UP News: नेशनल हाईवे-19 पर 28 फरवरी से नहीं मिलेगा जाम का झाम, उत्तरी बाइपास और इनर रिंग रोड पर दौड़ेंगे वाहन
UP News आगरा के इनर रिंग रोड और उत्तरी बाइपास का तीसरा चरण 28 फरवरी 2025 से चालू हो जाएगा। इससे नेशनल हाईवे-19 पर वाहनों का दबाव 10 से 20 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। इनर रिंग रोड के तीसरे चरण की रोड यमुना एक्सप्रेस वे को ग्वालियर रोड से जोड़ेगी। आठ किमी लंबी रोड 385 करोड़ रुपये से बन रही है।
जासं, आगरा । UP News: नेशनल हाईवे-19 पर 10 से 20 प्रतिशत वाहनों का दबाव कम होने जा रहा है। 28 फरवरी 2025 से उत्तरी बाइपास और इनर रिंग रोड के तीसरे चरण की रोड चालू हो जाएगी। दोनों सड़कों का कार्य पूरा होने से ईंधन की भी बचत होगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) आगरा खंड ने दोनों सड़कों का निर्माण डेढ़ साल पूर्व शुरू किया था। बरसात के चलते एक माह तक कार्य बंद रहा। अब फिर से चालू हो गया है।
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उत्तरी बाइपास
- नेशनल हाईवे-19 स्थित रैपुरा जाट से मिडावली हाथरस तक उत्तरी बाइपास बन रहा है। इसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
- छह लेन का बाइपास 483 करोड़ रुपये से बन रहा है।
- बाइपास बनने से हाथरस, अलीगढ़ के लिए जाने वाले वाहन चालकों को शहर से होकर नहीं गुजरना नहीं पड़ेगा। इससे जाम भी कम लगेगा।
- इसी तरह से कानपुर की तरफ से आने वाले वाहन भी शहर से होकर नहीं गुजरेंगे।
- अभी तक 75 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो गया है।
- 14 किमी लंबे बाइपास में आधा दर्जन बड़े पुल बन रहे हैं।
इनर रिंग रोड के तीसरे चरण की रोड
- यमुना एक्सप्रेस वे को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड तीन चरण में बन रही है।
- दो चरण का कार्य पूरा हो गया है।
- तीसरे चरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
- रोड 65 प्रतिशत बन चुकी है।
- आठ किमी लंबी रोड 385 करोड़ रुपये से बन रही है।
- तीसरे चरण की रोड बनने से देवरी रोड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।
- पहले और दूसरे चरण की रोड का निर्माण एडीए ने किया है।
28 फरवरी से उत्तरी बाइपास और इनर रिंग रोड के तीसरे चरण की रोड चालू हो जाएगी। एनएचएआइ टीम तेजी से कार्य पूरा कर रही है। 31 मार्च 2025 कार्य के पूरा होने की अंतिम तिथि है। - संजय वर्मा, परियोजना निदेशक एनएचएआइ आगरा खंड
25 दिन बंद रहेगी अपर खंड आगरा नहर
अपर खंड आगरा नहर की क्षमता संवर्द्धन के लिए सिल्ट सफाई कार्य 15 अक्टूबर से कराया जाएगा। सिर्फ नहर ही नहीं, इसके रजबहा और माइनरों की भी सफाई होगी। खोदाई के बाद इस नहर की क्षमता चार हजार क्यूसेक तक हो जाएगी। वर्तमान में इसकी क्षमता करीब तीन हजार क्यूसेक ही है। इससे पहले आगरा नहर की सफाई 2009 में हुई थी।
अपर खंड आगरा नहर मथुरा के कार्यक्षेत्र में रजबहे और माइनरों में 15 अक्टूबर से 10 नवंबर तक सिल्ट सफाई का कार्य कराया जाएगा। इसके लिए आगरा नहर में 25 दिन तक जल प्रवाह बंद रहेगा। इस अवधि में किसानों को सिंचाई आदि के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।इस बारे में आगरा नहर के एक्सईएन नवीन कुमार ने कहा है कि सिल्ट सफाई के कार्य में कोई कमी दिखे तो संबंधित सहायक अभियंता को फोन से जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और किसानों से आग्रह किया है कि वे सफाई कार्य का प्रतिदिन निरीक्षण करें।
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