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Agra Politics: गठबंधन में सपा को मिली मजबूती-कांग्रेस को संजीवनी; बसपा की पकड़ हुई कमजोर और बीजेपी...?

आगरा में कांग्रेस को जहां लाभ हुआ वहीं सपा मजबूत बनकर उभरी। बसपा की पकड़ कमजोर हुई है। सपा-बसपा ने 2019 का चुनाव मिलकर लड़ा था। आगरा और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। आगरा सीट से बसपा के मनोज सोनी को 38 प्रतिशत मत और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा के श्रीभगवान शर्मा को 16.38 प्रतिशत मत मिले थे।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Fri, 07 Jun 2024 01:50 PM (IST)
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Agra Politics: दो लोकसभा सीटों का विश्लेषण
जागरण संवाददाता, आगरा। लोकसभा चुनाव में भगवा गढ़ में आगरा की दोनों सीटों आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी पर भाजपा जीत की पताका फहराने में सफल रही। पिछले तीन लोकसभा चुनावों से गठबंधन के प्रत्याशी भाजपा से पार नहीं पा सके हैं।

2014 में कांग्रेस-रालोद, 2019 में सपा-बसपा-रालोद और 2024 में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों की हार ही नसीब हुई है। इतना जरूर है कि पिछले दो चुनावों में आगरा सीट पर सपा-बसपा और फतेहपुर सीकरी सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन भारी रहा।

आगरा में कांग्रेस को जहां लाभ हुआ, वहीं सपा मजबूत बनकर उभरी। बसपा की पकड़ कमजोर हुई है। सपा-बसपा ने 2019 का चुनाव मिलकर लड़ा था। आगरा और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। आगरा सीट से बसपा के मनोज सोनी को 38 प्रतिशत मत और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा के श्रीभगवान शर्मा को 16.38 प्रतिशत मत मिले थे।

2019 का चुनाव होने के तुरंत बाद ही सपा-बसपा की राहें जुदा हो गई थीं। 2024 में बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा तो सपा ने कांग्रेस का हाथ थामा। आगरा सुरक्षित सीट पर सपा प्रत्याशी सुरेश चंद कर्दम को 29.2 प्रतिशत मत मिले, जो वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे मनोज कुमार सोनी से कम हैं।

फतेहपुर सीकरी में जरूर कांग्रेस के हाथ ने साइकिल का साथ लेकर कमाल दिखाया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार को 38.9 प्रतिशत मत मिले। यह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर को मिले 16.57 और सपा-बसपा के श्रीभगवान शर्मा को मिले 16.18 मत प्रतिशत को जोड़ने के बाद भी अधिक हैं। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले से सपा आगरा में मजबूत हुई है। गठबंधन प्रत्याशियों का मुस्लिमों का पूरा समर्थन मिला। बसपा केवल अपने कैडर वोट तक सिमट गई। उसमें भी गठबंधन और भाजपा ने अपनी रणनीति से सेंध लगाई है। बसपा का घटता मत प्रतिशत इसे पुष्ट कर रहा है।

पांच बार लगातार जीते थे कांग्रेस के सेठ अचल सिंह

आगरा लोकसभा सीट पर 90 के दशक से पूर्व तक कांग्रेस का दबदबा रहा। पहले पांच चुनावों 1951 से 1971 तक कांग्रेस के सेठ अचल सिंह जीते। इमरजेंसी के बाद वर्ष 1977 में हुए चुनाव में शंभूनाथ चतुर्वेदी जीते। वर्ष 1980 और 1984 में कांग्रेस के निहाल सिंह जैन विजयी रहे। इसके बाद कांग्रेस की जड़ें यहां कमजोर होती चली गईं।

1989 में जनता दल के अजय सिंह ने जीत दर्ज की तो 1991, 1996, 1998 में भाजपा के भगवान शंकर रावत ने हैट ट्रिक बनाई। वर्ष 1999 व 2004 में सपा के राजबब्बर विजयी रहे। 2009 में परिसीमन होने से फतेहपुर सीकरी सीट अस्तित्व में आई। आगरा सुरक्षित सीट तभी से भाजपा के कब्जे में है। 2009 व 2014 में डा. रामशंकर कठेरिया और 2019 व 2024 में प्रो. एसपी सिंह बघेल यहां जीते। फतेहपुर सीकरी में वर्ष 2009 में बसपा की सीमा उपाध्याय, 2014 में भाजपा के चौधरी बाबूलाल और 2019 व 2024 में भाजपा के राजकुमार चाहर ने जीत दर्ज की।

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