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Agra Crime: 'योगी जी इन्हें आसाराम की तरह जेल में रखें'... सुसाइड नोट में छलका बहनों का दर्द, महिला समेत चार पर लगे आरोप

Agra Crime शुक्रवार देर रात ब्रह्मकुमारी आश्रम में दो बहनों ने आत्महत्या कर ली। मृतक एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी। जबकि एकता द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट तीन पेज का था। जिसमें उन्होंने आश्रम के चार लोगों पर आरोप लगाए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 05:30 AM (IST)
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Agra Crime: 'योगी जी इन्हें आशाराम की तरह जेल में रखें'... सुसाइड नोट में छलका बहनों का दर्द (प्रतीकात्मक चित्र)

जागरण संवाददाता, आगरा। ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहने वाले दो सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़े तीन लोगों और एक महिला का काला चिट्ठा खोल दिया। इसमें रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों का पर्दाफाश किया गया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को संबाेधित करते हुए लिखा कि आरोपितों को आशाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिन लोगों का सुसाइड नोट में नाम लिखा है, उनसे पुलिस पूछताछ करेगी।

तीन पेज का लिखा सुसाइड नोट

ब्रह्मकुमारी आश्रम जगनेर में रह रही एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी। जबकि एकता द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट तीन पेज का था। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनाें बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार है।

इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की...

शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। इसमें लिखा है कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था । सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। पंद्रह साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की।

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सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। ये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। इसके साथ ही 18 लाख रुपये गरीब माताओं के उसी व्यक्ति ने हड़प लिए। सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। यज्ञ में बैठने लायक भी ये लोग नहीं हैं। धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भय दिखाकर कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है।

आसाराम बापू की तरह मिले आजीवन कारावास

एकता ने लिखा है कि योगी जी इनको आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए। इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहुतों के साथ किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए। पुलिस को आश्रम से सुसाइड नोट मिल गया है। इसमें लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।

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