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रहें सावधान, कहीं आप भी न हो जाएं हनी ट्रैप के शिकार

फर्जी प्रोफाइल और खूबसूरत लड़की का फोटो होता है हथियार। विश्वास दिलाने को करते हैं नंबरों का आदान-प्रदान।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 10:48 AM (IST)
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रहें सावधान, कहीं आप भी न हो जाएं हनी ट्रैप के शिकार

आगरा, जागरण संवाददाता। सोशल मीडिया में फर्जी प्रोफाइल और उस पर किसी खूबसूरत लड़की का चेहरा हनी ट्रैप का मुख्य हथियार होता है। इस जाल में शिकार फंसता तो अपनी मर्जी से है लेकिन इससे बाहर निकलना उसके वश में नहीं रहता। सामने वाला उसे जब तक चाहता है प्रयोग करता है। 

हनी ट्रैप के अभी तक जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें सोशल मीडिया के माध्यम से ही शिकार के हैं। खूबसूरत चेहरे वाली कोई लड़की सामने वाले को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है। एक बार इस रिक्वेस्ट को स्वीकार करते ही आपसे जुड़ी अधिकांश जानकारी हनी ट्रैप करने वाले पर पहुंच जाती है। इसके बाद चैटिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है। कुछ सप्ताह या महीने तक सामान्य बातचीत होती रहती है।

इस दौरान संबंधित के बारे में काफी जानकारी जुटा ली जाती है। इसके बाद विश्वास जीतने के लिए ईमेल और मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान करते हैं। इस जाल को फेंकने के बाद शिकार पूरी तरह वश में आ जाता है। खूबसूरत चेहरे की कशिश और लच्छेदार बातों से हनी ट्रैप में फंसा व्यक्ति अपने सारे राज उगल देता है। कई बार ऐसा होता है कि फर्जी प्रोफाइल बनाकर पुरुष ही महिला बनकर बात करते हैं। यदि उनके हाथों शिकार की आपत्तिजनक तस्वीर या कोई जानकारी लग जाती है तो उसे ब्लैकमेल करने लगते हें। जाल में फंसे व्यक्ति को वास्तविकता का पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

विदेशी लड़कियों के चेहरे का प्रयोग

हनी ट्रैप करने वाले वर्चुअल वल्र्ड के शातिर अपनी प्रोफाइल पर विदेशी लड़कियों के फोटो लगाते हैं। इसके पीछे उनकी सोची समझी साजिश होती है। क्योंकि किसी भारतीय युवती या अभिनेत्री एवं मॉडल का फोटो लगाने पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले लोग उसे तत्काल पहचान जाते हैं। जबकि विदेशी मॉडल या युवती को नहीं पहचानते हैं। इसलिए आसानी हनी ट्रैप के शिकार होकर जाल में फंस जाते हैं। युवतियां अपने को अमेरिकन या यूरोपीय देश का बताती हैं।

अन्य विभागों के लोग भी निशाने पर

हनी ट्रैप का प्रयोग दुश्मन देश सेना से जुड़े लोगों से अहम जानकारी हासिल करने के लिए करते थे। मगर, अब अन्य अहम विभागों से जुड़े लोगों को भी हनी ट्रैप का प्रयोग किया जाने लगा है। इससे कि सामने वाले को ब्लैकमेल करके महत्वपूर्ण जानकारी या रकम हासिल की जा सके।

महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात लोगों को किया जा रहा जागरुक

हनी ट्रैप के मामलों को बढ़ता देखकर अब महत्वपूर्ण स्थलों एवं एतिहासिक स्मारकों पर तैनात जवानों को भी इससे बचने के लिए जागरुक किया जा रहा है। पिछले दिनों ही ताज पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को भी साइबर अपराधियों और हनी टै्रप जैसी घटनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए पुलिस ने कार्यशाला आयोजित की थी।