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Dbrau: संस्कृति भवन का मालिकाना हक के बनेंगे कागज, कुलपति के निर्देश, एडीएम में नक्शे के लिए होगा आवेदन

Dbrau डा. भीमराव आंबेडकर विवि का संस्कृति भवन विवादों में घिरा था। संस्कृति भवन का वर्ष 2017 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक और उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने शिलान्यास किया था। फंड न मिलने पर छह माह तक भवन का निर्माण बंद रहा था।

By Prabhjot KaurEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 21 Nov 2022 07:33 PM (IST)
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Dbrau: डा. भीमराव आंबेडकर विवि का संस्कृति भवन।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन के मालिकाना हक के दस्तावेज को लेकर कुलपति ने निर्देश दे दिए हैं। एडीए से नक्शा पास कराने की प्रक्रिया भी की जाएगी। संस्कृति भवन को लेकर कुलपति ने पूरी जानकारी मांगी है।

विवि के पास नहीं है मालिकाना हक

2017 से 2019 तक बने संस्कृति भवन का मालिकाना हक विश्वविद्यालय के पास नहीं है। 2019 में नक्शे के लिए एडीए ने आवेदन किया था, जिसे एडीए ने मालिकाना हक न होने के कारण निरस्त कर दिया था। संस्कृति भवन का निर्माण 40 करोड़ रुपये में हुआ है।एडीए ने अवैध निर्माण के लिए विश्वविद्यालय और निर्माणदायी संस्था जल निगम की सीएंडडीएस को भी नोटिस दिया था।वर्तमान में संस्कृति भवन में तीन विभाग संचालित है, इनमें इतिहास, ललित कला संस्थान और इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म एंड टेक्नोलाजी शामिल है।इस भवन में प्रेक्षागृह, कला दीर्घा, अंतरराष्ट्रीय स्तर का गेस्ट हाउस आदि सुविधाएं भी हैं।

दैनिक जागरण ने की थी नियमों की अनदेखी की खबरें प्रकाशित

दैनिक जागरण लगातार संस्कृति भवन निर्माण में नियमों की अनदेखी की खबरें प्रकाशित कर रहा है। इन खबरों का संज्ञान लेते हुए कुलपति प्रो. आशु रानी ने मालिकाना हक लेने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रो. रानी ने कहा कि यह भवन विश्वविद्यालय ने बनवाया है, 40 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पिछले सालों में प्रक्रिया क्यों नहीं हुई, मुझे जानकारी नहीं है। मैं दस्तावेज बनवाऊंगी और नक्शे के लिए आवेदन भी किया जाएगा।अगर शासन की मदद की जरूरत होगी तो वहां से भी सहयोग लिया जाएगा। 

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