Chhatrapati Shivaji Maharaj Museum Agra: नाम ही बदला, तीन वर्ष से काम बंद, अखिलेश सरकार में हुआ था शिलान्यास
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti शिल्पग्राम के नजदीक विद्युत विभाग की सीमेंटेड पोल फैक्ट्री की 5.9 एकड़ जमीन पर करीब 141 करोड़ रुपये से मुगल म्यूजियम बनाया जा रहा है। इसमें आठ गैलरियों में आगरा के इतिहास वास्तुकला हस्तकलाओं आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 19 Feb 2023 01:05 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर बन रहे म्यूजियम का काम जनवरी, 2020 से बंद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम कर दिया गया, लेकिन निर्माण के लिए तीन वर्ष से धनराशि आवंटित नहीं की गई है।
अखिलेश सरकार ने किया था शिलान्यास
अखिलेश सरकार में जनवरी, 2016 में मुगल म्यूजियम का शिलान्यास किया गया था। सितंबर, 2020 में आगरा मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन में पर्यटन विभाग ने आदेश जारी किया था।
तीन साल से बंद है काम
- जनवरी, 2020 से धनराशि आवंटित नहीं होने की वजह से यहां काम बंद है
- म्यूजियम के निर्माण पर 99 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं
- म्यूजियम की लागत शुरुआत में 141.89 करोड़ रुपये आंकी गई थी
- बाद में काम बढ़ने, निर्माण सामग्री की लागत बढ़ने व जीएसटी लागू होने पर पर्यटन विभाग ने 172 करोड़ रुपये का रिवाइज्ड एस्टीमेट शासन को भेजा था, जिसे स्वीकृति मिलने का इंतजार है।
आगरा किला में बता दी थी शिवाजी की जेल
दो दशक पूर्व आगरा किला में छत्रपति शिवाजी महाराज को औरंगजेब द्वारा आगरा किला में बंधक बनाकर रखे जाने की किंवदंती प्रचलन में थी। एएसआइ ने इस आधार पर वर्ष 2003 में वाटर गेट के नजदीक कोठरियों को शिवाजी महाराज की जेल बताते हुए संरक्षित कराया था। इस पर लगभग 45 लाख रुपये खर्च हुए थे। राजकिशोर राजे बताते हैं कि आगरा किला मुगलों का निवास स्थल था। मुगलों ने यहां किसी को बंदी बनाकर नहीं रखा। वह बंदियों को ग्वालियर के किले में रखते थे।22 वर्ष पूर्व हुआ था समारोह
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर वर्ष 2001 में पांच दिवसीय समारोह आगरा में हुआ था। 19 से 23 फरवरी तक हुए समारोह से जुड़े रहे संजय गोयल बताते हैं कि उनके पिता सत्यनारायण गोयल शिवाजी स्मारक समिति के सचिव और चाचा स्वरूपचंद गोयल आगरा नागरिक मुंबई संघ के अध्यक्ष थे। 19 फरवरी, 2001 को आगरा किला के बाहर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण हुआ था।
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