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Air Force Station: है नाज, यहां तैयार होते हैं देसी-विदेशी कमांडोज Agra News

आगरा एयरफोर्स स्टेशन में है देश का इकलौता पीटीएस। वर्ष 2019 में 14 हजार जवानों ने लगाई 45 हजार लगाई छलांग।

By Prateek GuptaEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 06:56 PM (IST)
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Air Force Station: है नाज, यहां तैयार होते हैं देसी-विदेशी कमांडोज Agra News
आगरा, जागरण संवाददाता। म्यांमार हो या फिर पाकिस्तान। इन दोनों देशों में भारतीय कमांडोज ने अदम्य साहस का परिचय दिया। हेलीकॉप्टर से पैराशूट की मदद से छलांग लगाई। इसकी ट्रेनिंग आगरा स्थित पैराट्रुपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में ली थी। यह देश का इकलौता ट्रेनिंग स्कूल है। जहां सिर्फ भारतीय कमांडोज ट्रेनिंग नहीं लेते हैं बल्कि श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, जर्मनी सहित अन्य देशों के जवान यहां ट्रेनिंग के लिए आते हैं। वर्ष 2019 में मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में 14 हजार जवानों (भारतीय और विदेशी) ने 45 हजार छलांग लगाई थीं। यह छलांग एएन-32, हेलीकॉप्टर सहित अन्य विमानों से थी।

दो तरीके के होते हैं कोर्स

पीटीएस में दो तरीके के कोर्स हैं। पहला कोर्स बेसिक और दूसरा एडवांस कोर्स है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी आगरा में रहकर ट्रेनिंग हासिल कर चुके हैं।

यूं दी जाती है ट्रेनिंग

बेसिक कोर्स 12 दिनों का होता है। यह तीन चरण में दी जाती है। पीटीएस में इसकी तैयार कराई जाती है। फिर हर दिन टेस्ट दिया जाता है। टेस्ट में पास होने के बाद ही विमान से छलांग लगाने का मौका मिलता है जिसमें चार जंप दिन और एक रात में होती है। जंप 1250 फीट की ऊंचाई से होती है। फिर एडवांस कोर्स किया जाता है। इसके तहत 20 हजार फीट की ऊंचाई से कूदने की ट्रेनिंग दी जाती है।

पैराट्रुपर का मिलता है तमगा

पीटीएस में ट्रेनिंग के बाद सफल जंप लगाने वालों को पैराट्रुपर का तमगा मिलता है जिसमें सीने में उड़ती चिडिय़ा का चिन्ह शामिल है।

मलपुरा में लगता है मेला

पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग के लिए अभ्‍यास तड़के मलपुरा स्थित जंपिंग ग्राउंड में कराया जाता है। इस अभ्‍यास के देखने के लिए आसपास के गांवों से लोग सुबह ही पहुंच जाते हैं। सुबह लगभग सात बजे तक चलने वाले इस अभ्‍यास के दौरान मेले जैसा माहौल नजर आता है।  

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