Asthma Attack: मौसम रहा है बदल, बरतें सावधानी, सांस नलिकाओं में सूजन से आ रहा अस्थमा अटैक
Asthma Attack वातावरण में नमी है और अति सूक्ष्म कण के साथ नाइड्रोजन डाइआक्साइड सल्फर डाइआक्साइड हो रही घातक। सांस रोगियों को देनी पड़ रही आक्सीजन आंखों में जलन के मामले भी आ रहे हैं सामने। गंभीर हालत में लोग पहुंच रहे अस्पताल।
आगरा, जागरण संवाददाता। हवा में घुले अति सूक्ष्म कण के साथ नाइड्रोजन डाइआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड घातक हो रहा है। ये सांस लेने पर नलिकाओं तक पहुंच रहे हैं, इससे सांस नलिकाओं में सूजन आ रही है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़े रहने से अस्थमा, टीबी और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की नलिकाओं में सूजन के बाद अटैक पड़ने लगा है। मरीजों की सांस फूल रही है। गंभीर हालत में मरीज एसएन मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
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एसएन मेडिकल कालेज के क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के अध्यक्ष डा. संतोष कुमार ने बताया कि वातावरण में नमी है और नाइट्रोजन डाइ आक्साइड और सल्फर डाइआक्साइड रसायन का स्तर बढ़ गया है। इससे सुबह और रात के समय प्रदूषक तत्व निचली सतह पर रहते हैं। सांस लेने पर अति सूक्ष्म कण और रसायन सांस नलिकाओं में पहुंच रहे हैं। जिन मरीजों को अस्थमा, टीबी सहित सांस संबंधी बीमारी है, उनकी सांस नलिकाओं में रसायन से सूजन आ रही है। इससे उन्हें अटैक पड़ रहा है, सांस उखड़ रही है।
आंखों में जलन और बच्चों को खांसी
एसएन के बाल रोग विभाग के डा. नीरज यादव ने बताया कि बच्चों को प्रदूषक तत्वों के कारण गले में खराश, नाक और आंख में जलन की समस्या हो रही है। जिन बच्चों को सांस संबंधी बीमारी है उन्हें निमोनिया की समस्या होने पर भर्ती किया जा रहा है। एसएन की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शेफाली मजूमदार ने अति सूक्ष्म कण भी बढ़ गए हैं। इन कणों से आंखों में एलर्जी हो रही है, जलन, लाल पन और पानी बह रहा है। जिन लोगों को आंख की एलर्जी की समस्या है उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है।
ये करें
− अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाएं।
− सुबह और रात को बाहर निकलने से बचें, धूप निकलने के बाद टहलने जाएं।
− जिन क्षेत्रों में प्रदूषण अधिक है वहां न जाएं।
− इन्हेलर सहित अन्य दवाओं की डोज डाक्टर से परामर्श लेकर बढ़वा लें।
− गर्म पानी का सेवन करने के साथ ही भाप ले सकते हैं।
− चश्मा लगाकर बाहर निकलें।
− आंखों को साफ पानी से साफ करते रहें।
− आंखों से हाथ न लगाएं।
− जलन, लाल पन और पानी बहने पर डाक्टर के परामर्श के बाद ही दवा डालें।