Fatehpur Sikri कभी मुगलों की राजधानी थी, आज सवा चार सौ साल बाद भी मजबूती से खड़ा है बुलंद दरवाजा
Buland Darwaza फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा अपनी ऊंचाई के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। आज से 425 साल पहले इसका निर्माण हुआ था जब अकबर ने गुजरात पर जीत पाई थी। आज विश्व धरोहर में शामिल है ये स्मारक रोजाना सैकड़ों सैलानी यहां इसे देखने आते हैं।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2022 05:39 PM (IST)
आगरा, जागरण टीम। मुगल बादशाह अकबर ने गुजरात पर जीत के स्मारक के रूप में फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा बनवाया था। यह देखने में बेहद खूबसूरत है। इसमें रेड सैंड स्टोन और बफ स्टोन के साथ सफेद और काले संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।
लाल पथर, बलुआ, रेता, चूना, मसाला आदि से निर्मित यह महज इमारत ही नहीं है, देखने, पढऩे व समझने की विशाल संरचना है। अकबर ने बनाया था फतेहपुर सीकरी को राजधानी
देश-विदेश के किसी भी कोने से बस व निजी वाहनों से फतेहपुर सीकरी पहुंचने पर सबसे पहले आप अकबर की राजधानी रही नगरी के प्रवेश द्वार से रू-ब-रू होंगे। विश्व का सबसे ऊंचा विशालकाय बुलंद दरवाजा देखते ही पुरी थकान मिट जाती है। जिज्ञासा बढ़ने लग जाती है। ये है बुलंद दरवाजा की खासियत
बुलंद दरवाजे की ऊंचाई सड़क से 176 फीट व बुलंद दरवाजा चांदा से 134 फीट है। सड़क से 52 सीढ़ियां चढ़ कर बुलंद दरवाजा निहारना एक अलग ही अहसान कराता है। यहां ऐसी शिल्पकला है कि नीचे का अक्षर और ऊपर का अक्षर एक समान दिखाई देता है। बुलंद दरवाजा के भीतर घुसते ही एक सुखद अनुभूति होती है।
गुजरात पर विजय के बाद बनवाया था बुलंद दरवाजाएप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन बताते हैं कि मुगल शहंशाह अकबर ने बुलंद दरवाजा का निर्माण गुजरात विजय के उपलक्ष्य में वर्ष 1601-02 में कराया था। यह जमीन से 54 मीटर ऊंचा और 27 मीटर से अधिक चौड़ा है। यह एशिया का सबसे ऊंचा और दुनिया का सबसे चौड़ा दरवाजा है। दरवाजे पर बाहर की तरफ कुरान की आयतें लिखी हैं। अंदर की तरफ अकबर का लिखवाया हुआ संदेश ‘दुनिया एक पुल है, जिसे पार कर जाना है।..’ उत्कीर्ण है।
Mosque: मुगलकाल की निशानी है आगरा की जामा मस्जिद, शाहजहां ने ताजमहल तो बेटी ने इसे बनवायाऐसे पहुंच सकते हैं फतेहपुर सीकरी आगरा- जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आगरा से करीब 36 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी बसा है। यहां पहुंचने के लिए बस, निजी वाहन व रेलगाड़ी साधन हैं। हवाई जहाज से आने वाले पर्यटक खेरिया हवाई अड्डा से सीधे यहां आ सकते हैं। फतेहपुर सीकरी में कई स्थान हैं जो देखने लायक है।
कब बनाए प्रोग्रामफतेहपुर सीकरी में भवनों का निर्माण पत्थरों का है। यहां आने का सबसे अच्छा टूरिस्ट सीजन है अक्टूबर से मार्च का। लेकिन बरसात के मौसम में अरावली की पहाड़ियों की खूबसूरती देखने लायक होती है। ठहरने के लिए जगहफतेहपुर सीकरी में उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम के राही गुलिस्ता पर्यटक कांप्लेक्स के अलावा कई होटल हैं। पर्यटकों के ठहरने के साथ-साथ जहां खाने-पीने की उचित व्यवस्था है।
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