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Agra: जंबो जैकेट-तिल के तेल से मालिश, हाथियों को ठंड से बचाने के लिए खास इंतजाम, बाड़े में लगाई हैलोजन लाइट

Wildlife SOS ठंड से बचाने के लिए चुरमुरा स्थित हाथी संरक्षण व सेवा केंद्र में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हाथी पहनते हैं जंबो जैकेट गुनगुने पानी में दिया जाता है ओआरएस दिया जाता है खास पाउडर। 30 हाथी है यहां पर।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 18 Jan 2023 12:02 PM (IST)
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Wildlife SOS: ठंड से बचाने के लिए चुरमुरा स्थित हाथी संरक्षण व सेवा केंद्र में विशेष इंतजाम किए।
आगरा, जागरण संवाददाता। ठंड से बचाने के लिए जितने इंतजाम इंसान खुद के लिए करता है, उतने ही इंतजाम चुरमुरा स्थित हाथी संरक्षण व सेवा केंद्र में हाथियों के लिए किए जा रहे हैं। तिल के तेल में लौंग, लहसुन और नुरानी तेल से हाथियों की मालिश की जा रही है और पीने को गुनगुना पानी दिया जा रहा है।

संरक्षण गृह में हैं 30 हाथी

आगरा-मथुरा हाइवे से दो किलोमीटर दूर चुरमुरा में यमुना किनारे बने संरक्षण गृह में 30 हाथी हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत बूढ़े और बीमार हैं। ठंड से बचाने के लिए हाथियों के बाड़े में हैलोजन लाइट लगाई गई है।गर्म तासीर वाला भोजन दिया जा रहा है। जिसमें लहसुन, गुड़, अदरक, बाजरे का दलिया है। इसके अलावा लहसुन, अजवायन, जीरा,हींग आदि को पीसकर बनाया हुआ पाउडर भी रोज खाने को दिया जा रहा है। रात में सभी हाथियों के ऊपर कंबल डाले जाते हैं।खाना खिलाने के बाद धूप निकलने के बाद हाथियों को जंगल में घुमाया जाता है। 11 बजे महावत टारगेट ट्रेनिंग देते हैं। दिन में हाथी गुनगुनी धूप में मस्ती करते हैं। दोपहर ढाई बजे औ रात आठ बजे उन्हें भोजन दिया जाता है।

हाथियों को जंबो जैकेट पहनाई जाती है

हफ्ते में एक बार हर हाथी की महावत तिल के तेल से मालिश करते हैं। हाथियों को जंबो जैकेट पहनाई गई हैं। वाइल्ड लाइफ एसओएस के वेटनररी सर्विसेज के सहायक निदेशक डा. इलियाराजा ने बताया कि सर्दियों में दिन में तीन से चार बार हाथियों को पीने के लिए गुनगुना पानी दिया जाता है, जिसमें ओआरएस मिलाया जाता है। इससे उन्हें डीहाइड्रेशन नहीं होता।

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बुजुर्ग हाथियों की विशेष सेवा

केंद्र पर सबसे उम्रदराज 74 साल की हथिनी सूजी है। वो अंधी भी है। खाने के दांत टूट चुके हैं। उसे लिक्विड डाइट दी जाती है। फल भी पीस कर दिए जाते हैं। अन्य बुजुर्ग हाथियों को खाना एेसा दिया जाता है, जिसे वे आसानी से चबा सकें। 

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