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Agra News: सिंगर अमृता नायक इंटरव्यू; 'डिजिटल होती दुनिया में अवसरों की कमी नहीं, लाइव म्यूजिक कम होने से नहीं आती फीलिंग'

Agra Dandiya Raas अमृता नायक ने कहा कि उन्हें बचपन से संगीत पसंद है। वह पढ़ाई में हमेशा गुड एवेरज रहीं। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने जाब करना शुरू किया। जाब के साथ सिंगिंग करने में परेशानी तो हुई लेकिन उन्होंने मैनेज किया। कोविड काल में मन में विचार आया कि जाब छोड़ दें लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। इच्छा हो तो कुछ भी संभव है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 09:57 AM (IST)
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पार्श्व गायिका अमृता नायक
जागरण संवाददाता, आगरा: बालीवुड की पुरानी हिंदी फिल्मों के गीत आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं, तो उसकी मुख्य वजह टीम वर्क है। उस दौर में गीतकार, संगीतकार, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता साथ बैठकर गीत के बोल और धुन तैयार करते थे।

फिल्म की कहानी को ध्यान में रखकर गीत लिखे जाते थे। सभी की पसंद से सदाबहार नगमे बने। आज ऐसा नहीं हो रहा है, जिसके चलते फिल्मी गीतों को कुछ ही दिन में लोग भुला देते हैं।

दैनिक जागरण द्वारा आयोजित डांडिया रास-2023 में आईं पार्श्व गायिका अमृता नायक ने जागरण प्रतिनिधि से वार्ता में यह बात कही। होटल भावना क्लार्क्स इन, कैलाशपुरी में वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि अब जमाना बदल गया है।

अमृता ने बताया लाइव म्यूजिक कम और इलेक्ट्रोनिक म्यूजिक अधिक हो गया है। ओरिजेनिलिटी कम होने से पहले जैसी फीलिंग नहीं आती है। युवाओं में रैप और फ्यूजन की बढ़ती लोकप्रियता के सवाल पर अमृता ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से रैप उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन अब रैप में ऐसे गीत लिखे जा रहे हैं, जिनसे प्रेरणा मिलती है। फिल्म गली बाय का गीत अपना टाइम आएगा... इसी तरह का गीत है।

अवसरों पर बदल रही दुनिया

अमृता ने कहा कि पाश्चात्य संगीत को युवा पसंद करते हैं, इसलिए वह शास्त्रीय संगीत के साथ पाश्चात्य संगीत का फ्यूजन करती हैं। इससे अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करना संभव हो रहा है। युवा भी इससे जुड़ रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में बढ़ते अवसरों पर उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है।

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पहले फिल्मों में गाने को ही सफलता का पैमाना माना जाता था। आज डिजिटल होती दुनिया में अवसरों की कमी नहीं है। अपना चैनल बनाकर भी गायकों ने प्रसिद्धि पाई है। अमृता के भी 1.5 मिलियन फालोवर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर हैं।

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हिंदी में गाना पसंद, उड़िया मातृभाषा

ओडिशा की रहने वाली अमृता नायक ने कहा कि उड़िया उनकी मातृभाषा है, लेकिन हिंदी गीत गाना उन्हें बहुत पसंद है। तेलुगू में भी कंफर्टेबल रहती हूं। अमृता तमिल, कन्नड़ समेत 10-12 भाषाओं में गीत गा चुकी हैं। नवंबर में रिलीज होने जा रही फिल्म शुगर फैक्ट्री, फ्राम द कनाडा के गीत उन्होंने गाए हैं। हिंदी में भी कुछ फिल्में वह कर रही हैं। इसके साथ ही वह एल्बम भी कर रही हैं।

बढ़ रहा है डांडिया का क्रेज

दैनिक जागरण द्वारा आयोजित डांडिया रास में पहली बार प्रस्तुति दे रहीं अमृता नायक ने कहा कि सहारनपुर के बाद अलीगढ़ में उन्हें अच्छा आडिएंस मिला। डांडिया के प्रति क्रेज बढ़ा है। आगरा में पहली बार प्रस्तुति देने आई हूं। इससे पूर्व यहां ताजमहल देखा था। यहां से बहुत सारा प्यार और यादें ले जाना चाहती हूं। 

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