपनी के भाई शामिल हैं। सनोफी कंपनी की नकली एलेग्रा 120 एमजी दवाइयां पकड़ी गईं। रिश्वत देने के आरोप में हिमांशु अग्रवाल को जेल भेजा गया है। औषधि विभाग ने हे मां मेडिको के गोदाम में दवाओं की जाँच शुरू कर दी है।

    By Neelesh Kumar Edited By: Sakshi Gupta Updated: Mon, 25 Aug 2025 10:05 PM (IST)
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    एक करोड़ की रिश्वत में जेल गया दवा करोबारी, लखनऊ के दो कारोबारियों सहित छह पर मुकदमा।

    जागरण संवाददाता, आगरा। चेन्नई से मंगाई गई 80 लाख रुपये की दवा कंपनी की जांच में नकली निकली हैं। नकली दवा सिडिंकेट में शामिल लखनऊ के दो दवा कारोबारियों के अलावा आगरा की लाजिस्टिक कंपनी संचालक दो भाइयों सहित छह लोगों के खिलाफ सोमवार को कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई है।

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    वहीं टीम को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोपित नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को एंटी करप्शन न्यायालय मेरठ से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

    एसटीएफ सिडिंकेट में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। वहीं हे मां मेडिको के गोदाम के ताले तुड़वाकर औषधि विभाग ने वहां मौजूद दवा की जांच शुरू कर दी है।

    नकली दवा मामले में औषधि विभाग और एफटीएफ की कार्रवाई जारी है। 22 अगस्त की रात औषधि विभाग की टीम ने चेन्नई से ट्रेन से मंगाई गईं दवाओं की सप्लाई देने जा रहे टेंपो को हींग की मंडी के पास से पकड़ा था।

    टेंपो से 78.67 लाख रुपये कीमत की सनोफी कंपनी की दवा ऐलेग्रा 120 एमजी बरामद की थीं। सनोफी कंपनी के प्रतिनिधि ग्रेशियस इयान की ओर से औषधि विभाग की टीम को भेजी गई रिपोर्ट में दवाओं के नकली होने बात कही गई है।

    सहायक आयुक्त औषधि खाद्य सुरक्षा बस्ती मंडल नरेश मोहन दीपक ने कोतवाली में एमएस लाजिस्टिक कंपनी संचालक सुल्तानपुरा निवासी यूनिश व वारिश पुत्रगण खलील व दवा कारोबारी न्यू बाबा फर्म का संचालक विक्की कुमार निवासी आशियाना सेक्टर एडीए कालोनी लखनऊ व पार्वती ट्रेडर्स लखनऊ का प्रोपराइटर सुभाष कुमार निवासी जयप्रकाश नगर आलमबाग लखनऊ के अलावा जगदीशपुरा क्षेत्र के लड़ामदा निवासी फरहान व हिमांशु अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

    मुकदमे में कहा है कि टेंपो गांव नदीम सैंया में रहने वाले टेंपो चालक आकिर मलिक ने दवा हे मां मेडिको के मालिक हिमांशु अग्रवाल के यहां ले जाने की बात कही है। चालक की ओर से जो चार बिल एमएस लाजिस्टिक उपलब्ध कराए गए वह दवाइयों के नहीं थे।

    मीनाक्षी फार्म धानाकोटी नगर धर्मपुरी की दो इनवाइस न्यू बाबा फार्मा अमीनाबाद लखनऊ व पार्वती ट्रेडर्स कानपुर रोड आशियाना लखनऊ को जारी भी दिखाई गईं। दोनों फार्म को मीनाक्षी फार्मा पुंडुचेरी की ओर से तीन हजार स्ट्रिप ऐलिग्रा 120 एमजी के 10.41 लाख के ईवे बिल भी दिए गए।

    ईवे बिल पर ट्रांसपोर्टर के कालम के सामने एमएस लाजिस्टिक का नाम और जीएसटी नंबर लिखा था। इनमें रेलवे का उल्लेख नहीं था। वहीं जांच टीम को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में आरोपित नकली दवा करोबारी कर्मयोगी कमला नगर में रहने वाले हिमांशु अग्रवाल को कोतवाली पुलिस ने सोमवार को एंटी करप्शन न्यायालय मेरठ में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।

    गोदाम के ताले तुड़वाकर शुरू की जांच

    औषधि विभाग की टीम ने हे मां मेडिको के फव्वारा स्थित गोदाम को सील कर दिया था। एसटीएफ के अनुसार गोदाम में हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल के पिता पवन कुमार ताला लगाकर गायब हो गए। सोमवार दोपहर बाद औषधि विभाग की टीम ने गोदाम में लगी सील खुलवाने व ताले को तुड़वाकर वहां मौजूद दवाओं की जांच की।

    सरकारी गवाह बनेगा टेम्पो चालक

    कैंट रेलवे स्टेशन से दवा बाजार तक दवाइयां लाने वाला टेम्पो चालक आकिर इस मामले में सरकारी गवाह बनेगा। एसटीएफ सूत्रों के अनुसार वह सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया है। इससे केस में मजबूत मिलेगी।