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Tribute: जिसने दिया था बाबर को जवाब, उसके शहादत दिवस पर दी श्रद्धांजलि

Tribute 15 मार्च 1527 को शहीद हुए थे राजा हसन ख़ां मेवाती आल इंडिया मेव महासभा ने किया याद। 15 मार्च 1527 को शहीद राजा हसन खां मेवाती ने राणा सांगा के नेतृत्व में मुगल सम्राट बाबर के विरूद्ध मोर्चा संभाला।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Tue, 16 Mar 2021 04:11 PM (IST)
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सभा में राजा हसन खां मेवाती को याद करते हुए उनके किस्से भी सुनाए गए।

आगरा, जागरण संवाददाता।  आल इंडिया मेव महासभा के तत्वावधान में राजा हसन खां मेवाती को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई। फैज-ए-आम इंटर कालेज में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष शमसुद्दीन ख़ान ने की।

सभा में राजा हसन खां मेवाती को याद करते हुए उनके किस्से भी सुनाए गए। 15 मार्च 1527 को शहीद राजा हसन खां मेवाती ने राणा सांगा के नेतृत्व में मुगल सम्राट बाबर के विरूद्ध मोर्चा संभाला तथा अपने 15 हज़ार सैनिकों के साथ ख़ानवा (फतेहपुर सीकरी के पास) के मैदान में अपने प्राणों की आहूति दी।बाबर ने पत्र लिख कर मुसलमान होने के नाते अपने साथ आने का लालच दिया मगर अलवर के राजा शहीद हसन खां मेवाती ने दो टूक जवाब दिया कि सहधर्मी होना अलग बात है और राष्ट्र भक्त होना अलग बात। मैं मुसलमान हूँ, यह मेरा निजी मामला है। मगर मैं हिंदुस्तानी हूं, यह मेरे राष्ट्र का मामला है। जो कोई भी मेरे देश की तरफ़ नज़र उठायेगा, उसको मेरी तलवार का सामना करना ही होगा। जब राणा सांगा अपने हाथी से गिर कर अचेत हो गये और भारतीय एकीकृत सेना में भगदड़ मच गयी तब भी राजा मेदिनी राय और राजा हसन ख़ां मेवाती बाबर के विरूद्ध मोर्चा संभाले रहे। युद्ध में अपने 15000 सैनिकों के साथ ख़ानवा के मैदान में अपने प्राणों की आहुति दी।श्रद्धांजलि सभा में रशीद प्रधान, शफीज अहमद, मोहम्मद हनीफ, शाहिद बाबी, चुन्ना मास्टर आदि ने विचार रखे।संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील चौहान ने किया।

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