Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पुष्टाहार की कालाबाजारी मामला: CDPO विमल चौबे निलंबित, DPO पर लटकी तलवार; हर केंद्र से 2000 रुपये वसूलने का आरोप

आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में बड़ी कार्रवाई सीडीपीओ विमल चौबे को किया गया निलंबित। डीपीओ आदीश मिश्रा पर भी गाज गिर सकती है। शासन ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है। 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले ही निलंबित हो चुकी हैं। जांच में कई और केंद्रों के खुलासे हो सकते हैं। इस मामले पर सीएम योगी की भी नजर है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 04 Oct 2024 09:26 AM (IST)
Hero Image
आगरा: जेल भेजे गए आरोपित प्रवीण अग्रवाल, इंदु शर्मा और भारती देवी। सौजन्य पुलिस

 जागरण संवाददाता, आगरा। पुष्टाहार की कालाबाजारी को लेकर मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। गुरुवार शाम शासन ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे को निलंबित कर दिया। वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा पर भी तलवार लटक रही है।

दोनों अधिकारियों के खिलाफ डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। शासन स्तर से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी जल्द ही आगरा आएगी। इस प्रकरण में मुख्य सेविका अनीता शर्मा सहित 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले ही निलंबित की जा चुकी हैं।

जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में 508 हैं। 27 सितंबर तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था। इन सभी केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच की जा रही है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर टीमों को लगाया जा रहा है। दो से तीन दिनों में टीमें हर घर जाएंगी और सत्यापन करेंगी।

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में दो बच्‍च‍ियों की हत्‍या मामले में नया खुलासा, फंदे पर लटकाने पर नहीं हुई मौत तो गला कसकर मार डाला

किस केंद्र को कितना पुष्टाहार मिला। कितने लाभार्थियों को बांटा गया। यह सब रिकार्ड देखा जाएगा। डीएम ने बताया कि जिन केंद्रों में अभी तक पुष्टाहार नहीं बंटा है। उन सभी केंद्रों की जांच दूसरे चरण में होगी। पहले चरण में 167 केंद्रों को शामिल किया गया है। शासनस्तर से उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई है। यह टीम आगरा आएगी और जांच करेगी। जांच में कई केंद्रों की पोल खुलकर सामने आ सकती है। किस तरीके से केंद्रों में पुष्टाहार कम दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने डीएम से की थी वीडियो कांफ्रेंसिंग

मंगलवार को इसी प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। पुष्टाहार की कालाबाजारी पर कहा था कि कहीं ये वे माफिया तो नहीं हैं, जो सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शामिल हैं। उन्होंने पुष्टाहार की कालाबाजारी को लेकर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप- वसूले जाते हैं दो हजार रुपये

पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में गिरफ्तार दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पूछताछ में विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली है। बताया कि हर केंद्र से प्रति महीने दो हजार रुपये की वसूली की जाती है। ये वसूली सुपरवाइजर करते हैं। मना करने पर निरीक्षण में कमियां निकाली जाती हैं।

नाई की मंडी पुलिस ने दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और गोदाम मालिक को गुरुवार को जेल भेज दिया। डेरा सरस में 26 सितंबर को प्रवीण अग्रवाल के गोदाम पर जिला पूर्ति अधिकारी की टीम ने छापा मारा था। वहां से आंगनबाड़ी लाभार्थियों में वितरित होने वाला खाद्यान्न बरामद किया था। बाल विकास परियोजना अधिकारी की ओर से नाई की मंडी थाने में आरोपित प्रवीण अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।

पुलिस ने बुधवार को प्रवीण अग्रवाल और उसे खाद्यान्न बेचने वाली दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हलका मदन की इंदु शर्मा और सदर भट्टी की भारती देवी को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि विभाग से गोदाम के लिए 700 रुपये महीने किराया मिलता है, जो कि वर्ष के अंत में आता है।

इतने रुपये में गोदाम नहीं मिलने पर खाद्यान्न रखने में समस्या आती है। सभी केंद्रों से सुपरवाइजरों द्वारा दो हजार रुपये महीने वसूले जाते हैं। रकम नहीं देने पर निरीक्षण करके कमियां निकाल कार्रवाई की धमकी दी जाती है। पुलिस ने सुपरवाइर से भी पूछताछ की। जिससे 15 आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची मिली है।

आरोप है इनमें 13 ने दो-दो हजार रुपये दिए थे। पुलिस ने आरोपों के घेरे में आए दो अधिकारियों से भी उनका पक्ष जाना। उन्होंने खुद को बेकसूर बताया। पुलिस आरोपों की पुष्टि के लिए साक्ष्य जुटा रही है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पूछताछ गोपनीय है। पूछताछ में मिली जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों को दी गई है।

इसे भी पढ़ें-यूपी में बादल से राहत, लेकिन उमस ने बढ़ाई परेशानी

ये निलंबित हुईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

माया (टीला हुसैन खां), मधु (टीला हुसैन खां), ब्रजलता (कटरा गड़रियान), रजनी (टीला शेखमनु), सुनीता देवी (सदर भट्टी), मिथलेश (शाहगंज), विमला देवी (राजा की मंडी), मिथलेश (कुम्हार पाड़ा), रेनू अस्थाना (काजीपाड़ा प्लस वन), खुशबू (चक्कीपाड़ा) और माधुरी शर्मा।

शिकायतें भी बनेंगी आधार

पुष्टाहार की कालाबाजारी को रोकने एक साल में जो भी शिकायतें मिली हैं। उन सभी की जांच होगी। इन सभी शिकायतों की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी से मांगी गई है। जल्द ही यह जानकारी भेज दी जाएगी। शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई है। इसकी भी रिपोर्ट तलब की गई है।

विवेचना में होती है लापरवाही

जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि विवेचना में तत्परता दिखाई जाए, तो ये माफिया बच नहीं पाएंगे। इन्हें समय मिल जाता है। इस बीच में बचाव के रास्ते खोज लिए जाते हैं।

नौ माह में हुई 12 छापेमारी की कार्रवाई

सरकारी राशन के चावल के अवैध भंडारण को लेकर नौ माह के अंदर 12 छापेमारी की कार्रवाई हुईं हैं। 10 सितंबर को सबसे बड़ी कार्रवाई रायभा की ग्राम पंचायत के नगला बुद्धा में 500 से अधिक सरकारी राशन के चावल के बोरे पकड़े गए थे, जिनमें 55 बोरे वे थे, जो राशन डीलर को सीधे तौर पर सप्लाई में दिए जाते हैं।

इस संबंध में मनीष अग्रवाल उर्फ मन्नो, रायभा और सुमित अग्रवाल, खेरागढ़ को नामजद किया था। इनके संबंध एडीएम सिविल सफाई सुशीला से बताए गए थे। इन्हीं आरोपों के चलते उनका ट्रांसफर किया गया है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें