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Bateshwar: महादेव की नगरी में वानर सेना का उत्पात, बटेश्वर जा रहे हैं तो रहें जरा संभलकर

Bateshwar आगरा शहर की नहीं बल्कि अब आसपास के गांवाें और कस्बाें में भी बंदराें का आतंक बढ़ता जा रहा है। तीर्थस्थल बटेश्वर और बाह क्षेत्र में बंदराें के अलग अलग गुटों के चलते लोगाें का रहना मुश्किल हो रहा है। खासतौर पर मंदिर परिसर में डेरा जमाए रहते हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2022 09:41 AM (IST)
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Bateshwar: शिव मंदिराें की नगरी बटेश्वर में बंदराें का इस तरह का कब्जा है।
आगरा, सत्येंद्र दुबे। त्रेता युग में महाबली रावण की सेना में हाहाकार मचाने वाली वानर सेना वर्तमान में महादेव की नगरी बटेश्वर और आसपास के कस्बों में जनता और श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन गई है। गैंग के रूप में हमला करने वाली वानर सेना से त्रस्त जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है। स्थिति यह है कि प्रसाद चढ़ाने वाले भी प्रसाद को छिपाकर निकलने को मजबूर हैं। इनके आतंक से वे खुद को असहज महसूस कर रहे हैं।

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महादेव की नगरी बटेश्वर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन है। इनमें महिला और बच्चे भी होते हैं। मंदिर में पूजा अर्चना को जाते वक्त प्रसाद लेकर वानर सेना से बचा कर मंदिर तक पहुंचना किसी खतरे से कम नही। जब एकजुट होकर ये सेना हमला बोलती हैं तो प्रसाद को बचाना तो दूभर खुद को बचाने के लाले पड़ जाते हैं। बटेश्वर निवासी दुकानदार बबलू, मोहित कहते हैं कि कभी कभी तो इनका झुंड थाल में रखे प्रसाद को भी उठा ले जाता है।

बाह थाने के आगे पुलिस के सामने लूट

बटेश्वर ही नही बाह कस्बे में कोतवाली के सामने वानर सेना का इतना आतंक है कि चलते राहगीरों से वे पुलिस के सामने ही लूट कर लूटे हुए खाने पीने के सामान को लेकर पेड़ों पर चढ़ जाते हैं और राहगीर मन मैला कर आगे बढ़ जाता है।

बाह तहसील में भी आतंक

बाह तहसील परिसर में अलग से वानर सेना की एक टुकड़ी 24 घंटे डेरा जमाये रहती है। तहसील आने जाने वाले फरियादी इनके भय के कारण छिपते हुए तहसील पहुंचते हैं। यहां तक कि कई बार फरियादियों के हाथ से कागजों का थैला तक ये छीन कर ले जाते हैं।

लगता है जाम

बाह में सेना के कई गुट हैं। जब उनमें मुख्य मार्ग पर वर्चस्व को लेकर युद्ध शुरू होता है तो ये इतने हिंसक हो जाते हैं कि कोई भी निकलने की हिम्मत नही जुटा पाता और काफी देर तक जाम के हालात बने रहते हैं। न तो पुलिस, न प्रशासन और न ही वन विभाग पर ऐसी कोई तरकीब है जो इनके आतंक से बचा सके।

इन कस्बों में आतंक

बाह, बटेश्वर के अलावा जैतपुर, जरार, भदरौली, पिनाहट कस्बों में तो आतंक है ही, अब वानर सेना गांव तक भी पहुंच चुकी है। इनके आतंक के चलते खुले में कोई सामान रखना सुरक्षित नही रहा है। नहटौली निवासी श्रीकृष्ण, कचौराघाट के बबलू पाठक, शाहपुर संदीप मिश्रा आदि ग्रामीण बताते हैं कि गांव में वानर सेना का इस तरह आतंक है कि वह पशुओं के दाने तक को खा जाते हैं। 

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