बात सेहत की, अब AI कम करेगा हार्ट अटैक से होने वाली मौत, 25 प्रतिशत युवाओं को उच्च रक्तचाप, आगरा में कार्डियोलाजी पर हुई चर्चा
Agra News 25 प्रतिशत युवा उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं इन्हें ह्रदय रोग गुर्दा रोग होने का खतरा बढ़ रहा है। एआइ के जिरए हार्ट अटैक से होने वाली मौत को कम किया जा सकता है। कार्डियोलाजी आगरा लाइव में ह्रदय रोग की अत्याधुनिक तकनीकी पर की गई चर्चा। चिकित्सकों ने बताया कि दूरबीन विधि से देख सकते हैं धमनियों के अंदर।
By Ajay DubeyEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 18 Dec 2023 07:43 AM (IST)
जागरा संवाददाता, आगरा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से हार्ट अटैक का पूर्वानुमान लग जाएगा। ह्रदय रोग विशेषज्ञ हास्पिटल से ही घर पर बैठे मरीज पर नजर रख सकेंगे। इससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में कमी आएगी। वहीं, युवाओं में उच्च रक्तचाप घातक हो रहा है।
होटल क्लार्क शिराज में आयोजित दो दिवसीय कार्डियालोजी आगरा लाइव राष्ट्रीय कार्यशाला में दूसरे दिन रविवार को ह्रदय रोग के अत्याधुनिक इलाज और बचाव पर चर्चा की गई।
हार्ट अटैक का पूर्वानुमान लग सकता है
फरीदाबाद के डा. गजिंदर गोयल ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हार्ट फेल्योर' पर चर्चा की। कहा कि एआई की मदद से हार्ट अटैक का पूर्वानुमान लग सकता है। मरीज की घर पर तबीयत बिगड़ती है तो उसके रक्तचाप और पल्स रेट से पता लगा सकते हैं कि मरीज को भर्ती करने की कितनी जरूरत है। एआइ नई दवा, इलाज की तकनीकी और वैक्सीन बनाने में मदद करेगा, इससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा।Read Also: Fire In Lucknow: फीनिक्स माल में जूते के शोरूम में लगी भीषण आग, हर तरफ धुआं ही धुआं, जान बचाकर भागे पिक्चर देखने आए लोग
फेफड़ों को भी स्वस्थ रखना जरूरी
पलमोनरी हाइपरटेंशन पर दिल्ली के डा. मुनीष तोमर ने कहा कि हृदय को स्वस्थ रखना है तो फेफड़ों को भी स्वस्थ रखना जरूरी है। 25 प्रतिशत युवाओं में उच्च रक्तचाप की समस्या है, इसे नजरअंदाज ना करें। दवाओं से रक्तचाव को नियंत्रित रखा जा सकता है। आयोजन सचिव हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सुवीर गुप्ता ने कहा कि कार्यशाला में अत्याधुनिक तकनीकी से इलाज पर चर्चा की गई। डा. वीएन कौशल, डा. अरविंद जैन, डा. शरद पालीवाल, डा. विजय खुराना, डा. सचिन गोयल, डा. एके गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।सीधे ईको ना कराएं, ईसीजी और एक्सरे कराएं
केजीएमयू, लखनऊ के सेवानिवृत्त प्रो. वीएस नारायण ने कहा कि डाक्टर्स को चाहिए कि वह हर मरीज का सीधे ईको नहीं कराएं, ईसीजी और एक्सरे से ह्रदय रोग का पता चल सकता है। इसी तरह से जिन बच्चों को जन्मजात ह्रदय रोग है, जो बच्चे नीले पैदा होते हैं या रोने के बाद नीले पड़ जाते हैं, उनमें भी ह्रदय रोग का पता एक्सरे से लगाया जा सकता है।
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