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Earning with Hair Fall : टूटे बालों से मोटी कमाई- 3200 रुपये तक मिल रहा प्रति किलो का दाम, विदेशों में सप्लाई

टूटे और झड़े हुए बालों को देख तनाव तो हो रहा है लेकिन उनके बदले मिलने वाली धनराशि खुशी भी दे रही है। आगरा की कॉलोनियों गलियों में 2500 से 3200 रुपये तक फेरी वाले बाल खरीद रहे है। ब्यूटी पार्लर और सैलून से भी खरीद की जा रही है। ये ध्यान रखा जाता है कि बालों की लंबाई सात से 10 इंच होनी चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 17 Sep 2023 11:45 PM (IST)
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कलेक्शन सेंटर पर बालों की तुलाई होते हुए। सौजन्य इंटरनेट मीडिया

आगरा, जागरण संवाददाता: टूटे और झड़े हुए बालों को देख तनाव तो हो रहा है, लेकिन उनके बदले मिलने वाली धनराशि खुशी भी दे रही है। आगरा की कॉलोनियों, गलियों में 2500 से 3200 रुपये तक फेरी वाले बाल खरीद रहे है। ब्यूटी पार्लर और सैलून से भी खरीद की जा रही है। ये ध्यान रखा जाता है कि बालों की लंबाई सात से 10 इंच होनी चाहिए। 

रामबाग क्षेत्र के गोदाम में इनका भंडारण होता है। दिल्ली, चेन्नई के कारोबारियों के सहयोग से ट्रीटमेंट कर चीन, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका तक पहुंचाया जा रहा है। यहां विग और पैच तैयार किए जाते हैं।

आगरा में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार किलोग्राम बालों का कलेक्शन होता है। इसके लिए 150 से 200 लोग अलग-अलग क्षेत्रों में घूमते हैं। खेरिया मोड़, बिचपुरी, छीपीटोला, रामबाग में कलेक्शन सेंटर हैं। यमुना पार क्षेत्र कलेक्शन का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। पूरे शहर में होने वाली खरीद का 50 प्रतिशत माल यहीं पहुंचता है। 

दूसरे देशों में होती है सप्लाई

कलेक्शन सेंटर संचालक विपिन सिंह ने बताया कि फेरी वाले प्रतिदिन 12 से 15 किलोग्राम बाल लाते हैं। उनको गुणवत्ता के आधार पर चार हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक भुगतान किया जाता है। एक फेरी वाला एक दिन में 500 ग्राम से डेढ़ किलोग्राम तक बाल खरीद लाता है, जिसमें महिलाओं के ही बाल होते हैं। इन बालों को दिल्ली के व्यापारियों को बेचा जाता है। वहां पर गंदे बालों को स्वच्छ एवं व्यवस्थित कर दूसरे देशों को बेचा जाता है। 

धीरे-धीरे बाजार बढ़ता चला गया बाजार

कलेक्शन सेंटर स्वामी आदिल ने बताया कि पांच वर्ष पहले बालों को खरीदने का काम शुरू किया था। पहले 1500 से दो हजार रुपये में खरीद करते थे। एक दिन में दो से तीन किलोग्राम ही बाल खरीद हो पाती थी। धीरे-धीरे बाजार बढ़ता चला गया। मानसून के दिनों में बाल अधिक झड़ते हैं, इसलिए खरीद बढ़ जाती है।

अब तो फोन कर बुला लेते हैं लोग

फेरी लगाने वाले शाकिर ने बताया कि कॉलोनियों में अब तो ग्राहक भी बन गए हैं। सप्ताह या 15 दिन में अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंच साइकिल पर स्पीकर लगाकर आवाज लगाते हैं। महर्षि पुरम, आवास विकास, खंदारी, लोहा मंडी, रामबाग, कालिंदी विहार क्षेत्र में एक चक्कर में 50 से 300 ग्राम तक बाल मिल जाते हैं। एक घर से अधिकतम आठ से 15 ग्राम तक बाल मिलते हैं। अब तो कुछ लोगों ने मोबाइल नंबर ले लिया है। अगर क्षेत्र में निर्धारित अवधि में नहीं पहुंचे तो वे फोन कर देते हैं।

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