Ayodhya Ram Mandir: राम के काज में कान्हा की नगरी को भी मौका, काशी विद्वत परिषद के पंडितों को मिली ये जिम्मेदारी
Ayodhya Ram Mandir मंदिर के भूमि पूजन में काशी विद्वत परिषद को मिली अहम भूमिका।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Tue, 21 Jul 2020 08:48 PM (IST)
आगरा, जेएनएन। अयोध्या में भगवान श्रीराम के दिव्य और भव्य मंदिर के लिए 5 अगस्त को शिलान्यास होगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का शिलान्यास करने अयोध्या पहुंच रहे हैं, लेकिन अयोध्या में हो रहे श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की अहम जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद, वृंदावन को दी गई है। परिषद के पंडित मंदिर के भूमि पूजन में नींव की पहली ईंट रखेंगे। परिषद को मिली जिम्मेदारी पर संत, महंत व धर्माचार्यों ने खुशी जताई।संत समाज का कहना है कि राम के पावन काज में कान्हा की नगरी के संतों काे भी अवसर मिला है।
मोतीझील स्थित काष्र्णि कृपा धाम में मंगलवार को काशी विद्वत परिषद की बैठक में डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने कहा सुंदर समय आया है भगवान श्रीराम, दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे। कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि ब्रजमंडल ही नहीं अपितु भारत व विश्व के सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह गौरव का क्षण है। जब रामलला टाट से निकल कर ठाट से मंदिर में विराजेंगे। जैसे अयोध्या रामजन्म भूमि का विवाद का हल हुआ ऐसे ही मोदी मथुरा और काशी का मसला हल करें। अनुराग कृष्ण शास्त्री कन्हैया ने कहा कारसेवकों के बलिदान की नींव पर आज मंदिर का शिलान्यास हो रहा है। बैठक में ब्रजवासियों व काशी विद्वतपरिषद् ब्रजमंडल की शाखा की ओर से सनातन धर्मावलंबियों को बधाई दी। काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत के प्रभारी काष्र्णि नागेंद्र महाराज ने कहा सनातन धर्म की सर्वोच्च संस्था काशी विद्वतपरिषद् जो साढ़े चार सौ वर्ष पुरानी है। सनातन धर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर निर्णय लेती है। भूमि पूजन का मुहूर्त काशी विद्वतपरिषद् के ज्योतिषाचार्य ने दिया और परिषद के पदाधिकारियों की देखरेख में भूमि पूजन संपन्न होगा। जो दिनांक 5 तारीख को मध्याह्न अभिजीत मुहूर्त में 12.15 पर होना सुनिश्चित हुआ है और इसी मुहूर्त में प्रभु श्रीराम अयोध्या में प्रकट हुए थे। इस दौरान मुकुंद शर्मा, श्याम शर्मा मौजूद रहे।
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