Navratri 2022: जम्मू-कश्मीर या राजस्थान ही नहीं फिरोजाबाद में भी है वैष्णो देवी और मां कैला के मंदिर, नवरात्र पर उमड़ेगी आस्था
Navratri 2022 कोरोना के दो साल बाद नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह-आज रात से ही शुरू हो जाएगी देवी के मंगला दर्शन की तैयारी फिरोजाबाद में उसायनी के पास माता वैष्णो का मंदिर है और शहर में राज राजेश्वर कैला देवी माता का।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 04:12 PM (IST)
फिरोजाबाद, जागरण टीम। कोरोना महामारी के दो साल बाद इस बार नवरात्र महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। शनिवार को मैया की अगवानी करने के लिए घर मंदिर सज गए हैं। धुलाई, सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। देवी के मंगला दर्शन के लिए श्रद्धालु शुक्रवार रात को ही तैयारी कर लेंगे। कांच नगरी में नवरात्र महोत्सव हर बार धूमधाम से मनाया जाता है।
राज राजेश्वर कैला देवी और मां बैष्णो देवी धाम के साथ कई प्राचीन मंदिर
फिरोजाबाद शहर के मध्य स्थित कैला देवी मंदिर राजस्थान के करौली मंदिर का प्रतिबिंब है। गर्भगृह में जलने वाली अखंड ज्योति भी करौली से लाई गई है। यहां होने वाली पूजा की सभी विधि भी राजस्थान के करौली मंदिर जैसी हैं। यूं तो यहां रोज भीड़ जुटती है, मगर नवरात्र में लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। नवरात्रों में दूर दराज क्षेत्र से आए महिला और पुरुष रात को तीन बजे से एकत्र होना शुरू हो जाते हैं। सुबह चार से पांच बजे तक मंगला दर्शन के साथ ही रात दस बजे तक भक्तों का आना जाना लगा रहता है।
इतिहास: कोटला रोड रामलीला मैदान स्थित राजराजेश्वरी मां कैला देवी मंदिर की स्थापना 31 वर्ष पहले हुई थी। हर साल इस मंदिर की ख्याति और मान्यता बढ़ती जा रही है। इस मंदिर की बगल में प्राचीन बड़ा हनुमान मंदिर है। शहर के कुछ उद्यमियों को कैला देवी मंदिर स्थापित करने की प्रेरणा मिली, जो 23 मार्च 1991 को मंदिर की स्थापना के साथ पूरी हुई।
विशेषता: मां कैला देवी के साथ चामुंडा देवी की प्रतिमा स्थापित है। ठीक सामने लांगुरावीर का मंदिर है। यहां नवरात्र में नेजा चढ़ाने वालों की कतार लगी रहती है। जिन लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, वह परिवार और रिश्तेदारों समेत बैंडबाजों के साथ यहां नेजा चढ़ाने आते हैं।ऐसे पहुंचें मंदिरफिरोजाबाद रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड से आटो और ई-रिक्शा से मंदिर पहुंच सकते हैं। टूंडला की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को सुभाष तिराहा और शिकोहाबाद की ओर से आने वालों को ओवर ब्रिज के पास कोटला चुंगी से वाहन मिलते हैं।
सुबह पांच बजे से होंगे मंगला दर्शनकैलादेवी मंदिर में देवी के मंगला दर्शन सुबह चार से पांच बजे तक और वैष्णोदेवी मंदिर में सुबह पांच से छह बजे तक होंगे। इसके लिए मंदिरों में एक घंटे पहले से ही हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच जाती है।मंदिरों में किए गए हैं अतिरिक्त इंतजामवैष्णाे देवी धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष ललितेश जैन का कहना है कि इस बार कोरोना की बंदिशों न होने के कारण श्रद्धालुओं में नवरात्र को लेकर उत्साह है। उम्मीद है कि इस बार मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ेगी। इसलिए मंदिर परिसर में अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। बैरिकेडिंग लगाई जाएगी, जिससे धक्का मुक्की न हो और श्रद्धालु आसानी से मैया के दर्शन कर सकें।
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