Chambal River: चंबल नदी का रौद्र रूप देख ग्रामीणों में दहशत, यमुना भी उफान पर
Chambal River डीएम आगरा पीएन सिंह ने तीन गांव में पहुंचकर लिया हालात का जायजा। आवागमन को कराई स्टीमर की व्यवस्था। गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
By Tanu GuptaEdited By: Updated: Tue, 03 Aug 2021 02:57 PM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना नदी उफान की ओर बढ़ रही है। गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। चंबल नदी खतरे के निशान (132 मीटर) के आसपास नदी का विकराल रूप डरा रहा है। ग्रामीणों में दहशत हैंं। डीएम प्रभु एन सिंंह ने गांव गोहरा, रानीपुरा व भटपुरा पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने जल स्तर बढने को ध्यान मे रखते हुए इन गांवों से आवागमन के लिए स्टीमर की व्यवस्था कराई है।
डीएम ने बताया कि यमुना नदी में अभी खतरे की स्थिति नहीं है। गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह इस नदी का जलस्तर 492 फीट पर पहुंच गया। यमुना का लो फ्लड लेवल 495 फीट है जबकि, फ्लड लेवल 508 फीट है। अगर जलस्तर बढ़ता है तो किनारे के लोगों को अलर्ट किया जाएगा। खासकर शहर में दयालबाग में निगरानी रखी जा रही है।सदर और फतेहाबाद तहसील के कई गांवों में फसलें जलमग्न होने की सूचना आई है। किसान अपने मवेशियों के लिए चारा भी नहीं जा पा रहे है। ऐसे में एसडीएम को कहा गया है कि वह आवश्यक व्यवस्था करें। किसानों को नदी के पास जाने से मना किया जाए।
डीएम ने बताया कि मंगलवार को चंबल नदी का जल स्तर 127.8 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से कम है। राजस्थान के कोटा बैराज जिस तरह से पानी छोड़ेा गया है, उससे उम्मीद लग रही है कि यह जल स्तर 131 मीटर तक हो जाएगा पर चेतावनी बिन्दु से फिर भी कम रहेगा। इस नदी का जलस्तर पिछले एक सप्ताह से घट-बढ़ रहा है, फिर भी गांव गोहरा, रानीपुरा व भटपुरा में स्टीमर की व्यवस्था की गईंं हैंं। ग्रामीणों को नदी के किनारे जाने से मना किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में चंबल नदी का जल स्तर 137 मीटर व वर्ष 1999 में जल स्तर 137 मीटर रहा, तो उस समय इस क्षेत्र में बाढ़ आई।
दो किमी दायरे की फसलें बर्बादचबंल नदी के दो किलोमीटर दायरे में आने वाले खेतों की फसलों तक चंबल नदी का बाढ़ पहुंच चुका है। इससे आसपास के तमाम खेतों में पानी भर गया है और फसल जलमग्न है। बाह के गांव गोहरा, रानीपुरा, गुढ़ा, पुरा उमरैठा, झरनापुरा, डालपुरा आदि गांवों में बिजली काट दी गई है। रात के समय यहां के ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
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