ऐसी अपनी दोस्ती ऐसा प्यार; दाे कुपोषित हथिनियों का अनोखा है रिश्ता, 'लक्ष्मी और परी' की अनूठी है कहानी
Agra News In Hindi कभी भीख और व्यावसाय के लिए हथिनी को इतनी यातनाएं दीं कि वो कुपोषण का शिकार हो गईं। भारत की सबसे पतली हथिनी लक्ष्मी और परी की मित्रता बनी मिसाल।वाइल्ड लाइफ एसओएस के हाथी अस्पताल परिसर में मादा लक्ष्मी और परी का अटूट बंधन।कुपोषित हालत में मिली थीं दोनों दिसंबर 2023 में पनपी दोस्ती तो साथ मनाया क्रिसमस।
जागरण संवाददाता, आगरा। प्यार की जुबां सब जानते हैं, फिर चाहे वह मनुष्य हो या पशु। वाइल्ड लाइफ एसओएस के हाथी अस्पताल परिसर में इन दिनों देश की सबसे सबसे पतली मादा हथिनी लक्ष्मी और परी की मित्रता मिसाल बनी हुई है। दोनों के बीच चार महीने पहले दैनिक सैर दौरान के यह रिश्ता पनपा। आज अटूट बंधन में बंध चुका है।
कुपोषित थी दोनों हथिनी
वाइल्डलाइफ एसओएस को दो मादा हथिनी लक्ष्मी और परी मिलीं, तो वे बहुत अधिक कुपोषित थी। कभी भीख मांगने व व्यावसायिक उपयोग के लिए शोषित की जाने वाली लक्ष्मी का शरीर क्षीण था। उसकी रीढ़ की हड्डी उभरी हुई और जोड़ों में दर्द था। जिस कारण उसे भारत की सबसे पतली हथिनी बुलाया गया। वहीं, परी की पीठ पर भारी काठी और उसे जंजीरों में जकड़ा जाता था। उसे घंटों काम और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था। फिर भी, यह यातनाएं उनकी हिम्मत को नहीं तोड़ सकीं और आज वह दोनों एक असाधारण बंधन में बंध गईं हैं।
एक दूसरे से की दोस्ती
लगभग 33 वर्ष की लक्ष्मी और 23 वर्षीय परी के बीच का रिश्ता दिसंबर 2023 में उनकी दैनिक सैर के दौरान पनपा। स्नेहपूर्ण तरीके से अपनी सूंड द्वारा एक दुसरे को दुलारना और आपस में उनकी बातचीत, जल्दी ही एक गहरी मित्रता में विकसित हो गई।उन्हें पास के ही बाड़ों में रख दिया गया। वहां दोनों ने एक साथ क्रिसमस मनाया। अब वह अक्सर सैर पर भी साथ ही जाती हैं।
परी ने अपने ऊर्जावान स्वभाव और स्वास्थ्य के साथ, इस दोस्ती में एक प्रमुख भूमिका निभाई। उम्र में बड़ी होने के नाते, लक्ष्मी अपनी नई मित्र को देखभाल और सहयोग प्रदान करती है।
मित्रता से पशु चिकित्सक और देखभाल करने वाले प्रसन्न
लक्ष्मी और परी के बीच की दोस्ती ने केंद्र में हाथियों की देखभाल करने वालों और पशु चिकित्सक खुश हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण और सह संस्थापक सचिव गीता शेषमणि ने कहा देखभालकर्ता और पशुचिकित्सक नियमित रूप से हाथियों के बीच अनुकूलता का आकलन करते हैं। लक्ष्मी और परी की मित्रता को देखने के बाद, उन्होंने दोनों हथनियों में जुड़ाव के लक्षण देखे। क्योंकि हाथी अपनी सूंड से एक-दूसरे को सूंघ रहे थे, जिसके बाद उन्हें निकटवर्ती बाड़ों में रखने का निर्णय लिया गया।