Chhath Puja 2022: घर- घर बन रहा आज ठेकुआ, छठ पूजा का ये प्रसाद है उपासना के साथ सेहत के लिए भी जरूरी
Chhath Puja 2022 सूर्य छठ पर्व का आज है तीसरा दिन। सुबह से घर में महिलाएं बना रही हैं सूर्यास्त की पूजा के लिए प्रसाद। तैयार की जा रहीं प्रसाद की टोकरियां। टोकरियों में सबसे जरूरी है फलों के साथ घर में ही बना ठेकुआ का प्रसाद।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Sun, 30 Oct 2022 12:32 PM (IST)
आगरा, तनु गुप्ता। शुद्धता, स्वच्छता और सात्विकता का महापर्व है छठ पूजा। सूर्योदय के साथ सूर्यास्त काे भी नमन। यानी उदय के साथ अस्त का भी महत्व संदेश देने वाले प्रकृति आराधना के इस महापर्व की उमंग में पूरब से लेकर पश्चिम तक हर कोइ डूबा है। छह महापर्व का आज तीसरा दिन है। सुबह से घरों में महिलाओं ने स्वच्छता का ध्यान रखते हुए नये मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ प्रसाद बनाना शुरू कर दिया है। निराहार रहकर व्रती सायंकाल की पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रसाद की टोकरियां व्रती तैयार कर रहे हैं।
प्रसाद में सबसे महत्वपूर्ण ठेकुआ होता है। इस बारे में ज्योतिषशास्त्री पंकज प्रभु बताते हैं कि छठ पूजा में वैसे तो कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं लेकिन उसमें सबसे अहम ठेकुए का प्रसाद होता है। जिसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है। छठ की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है। छठ के सूप में इसे शामिल करने के पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ऐसे में ठंड से बचने और सेहत को ठीक रखने के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।
केले का महत्व
छठ में केले का भी खास महत्व है। यही वजह है कि प्रसाद के रूप में इसे बांटा और ग्रहण किया जाता है। इसके पीछे तर्क यह है कि छठ पर्व बच्चों के लिए किया जाता है और सर्दियों के मौसम में बच्चों में गैस की समस्या हो जाती है। ऐसे में उन्हें इस समस्या से बचाने के लिए प्रसाद में केले को शामिल किया जाता है।प्रसाद में डाभ नींबू
छठ के प्रसाद में डाभ नींबू जो कि एक विशेष प्रकार का नींबू है चढ़ाया जाता है। ये दिखने में बड़ा और बाहर से पीला व अंदर से लाल होता है। आपको बता दें डाभ नींबू हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है और ये हमें कई रोगों से दूर रखता है। डाभ नींबू हमें बदलते मौसम में बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है।
ज्योतिषशास्त्री पंकज प्रभु
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