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Agra Fort: धमक से फोर्ट के दीवान-ए-आम में आईं दरारें, जी-20 के मेहमानों के लिए हुई थीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

Agra Fort एएसआइ द्वारा शो के लिए दी गई अनुमति में साउंड लेवल यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों के लिए निर्धारित मानक के अनुसार रखने को कहा गया था। 40 डेसीबल से अधिक की ध्वनि यहां नहीं की जा सकती थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 14 Feb 2023 07:09 AM (IST)
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Agra Fort: धमक से आगरा फोर्ट के दीवान-ए-आम में आईं दरारें।
आगरा, जागरण संवाददाता। जी-20 के मेहमानों के स्वागत को आगरा किला के दीवान-ए-आम में हुई प्रोजेक्शन मैपिंग व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने स्मारक को क्षति पहुंचाई है। साउंड की धमक से दीवान-ए-आम की दीवार व छत में कई जगह दरारें आ गई हैं। कुछ जगह से चूने का प्लास्टर भी झड़ गया है। साेमवार को एएसआइ के अधिकारियों ने निरीक्षण कर स्मारक को पहुंची क्षति का आकलन किया। फिलहाल पर्यटकों की सुरक्षा को स्मारक के क्षतिग्रस्त हिस्से में बैरीकेडिंग की जा रही है, जिससे कि कोई गंभीर हादसा नहीं हो जाए।

आगरा फोर्ट देखने आए थे जी-20 के मेहमान

आगरा में 11 व 12 फरवरी को जी-20 की महिला सशक्तीकरण पर बैठक हुई थी। बैठक में अाए जी-20 के प्रतिनिधियों के लिए 11 फरवरी की शाम आगरा किला में महिला, बाल विकास एवं संस्कृति मंत्रालय ने प्रोजेक्शन मैपिंग व सांस्कृतिक प्रस्तुति का आयोजन किया था। करीब 45 मिनट की प्रस्तुति दीवान-ए-आम में की गई थी। इसके लिए दीवान-ए-आम में पर्दे लगाने के बाद उन पर लेजर लाइट डाली गई थीं। साउंड एंड लाइट शो की तरह हुई प्रस्तुति में लाइटों व साउंड का इस्तेमाल हुआ था। इसके लिए किले में जगह-जगह स्पीकर लगाए गए थे।

निरीक्षण करने पर मिलीं दरारें

रविवार (12 फरवरी) को एएसआइ के अधिकारी जी-20 प्रतिनिधियों की ताजमहल की विजिट में व्यस्त रहे। सोमवार सुबह कर्मचारियों से उन्हें आगरा किला के दीवान-ए-आम में कुछ जगह से चूने का प्लास्टर झड़ने और दीवार व छत में दरार आने की जानकारी मिली। इसके बाद अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल, उप-अधीक्षण पुरातत्वविद् सुनीता तेवतिया, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् नीरज वर्मा समेत अन्य अधिकारी आगरा किला पहुंचे। उन्होंने स्मारक को पहुंची क्षति का आकलन किया। दीवान-ए-आम की दक्षिण दिशा में सीढ़ियों के नजदीक स्थित खंबे के ऊपर दीवार और छत में दरारें साफ नजर आ रही थीं। यहां कुछ जगहों से झड़ा चूने का प्लास्टर भी नजर आ रहा था।

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पर्यटकों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग

स्मारक की छत के ऊपर जाकर भी अधिकारियों ने स्मारक को पहुंची क्षति को देखा। स्मारक के इस हिस्से में पर्यटकों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की जा रही है। अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि विभागीय टीम ने दीवान-ए-आम का निरीक्षण किया है। विभाग द्वारा यह परीक्षण किया जा रहा है कि यह दरारें पहले से थीं या फिर कार्यक्रम के बाद आई हैं।

दो से छह एमएम तक की दरारें

दीवान-ए-आम की दीवार और छत में दो से लेकर छह मिलीमीटर (एमएम) की दरारें आई हैं। स्मारक की छत पर ऊपर की तरफ से दरारें अधिक गहरी हैं। दीवान-ए-आम की छत के निर्माण में मुगल काल में लगभग एक फुट मोटे पत्थरों के स्लैब डाले गए थे। वही आज तक यहां लगे हुए हैं।

रात को की थी तेज आवाज में रिहर्सल

सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 10 फरवरी को आगरा किला में रिहर्सल की गई थी। तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाए जाने पर एएसआइ के अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। अधिकारियों के आगरा किला से लौटने के बाद रात 12 से सुबह चार बजे तक तेज आवाज में रिहर्सल की गई। कर्मचारियों ने इसकी सूचना दी तो सांस्कृतिक प्रस्तुति के दिन तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम नहीं बजाने की ताकीद की गई थी।  

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