Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हाथ थाम 'सीकरी' के रण में उतरने को तैयार कांग्रेस, ब्राह्मण-ठाकुर चेहरों की हो रही तलाश; दिल्ली में बैठक आज

सीकरी में जातिगत समीकरण और गठबंधन के परंपरागत वोट बैंक को ध्यान रखा जा रहा है। ब्राह्मण ठाकुर जाट बाहुल्य सीट पर यादव मुस्लिम गठजोड़ भी निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में गठबंधन प्रत्याशी को लेकर पार्टी मशक्कत कर रही है। बसपा में भी दावेदारी जमकर हो चुकी है। पार्टी ठाकुर एवं ब्राह्मण समाज में से किसी एक पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है।

By Ambuj Upadhyay Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 07 Mar 2024 11:43 AM (IST)
Hero Image
हाथ थाम 'सीकरी' के रण में उतरने को तैयार कांग्रेस

जागरण संवाददाता, आगरा। फतेहपुर सीकरी के समर में भाजपा ने तो चुनाव की घोषणा से पहले ही अपने पत्ते खोल दिए हैं। मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई सीट पर उम्मीदवार का इंतजार है।

अधिकांश कांग्रेसी राजबब्बर को एक बार फिर मैदान में उतारना चाहते हैं। जबकि गत विधानसभा चुनाव में खेरागढ़ से प्रत्याशी रहे रामनाथ सिकरवार भी प्रमुख दावेदारों में हैं। एक जिला पदाधिकारी अपनी पत्नी को और दो चुनाव लड़ चुके नेताजी भी प्रयास में जुटे हैं।

बसपा ने नहीं खोले अपने पत्ते

दिग्गज नेता और पार्टी में उत्तर प्रदेश मीडिया विभाग के चेयरमैन डा. सीपी राय को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वहीं बसपा ने भी अभी पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी को ठाकुर और ब्राह्मण चेहरे में से प्रत्याशी की तलाश है।

कांग्रेस में दावेदारों ने स्थानीय, प्रदेश एवं शीर्ष नेतृत्व तक सीधे दावेदारी की है। इन सभी पर संयुक्त रूप से चिंतन होना है। पार्टी के वरिष्ठजन के अनुसार सप्ताहभर में सभी निर्णय ले लिए जाएंगे। यूपी को लेकर दिल्ली में गुरुवार को भी चिंतन होना है। इसमें उत्तर प्रदेश के दिग्गजों को भी बुलाया गया है।

कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक मजबूत स्थिति में

सीकरी में जातिगत समीकरण और गठबंधन के परंपरागत वोट बैंक को ध्यान रखा जा रहा है। ब्राह्मण, ठाकुर, जाट बाहुल्य सीट पर यादव, मुस्लिम गठजोड़ भी निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में गठबंधन प्रत्याशी को लेकर पार्टी मशक्कत कर रही है। बसपा में भी दावेदारी जमकर हो चुकी है। पार्टी ठाकुर एवं ब्राह्मण समाज में से किसी एक पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। परंपरागत वोट बैंक भी मजबूत स्थिति में है।

इसे भी पढ़ें: सपा के गढ़ में उठे बगावती सुर, डिंपल की सीट पर पार्टी नेता ने ही दी चेतावनी; खुद अखिलेश को संभालना पड़ा मोर्चा

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें