Agra Politics: गठबंधन में सपा को मिली मजबूती-कांग्रेस को संजीवनी; बसपा की पकड़ हुई कमजोर और बीजेपी...?
आगरा में कांग्रेस को जहां लाभ हुआ वहीं सपा मजबूत बनकर उभरी। बसपा की पकड़ कमजोर हुई है। सपा-बसपा ने 2019 का चुनाव मिलकर लड़ा था। आगरा और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। आगरा सीट से बसपा के मनोज सोनी को 38 प्रतिशत मत और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा के श्रीभगवान शर्मा को 16.38 प्रतिशत मत मिले थे।
जागरण संवाददाता, आगरा। लोकसभा चुनाव में भगवा गढ़ में आगरा की दोनों सीटों आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी पर भाजपा जीत की पताका फहराने में सफल रही। पिछले तीन लोकसभा चुनावों से गठबंधन के प्रत्याशी भाजपा से पार नहीं पा सके हैं।
2014 में कांग्रेस-रालोद, 2019 में सपा-बसपा-रालोद और 2024 में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों की हार ही नसीब हुई है। इतना जरूर है कि पिछले दो चुनावों में आगरा सीट पर सपा-बसपा और फतेहपुर सीकरी सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन भारी रहा।
आगरा में कांग्रेस को जहां लाभ हुआ, वहीं सपा मजबूत बनकर उभरी। बसपा की पकड़ कमजोर हुई है। सपा-बसपा ने 2019 का चुनाव मिलकर लड़ा था। आगरा और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। आगरा सीट से बसपा के मनोज सोनी को 38 प्रतिशत मत और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा के श्रीभगवान शर्मा को 16.38 प्रतिशत मत मिले थे।
2019 का चुनाव होने के तुरंत बाद ही सपा-बसपा की राहें जुदा हो गई थीं। 2024 में बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा तो सपा ने कांग्रेस का हाथ थामा। आगरा सुरक्षित सीट पर सपा प्रत्याशी सुरेश चंद कर्दम को 29.2 प्रतिशत मत मिले, जो वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे मनोज कुमार सोनी से कम हैं।
फतेहपुर सीकरी में जरूर कांग्रेस के हाथ ने साइकिल का साथ लेकर कमाल दिखाया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार को 38.9 प्रतिशत मत मिले। यह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर को मिले 16.57 और सपा-बसपा के श्रीभगवान शर्मा को मिले 16.18 मत प्रतिशत को जोड़ने के बाद भी अधिक हैं। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले से सपा आगरा में मजबूत हुई है। गठबंधन प्रत्याशियों का मुस्लिमों का पूरा समर्थन मिला। बसपा केवल अपने कैडर वोट तक सिमट गई। उसमें भी गठबंधन और भाजपा ने अपनी रणनीति से सेंध लगाई है। बसपा का घटता मत प्रतिशत इसे पुष्ट कर रहा है।