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Gas Geysers: सर्दी में इस्तेमाल करने से पहले बरतें सावधानी, बंद बाथरूम में गैस चेंबर बन सकते हैं गीजर

Gas Geysers महिलाएं और बच्चे बाथरूम के दरवाजे बंद करके नहाते है ऐसे में बाहरी आक्सीजन पूरी नहीं आ पाती। बाथरूम में मौजूद लोगों का दम घुटने लगता है और हादसे होते है। छोटी सी असावधानी जानलेवा हो सकती है।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Fri, 18 Nov 2022 03:47 PM (IST)
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Gas Geysers: बाथरूम में लगा गैस गीजर कभी-कभी हादसे का सबब बन जाता है।
आगरा, जागरण टीम। सर्दियों में गर्म पानी से नहाने का लुत्फ उठाना कभी-कभी जानलेवा बन जाता है। सर्दियों में गैस गीजर के हादसे इस बात की गवाही देते हैं। छोटी सी सावधानी से अनमोल जीवन को बचाया जा सकता है। विशेषज्ञ से समझिए किन बातों का ध्यान रखें। इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं कुछ जरूरी सावधानियां। सबसे पहले समझिए आखिर ये काम किस तरह करता है।

  • विशेषज्ञों के मुताबिक बाथरूम में लगे एलपीजी गैस के गीजर के आन होते ही तेजी से लौ जलती है।
  • बंद बाथरूम में आक्सीजन की खपत तेजी से बढ़ती है।
  • बंद बाथरूम में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है।

इन मरीजों के लिए खतरनाक है बंद बाथरूम में नहाना

एक्सपर्ट पंकज यादव का कहना है कि गैस गीजर से पैदा होने वाले खतरों से लोग अंजान हैं। बेहोशी की हालत में समय रहते आक्सीजन मिल जाए तो जान बच सकती है। ज्यादा देर होने पर जान पर बन आती है। यदि आपके घर में मिर्गी, पार्किंसंस या दौरे के मरीज हैं तो बंद बाथरूम में गैस गीजर का इस्तेमाल करने में बहुत ही सावधानी जरूरी है। क्योंकि इन मरीजों के दिमाग को पर्याप्त आक्सीजन न मिलने से होने वाली क्षति है।

गैस गीजर के बारे में जरूरी सावधानियां

  • बाथरूम के बाहर गैस गीजर लगाएं
  • बाथरूम के अंदर केवल गीजर से सप्लाई हो रहे पानी की पाइप ही होनी चाहिए
  • गैस गीजर ऐसे स्थान पर लगा हो जहां वेंटीलेशन की अच्छी व्यवस्था हो
  • गैस का सिलेंडर बाथरूम के बाहर ही लगाएं
  • बाथरूम में जालीदार खिड़की है तो उसे ढंके नहीं ऐसे रखें कि हवा आती-जाती रहे
  • बेहतर तो यही रहेगा कि गैस गीजर से पहले पानी भर लें
  • बाल्टी या टब भर जाने के बाद इसे बंद कर दें। इसके बाद अंदर नहाने जाएं। इससे जान को खतरा ही नहीं रहेगा
  • बंद बाथरूम में गैस गीजर के इस्तेमाल के दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा होती है
  • शुरुआत में इसकी गंध अधिक महसूस नहीं होती। लेकिन देखते ही देखते इससे दम घुटने लगता है

रहें सावधान, करें ये काम

  • नहाने के समय अगर आपने गैस गीजर चलाया है और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो इसे सामान्य न लें, तत्काल बाथरूम की कुंडी खोलें
  • आजकल के घरों में बाथरूम कमरों से अटैच होते हैं, ये पूरी तरह से बंद होते हैं। यहां वेंटिलेशन जरूर होनी चाहिए।
  • बाथरूम के दो दरवाजे होने चाहिए। यदि नहीं हैं तो बाथरूम का दरवाज बाहर की तरफ खुलना चाहिए

हो जाता है हाइपोक्सिया

गैस गीजर की गैस आक्सीजन लेबल कम कर देती है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. मृदुल चतुर्वेदी का कहना है कि ऐसा स्तर हाइपोक्सिया कहा जाता है। फेफड़ों, दिल और दिमाग पर इसका सीधा प्रभाव होता है। दरअसल शरीर के सारे टिश्यू तक आक्सीजन पहुंचनी जरूरी है। हाइपोक्सिया में हमारे शरीर में आक्सीजन पहुंचना कम हो जाती है, जब किसी जगह पर आक्सीजन की कमी होती है तो हम सांस की गति बढ़ाने लगते हैं। सामान्य तौर पर 15 या 16 की स्पीड से सांस लेते हैं। लेकिन जब शरीर में आक्सीजन की आपूर्ति नहीं होती तो ये स्पीड बढ़कर 40 तक पहुंच जाती है। इन परिस्थतियों में हमारा शरीर बुरी तरह थक जाता है।

आगरा और आसपास में गैस गीजर से हुए हादसे

इसी साल फिरोजाबाद में हादसा घटित हुआ था।

तीन फरवरी को ज्योति गुप्ता (27) की शादी हुई थी। ससुराल में छह फरवरी को बाथरूम में बेहोश मिली। चिकित्सकों ने उसे मृत घाषित कर दिया।

25 सितंबर को सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी 65 वर्षीय अशोक कुमार रविवार सुबह 10:30 बजे गीजर में गैस सिलेंडर लगा रहे थे। पास में ही उनका 7 वर्षीय बेटा श्याम भी खड़ा था। अचानक गैस सिलेंडर में आग लगने से अशोक कुमार और श्याम झुलस गए।

2019 में आगरा में कारोबारी की पत्नी तथा दो बेटियों की दम घुटने से मौत हो गई। शाहगंज के पांडव नगर में बाथरूम में गैस गीजर से दम घुटने से कारोबारी की पत्नी और दो मासूम बेटियों की मौत हो गई।

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