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Agra News: किसानों के लिए जारी किया गया टोल फ्री नंबर, बारिश से हुए नुकसान का कराएं आंकलन

Agra News बाजरा धान की फसल बर्बाद सरसों की बोवाई हुई खराब। पांच दिन तक लगातार बारिश से बर्बाद हुए किसान। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर किसान नुकसान के 72 घंटे के अंदर सूचना देकर आंकलन करा सकते हैं। घट सकता है सरसों का इस बार उत्पादन।

By Ambuj UpadhyayEdited By: Tanu GuptaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 04:07 PM (IST)
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बारिश के कारण डूबी फसल को एकत्र करते ब्रज क्षेत्र के किसान। फोटो जागरण

आगरा, जागरण संवाददाता। खेतों में धान, बाजरा की फसल डृूबी थी, तो सरसों के खेतों में पानी भरा है। पांच दिन से हो रही वर्षा के कारण हर खेत से लेकर किसान प्रभावित है। सब्जियां तो सितंबर में हुई बारिश के कारण पहले ही नष्ट हो चुकी हैं, तो पिछली बार बर्बाद होने से जाे बाजरा की फसल बची थी, वो इस बार चौपट हो गई है। वर्षा के कारण बाजरा, धान, सरसों, तिल आदि फसलों को जमकर नुकसान हुआ है। बाजरा के छह हजार से अधिक किसान बीमित है। कृषि विभाग ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत बाजरा के बीमित किसानों से आंकलन कराने का अाग्रह किया है। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर किसान नुकसान के 72 घंटे के अंदर सूचना देकर आंकलन करा सकते हैं। वहीं सितंबर में हुई वर्षा के कारण 329 बीमित किसानों की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इनको 50 फीसद तक नुकसान दिखाया गया है।

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ये है रकवा, बीमित किसान

बाजरा रकवा, 1.32 हजार हेक्टेयर

कुल किसान, चार लाख

बाजरा करने वाले किसान, 1.60 लाख

बाजरा के बीमित किसान, 6926

धान का रकवा, पांच हजार हेक्टेयर

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सरसों को बड़ा नुकसान, आलू की बोवाई में देरी

जिले में 67 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन होता है, जिसके घटने की आशंका है। खेतों में पानी भर जाने के कारण सरसों की बोवाई कर चुके किसान की फसल बर्बाद हो गई है। कुछ किसान सितंबर में हुई बारिश से पहले ही बोवाई कर चुके थे। दो बार फसल बर्बाद होने के कारण किसान अब बोवाई को तैयार नहीं है। अक्टूबर मध्य तक बोवाई होती है। वहीं 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक आलू की बोवाई होती है। खेतों में पानी भर जाने के कारण इसमें देरी होगी। आलू किसानों वर्षा के कारण देरी तो होगी, लेकिन उनको पानी के लिए जूझना नहीं पड़ेगा। खेत तैयार मिलेंगे।

वर्षा के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। बीमित किसान बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर सूचना देकर आंकलन करा सकते हैं।

पुरुषोत्तम मिश्रा, उप निदेशक, कृषि

ये है टोल फ्री नंबर

18008896868

मुआवजा की मांग को किसानों ने दिया धरना

मांट, मथुरा में वर्षा के कारण धान व बाजरा की फसल चौपट हो गई हैं। किसान परेशान हैं। किसानों ने मुआवजा की मांग को लेकर तहसील में धरना-प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। मुआवजा न मिलने और पानी निकासी का समाधान न होने पर यमुना एक्सप्रेस वे पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।सोमवार को 40 से अधिक गांव के किसान ट्रैक्टर-ट्राली से तहसील पहुंचे। समस्याएं सुनने तहसीलदार मांट मनीष भदौरिया पहुंच गए। तहसीलदार को फर्श पर बैठाकर एक घंटे वार्ता की। किसान नेता गजेंद्र सिंह गावर ने कहा कि वर्षा के कारण धान और बाजरा की फसल नष्ट हो गई है। भाकियू पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह,अशोक चौधरी, दलवीर सिंह, प्रहलाद सिंह, किशन सिंह, हरिपाल सिंह, राधेश्याम शर्मा, वंशीलाल, डीपी चौधरी, सुरेश सिंह, सोनवीर ने मुआवजे की मांग की। बाक्सकिसानों का दर्द देखने निकले विधायक संसू, फरह: वर्षा के बीच छाता लेकर खेतों का निरीक्षण करने सोमवार को बलदेव विधायक पूरन प्रकाश पहुंचे। यहां खेतों में कई फिट पानी भरा था। विधायक ने एसडीएम और तहसीलदार को सर्वे कराने को कहा। उन्होंने परखम, झुडावई,नगला छीतर सिंह, नगला महादेव, मलिकपुर, ओल, बेरी, सरूरपुर, धर्मपुरा ,दौलतपुर,चंद्रभान में दौरा किया। कई स्थानों पर मकान फट गए। महिपालसिंह, धर्मेंद्र पूर्व प्रधान बरारी, भगवान सिंह, अनिल सिंह, लाल सिंह, पप्पू पचौरी, राज दर्शन पचौरी, बृजमोहन गौर मौजूद रहे।

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