Lok Sabha Result: लोकसभा चुनाव में नहीं चला 'मायावती का मैजिक', गढ़ में ही फिसला हाथी, छिटका मूल वोट बैंक
Agra Lok Sabha Election Result दलितों के गढ़ में फिसला हाथी। इस बार तो मूल वोट बैंक भी छिटक गया मुस्लिम वोट बैंक में दोनों लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी सेंध नहीं लगा सके। पिछड़ा और सामान्य वर्ग का वोट भी नहीं मिला इसके पीछे संगठन की कमजोरी और आगरा सीट पर बाहरी प्रत्याशी का चुनाव लड़ना माना जा रहा है।
जागरण संवाददाता, आगरा। दलितों के गढ़ में बढ़त बनाने की जगह हाथी फिसल गया, आगरा लोकसभा और फतेहपुर सीकरी सीट पर दूसरे नंबर पर रहने वाली बसपा तीसरे स्थान पर पहुंच गई।
आगरा लोकसभा सीट पर पिछले कई चुनावों से बसपा दूसरे नंबर की पार्टी रही है, 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी कुंवर चंद वकील नौ हजार वोट से भाजपा के डा राम शंकर कठेरिया से हारे थे। इसके बाद 2014 में बसपा प्रत्याशी नारयन सिंह सुमन को 283261 वोट मिले थे। 2019 में सपा और बसपा के गठबंधन से बसपा प्रत्याशी मनोज सेनी को 4353239 वोट मिले थे।
बसपा का प्रदर्शन नहीं रहा दमदार
मगर, इस बार आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी सीट पर बसपा का प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनावों से खराब रहा। आगरा सीट पर बसपा ने बाहरी प्रत्याशी पूजा अमरोही को उतारा, संगठन की कमजोरी भी मूल वोट बैंक को संभाल कर नहीं रख सकी।पुराने कार्यकताओं की निष्क्रियता का भी असर दिखाई दिया।बसपा प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं का चुनाव प्रचार जलेसर और एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र तक सीमित रहा।एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी से ठाकुरों की नाराजगी का भी बसपा को फायदा नहीं मिला।ये भी पढ़ेंः Chandauli Lok Sabha Result: चंदौली में सबसे बड़ा उलटफेर, सपा के वीरेंद्र की जीत पक्की, डा. महेंद्रनाथ पांडेय इतने वोट से पीछे
पहली बार में ही जीती थी सीट
उधर, फतेहपुर सीकरी सीट पर 2009 में बसपा ने जीत दर्ज की थी, इसके बाद 2014 में बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। 2019 के चुनाव में बाहरी प्रत्याशी श्री भगवान शर्मा को बसपा ने प्रत्याशी बनाया था और तीसरे नंबर पर पहुंच गए। इस बार स्थानीय प्रत्याशी रामनिवास शर्मा को बसपा ने उतारा, एससी मूल वोट बैंक के साथ ब्राह्मण समाज के वोट से बसपा प्रत्याशी को उम्मीद थी।ये भी पढ़ेंः Mainpuri Lok Sabha Result; डिंपल का जादू बरकरार; 1996 में मुलायम सिंह बने पहले सांसद, अब तक 'सपा का किला' नहीं भेद सकी भाजपा
मगर, यहां भी संगठन की कमजोरी सामने आई और बसपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर पहुंच गए। बसपा जिलाध्यक्ष विमल वर्मा का कहना है कि नतीजे आने के बाद समीक्षा की जाएगी।
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