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'बेटी रैकेट में फंसी है' सदमे में शिक्षिका की मौत: पाकिस्तानी नंबर से आया स्पैम कॉल, डिजिटल अरेस्ट से ऐसे बचें

मैं इंस्पेक्टर विजय कुमार बोल रहा हूं तुम्हारी बेटी रैकेट में पकड़ी गई है। उसे जेल जाने से बचाना है तो चुपचाप 15 मिनट में एक लाख रुपये खाते में भेज दो। लो बेटी से बात करो मां जो यह बोल रहे हैं उसे पूरा कर दो। मैं यहां बुरी तरह से फंस गई हूं। साइबर शातिरों द्वारा अरेस्ट की गई शिक्षिका मालती देवी की सदमे में जान चली गई।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 05 Oct 2024 07:03 AM (IST)
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शिक्षिका विमला वर्मा की मौत के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।

जागरण संवाददाता, आगरा। साइबर अपराधी की धमकी से शिक्षिका की मृत्यु के मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें काल करने वाले अज्ञात साइबर अपराधियों को आरोपित बनाया गया है। डिजिटल अरेस्ट समेत साइबर अपराध की अन्य घटनाओं को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने लोगों काे जागरूक करने के लिए शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बेटी की आवाज सुनाकर उसे छुड़वाने के लिए मांगे एक लाख

सुभाष नगर, अलबतिया रोड जगदीशपुरा की रहने वाली शिक्षिका मालती वर्मा 30 सितंबर को राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में थीं। दोपहर 12 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह इंस्पेक्टर विजय कुमार बोल रहा है। उनकी बेटी रैकेट में पकड़ी गई है, इसके बाद किसी लड़की आवाज सुनाते हुए उसे छुड़वाने के लिए एक लाख रुपये मांगे।

विमला वर्मा की बिगड़ गई हालत

बेटी के मुसीबत में फंसे होने की बात सुन विमला वर्मा की हालत बिगड़ गई। घर पहुंचने के बाद वह बेहोश होकर गिर गईं, स्वजन अस्पताल लेकर गए, वहां उनकी मृत्यु हाे गई। शिक्षिका के पति शिवचरन लाल वर्मा ने जगदीशपुरा थाने में गुरुवार शाम को तहरीर दी थी। मामला साइबर अपराध का होने के चलते साइबर थाने में नुकसान पहुचांने की धमकी देकर वसूली करने और आइटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पाकिस्तान के नंबर से की स्पैम कॉल

पाकिस्तान के नंबर से स्पैम कॉल की गई थी। साइबर थाने की टीम यह जानने का प्रयास कर रही है कि जिस बैंक खाते में रकम डालने को कहा गया था, वह किसके नाम से है। आशंका है कि उक्त खाता भी फर्जी आईडी पर खोला होगा। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि साइबर टीम अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। साइबर अपराध के नए तरीकों से लोगों को जागरूक करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

डिजिटल अरेस्ट से ऐसे बचें

  • अनजान नंबर से काल या वीडियो कॉल करके कोई भी व्यक्ति पुलिस वर्दी पहनकर आपको फंसाने का प्रयास करे,कहे कि किसी को नहीं बताना है तो सबसे पहले कॉल को कट करके परिवार व पुलिस को सूचना दें।
  • पुलिस कभी भी किसी को कॉल करके या डरा धमका कर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है।
  • साइबर अपराधी कॉल करके आपको किसी मामले से बचाने के लिये रूपये की मांग करते हैं।
  • खुद को सीबीआई, एनआईए या किसी अन्य विभाग में अधिकारीय या किसी कंपनी का सदस्य बताकर भी ठगी का प्रयास किया जा सकता है
  • वेबसाइट, एप्लीकेशन अथवा काल एवं किसी भी माध्यम से आपको डराकर, झांसा देकर डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास करें तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
  • यदि कॉलर कहता है कि मनी लांड्रिंग या ड्रग्स तस्करी में आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है तो तुरंत काल कट कर दें।
  • कॉल करने वाला कहता है कि आपका बेटा या बेटी अरेस्ट किया गया है, तुरंत रुपये भेजे तो छोड़ दिया जाएगा तो समझ जाएं कि ये साइबर अपराधी है, झांसे में न आएं।
  • 92 कोड वाले नंबर की कॉल रिसीव न करें, साथ ही वाट्सएप पर अनजान नंबर से आने वाली वीडियो और ऑडियो कॉल को नजर अंदाज करें।

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यहां करें शिकायत

  1. टोल फ्री नम्बर 1930 पर शिकायत दर्ज करें
  2. https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें। 
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