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आगरा में सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सहित इन पर दर्ज हुआ डकैती का केस, करोड़ों की जमीन पर कब्जा दिलाने को दो परिवारों को भेजा था जेल

Agra News करोड़ों की जमीन पर कब्जा दिलाने को जगदीशपुरा की बेरहम पुलिस ऐसी रफ्तार से चली कि राकेट भी पीछे छूट जाए। कुल्फी बेचने वाले गरीब को ड्रग डीलर बनाकर भाई व एक अन्य समेत जेल भेजा था। पीड़ित महिला ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी के आफिस में गुहार लगाई थी। जिसके बाद जांच में पूरा मामला सामने आया।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 07 Jan 2024 02:12 PM (IST)
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Agra News: आगरा में करोड़ों की जमीन पर कब्जा कराने के आरोप में पुलिस पर लिखा मुकदमा।

जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र में जमीन पर कब्जा कराने को दो परिवारों को जेल भेजने के मामले में तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, कब्जा करने वाले कमल चौधरी और धीरू चौधरी के खिलाफ डकैती का मुकदमा। पुलिस ने रवि कुशवाहा को पुनः कब्जा भी दिलाया।

ये है मामला

जगदीशपुरा क्षेत्र में बोदला-लोहामंडी मार्ग पर बीएस कांप्लेक्स के पास बेशकीमती चार बीघा जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से रातोंरात कब्जा हुआ था। इस जमीन पर बने तीन कमरों में रहने वाले दो रवि कुशवाह और शंकरिया कुशवाह व चौकीदार ओमप्रकाश को 26 अगस्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर गांजा बेचने के फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया। तीनों से नौ किलोग्राम गांजा बरामद दिखाया गया। चार महीने से अधिक समय तक जेल में रहे बेकसूर रवि को आठ और शेष दो को नौ दिसंबर को जमानत मिली।

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तीनों के खिलाफ लगा दी चार्जशीट

बेकसूरों को जमानत मिलने से पहले ही पुलिस ने काम पूरा कर दिया। विवेचक दारोगा आशीष कुमार त्यागी ने 17 सितंबर को ही तीनों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। चार्जशीट में साक्ष्य के तौर पर खेत में गांजे के साथ खींचे गए फोटो लगाए गए हैं। इसमें तीन कट्टे गांजा और स्कूटर बरामद दिखाए गए।

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रवि को जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी पूनम ने अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी के आफिस में गुहार लगाई थी। बताया कि उन्हें जमीन खाली न करने पर जेल भेजने की धमकियां मिल रही थीं। इसके पांच दिन बाद ही पुलिस ने पूनम और उसकी ननद पुष्पा को अवैध शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद जमीन पर कब्जा कराया गया।

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चौकी पर नहीं संभाली गई जिम्मेदारी फिर भी मिली जगदीशपुरा की थानेदारी

जगदीशपुरा में जमीन पर कब्जा कराने के मामले में चर्चाओं में आए तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार चौकी पर रहते हुए भी निलंबित हो चुके हैं। पुलिस चौकी की जिम्मेदारी ठीक से नहीं संभाल पाए थे। इसके बाद भी उन्हें शहर के बड़े थाने की थानेदारी मिल गई। वर्ष 2015 बैच के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार पर कमिश्नरेट बनने के बाद ही अधिकारियों की मेहरबानी शुरू हुई थी।

इससे पहले वे कोविड काल में पिनाहट थाने में तैनात थे। वहां संघ पदाधिकारी को डंडे से पीटने के मामले में लाइन हाजिर हुए। इसके बाद उन्हें रुनकता पुलिस चौकी पर तैनाती मिल गई। अप्रैल 2022 में सांप्रदायिक मामले में लापरवाही पर उन्हें निलंबित किया गया था। इसके बाद वे खंदौली की टोल प्लाजा पुलिस चौकी पर तैनात रहे। कमिश्नरेट बनने के बाद उन्हें बरहन थाने में एसएसआइ बनाया गया। यहां से एसओ जगदीशपुरा की बड़ी जिम्मेदारी मिल गई।

जगदीशपुरा थाने में महिला दारोगा ने उन पर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एसीपी से शिकायत की थी। अधिकारियों ने महिला दारोगा का ट्रांसफर दूसरे थाने में कर दिया, लेकिन जितेंद्र कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

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