UP Politics: विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मायावती की सोशल इंजीनियरिंग, खत्म की बसपा ने ये व्यवस्था
BSP Mayawati Update News सत्ता कुर्सी जिस सोशल इंजीनियरिंग से मायावती को मिली थी उसी को 2027 के चुनाव के लिए एक बार फिर से लागू किया है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मायावती ने रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। ब्राह्मण और मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए अलग से मंडल प्रभारी बनाए गए हैं। पुरानी मंडल स्तरीय व्यवस्था लागू की है।
जागरण संवाददाता, आगरा। जिस सोशल इंजीनियरिंग से बसपा सत्ता में आई थी, उसी के सहारे विधानसभा चुनाव 2027 में जीत दर्ज करने के लिए बसपा ने पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है। सेक्टर और जोन प्रभारी की जगह अब मंडल इंचार्ज और मंडल प्रभारी बनाए गए हैं। मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए अलग से मंडल प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए मंडल प्रभारी बनाने के जाएंगे।
आगरा में रहे हैं एक समय छह विधायक
एससी बाहुल्य आगरा में बसपा के छह विधायक रहे हैं, एससी, ब्राह्मण और मुस्लिम समाज के वोट से फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भी बसपा ने जीत दर्ज की थी। मगर, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन खराब रहा। वोट प्रतिशत भी कम हुआ है। मूल वोट बैंक में भी सेंध लग गई। सत्ता से हटने के बाद 2012 के बाद बसपा में कई बदलाव किए गए। आगरा, अलीगढ़ और मेरठ मंडल पर सेक्टर प्रभारी बना दिए गए, इससे जमीनी स्तर पर काम नहीं हो सका।
जोन प्रभारी और सेक्टर की व्यवस्था खत्म
विधानसभा चुनाव 2027 के लिए बसपा ने सेक्टर और जोन प्रभारी समाप्त कर दिए हैं। अब आगरा मंडल के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी जिले के लिए मंडल इंचार्ज बनाए गए हैं। इसके साथ ही हर जिले के लिए मंडल प्रभारी बनाए गए हैं। इसके बाद जिला प्रभारी बनाए हैं। वहीं, मुस्लिम समाज को जोड़ने के लिए मंडल स्तर पर प्रभारी बनाए हैं इसी तरह से ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए भी प्रभारी बनाए जाने हैं।ये भी पढ़ेंः Deh Vyapar: फोन पर फोटो भेजकर ग्राहक पसंद करते थे लड़कियां, पुलिस चौकी के सामने होटल में देह व्यापार पकड़ा
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