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साइबर ठगों ने बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष को बनाया निशाना, 72 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट; नहीं ऐंठ पाए रुपये

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में साइबर ठगी से जुड़ा एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार ठगों के निशाने पर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल गोयल आए। शातिरों ने 72 घंटे तक गोयल को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गनीमत रही कि रक्षाबंधन के चलते बैंकों के अवकाश थे नहीं तो बड़ी रकम पर भी हाथ मारा जा सकता था।

By Nitesh Srivastava Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 20 Aug 2024 09:27 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

जागरण संवाददाता,आगरा। साइबर ठगों ने आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल गोयल को निशाना बना लिया। दिल्ली पुलिस और सीबीआइ के अधिकारी बताते हुए उनके मोबाइल नंबर से अश्लील संदेश प्रसारित करने और काले धन के स्थानांतरण की बात कहकर डराया।

करीब 72 घंटे उन्हें किसी से भी संपर्क न करने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट रखा। बैंक खाते की जानकारी मांगी। शातिर दो दिन लगातार अधिवक्ता पर बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाते रहे। दो दिन बैंक में अवकाश होने से वह ऐसा नहीं कर सके। तीसरे दिन मंगलवार को शक होने पर उन्होंने विरोध किया तो ठगों ने नंबर बंद कर लिए।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके अनिल गोयल ने बताया कि 18 अगस्त की सुबह उनके पास एक अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने खुद को आइपीएस अधिकारी बताया और दिल्ली के नेहरू नगर थाने से बात करने की जानकारी दी। उनसे कहा कि वे मोबाइल नंबर का व्यवसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं। उससे अश्लील संदेश प्रसारित करते हैं। इस कारण उनका मोबाइल नंबर बंद किया जा रहा है।

अधिवक्ता ने ऐसा करने से मना किया तो वाट्सएप पर एक लिंक भेजा। लिंक खोलने पर उसमें आधार नंबर डालने को कहा। आधार नंबर बताने पर बैंक खाते से अवैध रूप से 68 लाख रुपये के स्थानांतरण करने की बात कही। काल को सीबीआइ के अधिकारी को स्थानांतरित करने की बात कहकर दूसरी जगह जोड़ दिया।

दूसरे शख्स ने खुद को सीबीआइ अधिकारी बताया और उनके मुकदमे में वांछित होने की जानकारी देते हुए सीबीआइ और आरबीआइ के नाम से मोहर लगे दो पत्र भेजे। इससे अधिवक्ता दहशत में आ गए। इस पर शातिरों ने घर से न निकलने, हर वक्त आनलाइन रहने और आधे घंटे में आनलाइन हाजिरी लगाने को कहा।

सोमवार सुबह एक बैंक खाते का नंबर दिया और अपने खाते का सारा धन उसमें डालने को कहा। अधिवक्ता ने आनलाइन बैंकिंग न कर पाने की बात कही। इस पर उन्हें नजदीकी बैंक जाने को कहा। सोमवार को रक्षाबंधन का अवकाश होने से बैंक बंद होने की जानकारी दी। इस पर शातिरों ने उन्हें डराया और अगले दिन तक लगातार आनलाइन हाजिरी रहने को कहा।

अधिवक्ता ने रात में एक दोस्त से इस संबंध में बात की तो उन्हें ठगों के होने का शक हुआ। इसके बाद उन्होंने कई दोस्तों और स्वजन को पूरे मामले से अवगत कराया। मंगलवार सुबह ठग फिर सक्रिय हो गए। साढ़े दस बजे बैंक जाने को कहने लगे। उन्होंने कोर्ट में तारीख होने का हवाला दिया तो वो गिरफ्तारी के नाम पर डराने लगे।

अधिवक्ता ने किसी खाते में रुपये न डालने और गिरफ्तार कर लेने को कहा। इसके बाद ठगों के फोन आना बंद हो गए। अधिवक्ता अनिल गोयल ने बताया कि साइबर सेल के पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा दी गई है। बुधवार को अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल कार्रवाई की मांग के लिए पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड से मुलाकात करेगा।

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