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UP News: ये कैसी समाजसेवा! पिता ने कैंप में पन्नी बीनी, मेहनत की लेकिन नहीं मिली ट्राई साइकिल; बिखर गया बेटे की पढ़ाई का सपना

Agra Latest News In Hindi कैंप में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी टाइसाइकिल नहीं दी जा रही हैं। इस तरह के मामले सामने आए हैं। फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर गीतम सिंह की रहने वाली विपिन कुमारी ने बताया कि मोटरचालित ट्राई साइकिल के लिए खुद देवेंद्र सविता का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फोन आया था। रजिस्ट्रेशन भी हो गया लेकिन मोटरचालित ट्राई साइकिल नहीं मिली।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 29 Jan 2024 03:15 PM (IST)
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Agra News: पैरों में रखी पगड़ी फिर भी न मिली ट्राई साइकिल
जागरण संवाददाता, विद्याराम नरवार, आगरा। फतेहाबाद के मान सिंह ने अपने दिव्यांग बेटे की खातिर एलिम्को द्वारा अधिकृत आसरा सेंटर के निदेशक देवेंद्र सविता के पैरों में पगड़ी तक रख दी। बावजूद इसके बेटे अंकित को मोटरचालित ट्राई साइकिल नहीं मिली। दिनभर कैंप में पन्नी बीनी, मेहनत की और शाम को मिली फटकार। मोटरचालित ट्राई साइकिल न मिल पाने के कारण अंकित पढ़ने नहीं जा पा रहा है।

अंकित का एक ही सवाल है क्या मुझे कभी मोटरचालित ट्राई साइकिल मिल पाएगी? अंकित ही एक मात्र देवेंद्र सविता से पीड़ित नहीं है, फिरोजाबाद की विपिन कुमारी भी हैं। ऐसे दर्जनों दिव्यांग हैं, जिनकी गाड़ी के अभाव में पढ़ाई छूट गई।

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कैंप में पहुंचे थे पिता

फतेहाबाद के मौखे का पुरा के रहने वाले दिव्यांग अंकित ने ककुआ स्थित ओम सांई गार्डन के पास एलिम्को के आसरा सर्विस सेंटर पर 27 जुलाई, 2023 को रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसकी उसके पास रसीद भी है। अंकित के पिता मान सिंह ने बताया कि 16 दिसंबर को खेरागढ़ में कैंप लगा। कैंप में मोटरचालित ट्राई साइकिल लेने के लिए वे पहुंचे। मान सिंह ने बताया कि आसरा सेंटर के निदेशक देवेंद्र सविता ने उसे काम पर लगा दिया। दिनभर गाड़ियों की पन्नी बिनवाईं। शाम को मोटरचालित ट्राई साइकिल मांगी तो फटकार दिया।

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गाली-गलौज कर भगा दिया

मान सिंह ने बताया कि यहां से वह 19 दिसंबर को ककुआ स्थित आसरा सेंटर पहुंचा। बच्चे की खातिर देवेंद्र सविता के पैरों में पगड़ी रख दी, लेकिन गाली-गलौज कर भगा दिया। मान सिंह का कहना है कि बेटे की खातिर ये सबकुछ किया ताकि बेटा कुछ पढ़ लिख जाए। अंकित कक्षा छह का छात्र है।

सपना बिखर गया

कैंप लगने की विपिन कुमारी को जानकारी हुई तो आसरा के निदेशक देवेंद्र सविता को फोन कर शिकायत दर्ज कराई। इस पर उसने जवाब दिया कि तुम तो गाड़ी ले जा चुकी हो, जबकि विपिन कुमारी का कहना है कि उसे कोई गाड़ी नहीं मिली है। उसका कहना है कि इंटर तक तो शिक्षा ले ली, लेकिन ग्रेजुएशन करने के लिए आने जाने की परेशानी है। गाड़ी मिल जाती तो आगे की पढ़ाई कर लेती। सपना बिखर गया। 

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