आगरा में लूटी कार से देहरादून में डाला 20 करोड़ का डाका; दिल्ली के चालक से लूट में पुलिस ने लिखा था चोरी का मुकदमा
Agra Crime News मुकदमे में लिखा कि वह चाय पीने खंदौली इंटरचेंज पर रुके थे।मेरा परिचित अमित ने चाबी ली और वह कार लेकर चला गया। उसके साथ दूसरा युवक भी कार में ही बैठा था। मैंने काफी देर तक देखा लेकिन वह वापस नहीं आया।जबकि चालक ने यह घटनाक्रम नहीं बताया था। उसने बताया था कि कार में सवार एक युवक दूसरे को अमित नाम लेकर बुला रहा था।
जागरण संवाददाता, आगरा। देहरादून में रिलायंस ज्वेल्स में 20 करोड़ की डकैती डालने वाले बदमाशों ने खंदौली से लूटी गई कार का इस्तेमाल किया। देहरादून में कार बरामद होने के बाद आगरा पुलिस अपराध में अल्पीकरण की करतूत सामने आ गई है।
दिल्ली के चालक से पांच माह पहले लूटी गई कार की कहानी खंदौली पुलिस ने चोरी की गढ़ दी थी। उसी के आधार पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं जख्मी चालक का मेडिकल तक नहीं कराया गया।
देहरादून में हुई वारदात के बाद कहा जा रहा है कि अगर, खंदौली पुलिस ने अल्पीकरण के बजाय कार लूटने वाले बदमाशों ने दिमाग लगाया होता तो गैंग का पहले ही पर्दाफाश हो गया होता।
नौ नवंबर को बदमाशाें ने डाली थी डकैती
देहरादून के राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वेल्स में नौ नवंबर को बदमाशों ने डकैती डाली थी।बदमाश 20 करोड़ रुपये के हीरे और सोने के आभूषण ले गए हैं। देहरादून पुलिस ने सेलाकुई क्षेत्र से अर्टिगा कार बरामद कर ली। पुलिस को जांच में पता चला कि यह कार 9 जून 2023 को खंदौली क्षेत्र से लूटी गई थी।
खंदौली पुलिस ने 10 जून को इस मामले में चोरी का मुकदमा दर्ज किया था। कार चालक खिचड़ी पुर दिल्ली में रहने वाले जगपाल ने बताया कि वह मंडावली में रहने वाले सुरेंद्र कुमार यादव की कार चलाता था। नौ जून को वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आगरा के लिए चार हजार रुपये में कार बुक करके ले गया था। कार में दो युवक थे।
आगरा में पेमेंट के लिए बुकी की थी कार
कार बुक करने वालों का कहना था कि उनकी कास्मेटिक की दुकान है। आगरा में पेमेंट करना है, इसलिए उन्हें अर्जेंट पहुंचना है। चालक के अनुसार, दोनों युवकों ने मथुरा से निकलने के बाद रात 10 बजे यमुना एक्सप्रेस वे के फूड प्लाजा से काफी लेकर नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दी। इसके बाद वह अचेत हो गया। सुबह आठ बजे उसे होश आया तो वह खंदौली इंटरचेंज के पास हाथरस रोड के किनारे पड़ा था।
बाइक सवार की मदद से वह थाने पहुंचा और पुलिस को घटना की जानकारी दी। मगर, पुलिस उसकी बात पर भरोसा नहीं कर रही थी। मालिक का नंबर देकर मालिक को बुलाया। दो दिन तक उसे थाने में बैठाए रखा। इसके बाद खुद टाइप करके चोरी की तहरीर लिखी। इसमें बदमाशों को उसका परिचित बताकर चोरी का मुकदमा लिखा।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
देहरादून पुलिस ने चालक को फोन कर घटना की जानकारी ली। इस संबंध में आगरा पुलिस से भी संपर्क किया जा सकता है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर खंदौली पुलिस ने मामला लूट में दर्ज कर कार बरामदगी के प्रयास किए होते तो इस गैंग का पर्दाफाश पहले ही हो सकता था। इंस्पेक्टर खंदौली नीरज कुमार मिश्रा का कहना है कि कार चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें नामजदगी गलत पाई गई है। अभी मुकदमे की विवेचना प्रचलित है।
पुलिस ने नहीं कराया था मेडिकल
चालक जगपाल ने बताया कि वह मूल रूप से अयोध्या का रहने वाला है। घटना के बाद वह डर गया था। खंदौली थाने में उससे दो दिन तक पुलिस ने पूछताछ की। उसके हाथ और पैरों में जख्म थे। मगर, पुलिस ने मेडिकल नहीं कराया। दिल्ली में पहुंचने के बाद उसने मेडिकल कराया था।
अधिकारियों ने क्या की मानीटरिंग?
लूट का मुकदमा चोरी में दर्ज किया गया। इसके बाद विवेचक अक्षय राना ने नामजदगी गलत बताकर विवेचना ठंडे बस्ते में डाल दी। इंस्पेक्टर और एसीपी विवेचना की मानीटरिंग करते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इंस्पेक्टर खंदौली नीरज कुमार मिश्रा और एसीपी एत्मादपुर सौरभ सिंह ने इसकी क्या मानीटरिंग की थी?