काम आई अनुराधा की सजगता, भूख -प्यास से सड़क पर रोती मासूम बच्ची को देखा तो फौरन हुई अलर्ट, बातों-बातों में पूछ लिया पता और फिर...
फिरोजाबाद से बस में बैठ आई थी बालिका। भूख -प्यास से परेशान होकर रोने लगी। बीट अधिकारी अनुराधा गश्त पर थीं। बच्ची को रोता देख उन्होंने बात की तो वो अपना पता नहीं बता पा रही थी।थाने लाकर उसे स्वल्पाहार कराया गया और बातचीत की गई।स्वजन के बारे में पता किया गया।उनकी सहमति से बालिका के मामा-मामी के सपुर्द कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, आगरा। अब तक बैठकों में बीट पुलिस अधिकारी कार्य समझ रहे थे। रविवार रात को बीट पुलिस अधिकारी ने इस पर अमल करते हुए पहला गुडवर्क कर लिया। नाना की डांट से गुस्सा होकर 10 वर्षीय बालिका बस में बैठ फिरोजाबाद से आगरा आ गई।
वाटर वर्क्स चौराहे पर उतरने के बाद रोने लगी। गश्त कर रही महिला बीट पुलिस अफसर अनुराधा तोमर ने बच्ची से बात की। थाने लाकर बातचीत करने पर बालिका सहज हुई। स्वजन के बारे में पता करवाकर उसे सिपुर्द किया गया।
प्रभारी निरीक्षक सोविन्द्र सिंह ने बताया कि बच्ची राजाखेड़ा, राजस्थान की रहने वाली है। फिलहाल फिरोजाबाद में मामा जावेद के साथ रहती है।उसके नाना ने उसे शैतानी करने पर डांट दिया। गुस्से में वो घर से निकल आई और बस में बैठ कर आगरा पहुंच गई। यहां भीड़ देख वो असहज हो गई।
सड़कों पर दिखे गड्ढे तो जरूर बताएं
आगरा कमिश्नरेट में बीट प्रणाली लागू होने के बाद सोमवार को अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी, डीसीपी सिटी ने सूरज कुमार राय ने सिकंदरा थाने में बीट पुलिस आफिसर (बीपीओ) के साथ संवाद किया। अपर पुलिस आयुक्त ने बीपीओ से कहा कि उन्हें अपने क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी गतिविधियों पर नजर रखनी है।
सिर्फ अपराधियों पर ही ध्यान केंद्रित नहीं करना है, क्षेत्र में सड़क पर कोई गड्ढा है, जो हादसे का कारण बन सकता है। इसकी जानकारी भी देंगे। जिससे कि संबंधित विभाग के अधिकारी को उक्त गड्ढे को सही कराने के लिए अवगत कराया जा सके। बीपीओ से बीट बुक को अपडेट रखने को कहा। संवाद के दौरान एसीपी हरीपर्वत मयंक और एसीपी सुकन्या शर्मा भी मौजूद रहीं।
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बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था चार दिन पहले ही लागू हुई है। इससे पहले पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने सभी पुलिसकर्मियों को बीट पुलिस अधिकारी के कार्य समझाए थे। अभी थानों में बैठक ली जा रही हैं, जिससे बीट पुलिस अधिकारी अपने कार्य को अच्छी तरह समझ सकें।