Chandra Grahan 2022: ग्रहण काल की शुरू हो चुकी है उल्टी गिनती, गर्भवती महिलाएं भूल से भी न करें ये गलती
Chandra Grahan 2022 शाम साढ़े पांच बजे से शुरू होगा आज चंद्र ग्रहण काल। सुबह सवा आठ बजे से शुरू हो गया था सूतक काल। शाम 6ः 20 बजे से हट जाएगा सूतक काल। गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 01:21 PM (IST)
आगरा, तनु गुप्ता। वर्ष 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण अब से बस कुछ ही देर में लगने जा रहा है। खगोलीय घटना का असर सीधे तौर पर धरती पर मानव और प्रकृति पर पड़ता जरूर है। विशेषकर मां के गर्भ में पल रहे अजन्मे शिशु पर भी ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि सूतक काल से ग्रहणकाल के समापन तक विशेष सावधानी बरती जाए। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन के अनुसार सूतक काल के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। सूतक काल एक अशुभ समय है इसलिए इस दौरान कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
बचें इन कार्यों को करने से
- किसी नये कार्य का शुभारंभ न करें।- भोजन बनाना और खाना वर्जित है।
- मल-मूत्र और शौच जाने से बचें।- देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे का स्पर्श न करें।
- दांतों की सफाई, बालों में कंघी आदि न करें।
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- घर से बाहर न निकलें। - ग्रहण को न देखें।- सिलाई एवं कढ़ाई का काम न करें।- सब्जी काटने और छीलने से बचें।- सूई व चाकू का प्रयोग न करें।- संध्या, भजन, ईश्वर की आराधना और व्यायाम करें।- ग्रहण के समय चाकू और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच सकती है।- पेट व नाभि पर गेरू का लेप लगाकर इष्ट देव कल आराधना करें। ग्रहण काल में हुआ किया हुआ मंत्र जप कई गुना फल देता है।ग्रहण के बाद करें ये
- ग्रहण के पश्चात घर की शुद्धि हेतु गंगाजल से छिड़काव करें।- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों पर गंगा जल छिड़के और उनकी पूजा करें। सूतक काल समाप्त होने के पश्चात ही भोजन पकायें और खाये।- ग्रहण के दौरान मनुष्य की पाचन शक्ति कमज़ोर हो जाती है इसलिए इस दौरान खाया गया भोजन आसानी से नहीं पचता है और व्यक्ति अपच का शिकार होता है। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन